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- DG Arvind Kumar Was Angry At The Delay In The Construction Of The New Jail, Said And How Many Years It Will Take To Complete The Construction Work
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भिंड10 मिनट पहले
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डीजी जेल निर्माणाधीन जेल का निरीक्षण करते हुए।
- जेल में महिला बैरक के निर्माण को लेकर भी दिखे असंतुष्ट।
जिला कारागार का निरीक्षण करने के लिए शुक्रवार को डीजी जेल अरविंद कुमार भिंड आए। उन्होंने जिला जेल और निर्माणाधीन जेल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने निर्माण कार्य में हो रही देरी पर जमकर क्लास ली और कहा कि इतनी लेटलतीफी। काम को समय पर खत्म क्यों नहीं किया जा रहा है?
शुक्रवार की दोपहर करीब 12 बजे डीजी जेल सबसे पहले जिला कारागार पहुंचे। यहां उन्होंने जेल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने जिला कारागार में बंद कैदियों से बातचीत की। इस दौरान जेल अधिकारियों से व्यवस्थाओं को लेकर चर्चा की। जिला जेल और निर्माणाधीन जेल का निरीक्षण कार्यक्रम के बाद शाम के समय ग्वालियर के लिए रवाना हो गए।
बंदियों का खाना भी चैक किया
जेल की व्यवस्थाओं की जांच करने आए डीजी जेल ने बंदियों से बातचीत की। उनसे अपराध के बारे में जाना। इस दौरान उन्हें युवा सबसे ज्यादा नजर आए। युवा के भविष्य को लेकर चिंता जताई। उन्होंने इस दौरान भोजन व्यवस्था देखी। पीने के पानी की जांच की। जेल में साफ सफाई की सुदृढ़ व्यवस्था के बारे में कहा। इसी समय नए बंदियों को अलग बैरक में रखने की बात कही। जिससे कोरोना का संक्रमण से बचाव किया जा सके।
निर्माणाधीन जेल के वॉच टावर निर्माण पर दिया जोर
इसके बाद वे निर्माणाधीन जेल का निरीक्षण करने रतनूपुरा पहुंचे। यहां निर्माण की समय सीमा निकलने और जेल का अधूरा काम होने पर नाराजगी जाहिर की। इस दौरान निर्माण ठेकेदार से लेकर प्रोजेक्ट अफसरों को भी लताड़ा। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट को वर्ष 2009 में शुरू किया गया था। यह प्रोजेक्ट का काम वर्ष 2017 में पूरा होना था। यह प्रोजेक्ट अब तक पूरा नहीं हो सका। इस पर अधिकारी बगलें झांकते रहे। इसके बाद उन्होंने कहा कि वॉच टावर नहीं बन रहा है। फिर निगरानी कैसे होगी। इस पर प्रोजेक्ट अफसरों ने बताया कि शासन की ओर से स्वीकृत नहीं है।
महिला अपराधियों की संख्या कम होती है फिर बैरक में इतनी स्पेज
इसके बाद उन्होंने महिला बंदीगृह को देखा। एक बैरक में पचास-पचास महिला बंदियों की स्पेज दी गई। इस पर उन्होंने आपत्ति दर्ज की। उन्होंने कहा कि स्टडी रिपोर्ट के मुताबिक महिला बंद की संख्या कम रहती है फिर इतनी स्पेज क्यों दी जा रही है। इसके अलावा मिलाई कक्ष की जगह में होने पर बढ़ाए जाने की बात कही।