- Hindi News
- Local
- Mp
- Rewa
- Case Registered Against 200 Protesters Who Attacked Police Force In Naubasta, 10 Accused Arrested
Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
रीवा12 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
जेपी सीमेंट कंपनी के डिस्पैच गेट के बाहर प्रदर्शन करती महिलाएं
- रीवा जिले के नौबस्ता स्थित जेपी सीमेंट कंपनी का मामला
रीवा जिला मुख्यालय से 15 किमी दूर नौबस्ता स्थित जेपी सीमेंट कंपनी में हादसे को राजनीतिक रंग देने वाले 200 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ चोरहटा पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। वहीं दूसरे दिन आनन फानन में 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि बीते दो दिन पहले प्लांट एरिया के बाहर एक बल्कर चालक मैकेनिक कोमल साकेत निवासी उमरिहा थाना रामपुर बाघेलान जिला सतना ग्रीसिंग करा रहा था, तभी बल्कर चालक ने ट्रक को बैक कर दिया। इससे ट्रक के नीचे काम कर रहे मकैनिक की हादसे में मौत हो गई।
ऐसे हादसे को दिया राजनीतिक रूप
पुलिस ने बताया कि मैकेनिक की दोपहर 1 बजे ट्रक की चपेट में आने से मौत हो गई। इसके बाद शाम तक भारी संख्या में ग्रामीण और परिजन इकटठा होकर हादसे के लिए जेपी सीमेंट कंपनी को जिम्मेदार ठहराते हुए कंपनी के डिस्पैच गेट के बाहर लाश रखकर चक्काजाम कर दिया। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि कंपनी 50 लाख का मुआवजा, घर के एक सदस्य को नौकरी और मृतक की पत्नी को पेंशन दे। हालांकि पुलिस और प्रशासन के अधिकारी बार-बार समझाइश देते रहे। लगातार कंपनी में कई घंटे तक परिवहन सेवा बंद होने से पुलिस पर दबाव बढ़ा। फिर रात में 10 से 11 बजे के बीच कई थानों का पुलिस बल जेपी सीमेंट पहुंचा। लाश उठाने के लिए पुलिस ने डंडा ठोककर डराया। इससे प्रदर्शकारी भड़क गए और पुलिस पर पत्थर फेंकने लगे। फिर पुलिस ने हल्का लाठी चार्ज करते हुए शव को संजय गांधी अस्पताल रीवा भेजवा दिया। गुरुवार की दोपहर पीएम कराकर पुलिस ने शव सौंपते हुए अंतिम संस्कार करा दिया है।
कंपनी का हुआ 1 करोड़ के लगभग नुकसान
चक्काजाम और प्रदर्शन के कारण कंपनी का करीब 1 करोड़ के लगभग नुकसान हुआ है। क्योंकि प्रदर्शनकारी कंपनी के चारों गेट बंद कर रखे थे। जिसकी वजह से कंपनी का उत्पादन रुक गया। कंपनी प्रबंधन ने चौकी पुलिस को पूरे मामले की शिकायत दर्ज कराई। एसपी राकेश सिंह और एएसपी शिवकुमार वर्मा को मामले से अवगत कराया। कंपनी प्रबंधन की शिकायत पर पुलिस ने तीन मामले दर्ज करते हुए 200 लोगों को आरोपी बनाया। इसमें 10 लोगों को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया।