आग से रीवा में दहशत: रीवा ट्रांसपोर्ट नगर में धू-धू कर जली 4 बसें, मची भगदड़ की स्थितियां, आधे घंटे में दमकल ने पाया आग पर काबू

आग से रीवा में दहशत: रीवा ट्रांसपोर्ट नगर में धू-धू कर जली 4 बसें, मची भगदड़ की स्थितियां, आधे घंटे में दमकल ने पाया आग पर काबू


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रीवा10 मिनट पहले

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ट्रांसपोर्ट नगर में खड़ी धू-धू कर जलती बसें।

  • रिपेयरिंग के लिए खड़ी थी बस, मैकेनिक कर रहे थे बिल्डिंग, इसी बीच बसों में लग गई आग
  • सिविल लाइन थाना क्षेत्र के ट्रांसपोर्ट नगर का मामला

रीवा शहर के ट्रांसपोर्ट नगर में रिपेयरिंग की लिए खड़ी बसों में अचानक आग लगने से अफरा तफरी मच गइ। दोपहर 3 बजे लगी आग से देखते ही देखते 4 बसे धू-धू कर जलने लगी। आनन फानन में फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई। जानकारी के बाद पहुंचे दमकल वाहन ने आधे घंटे के अंदर आग पर काबू पा लिया है। अभी तक आग लगने के कारणों का स्पष्ट पता नहीं चला है। लेकिन पुलिस ने बिल्डिंग करते समय आग लगने की बात मानी है। फ्री हाल स्थितियां कंट्रोल में है।

सिविल लाइन थाना प्र्भारी निरीक्षक ओंकार तिवारी ने बताया कि दोपहर तीन बजे के आसपास भीषण गर्मी के कारण हवाएं हल्की हल्की चल रही थी। वहीं ट्रांसपोर्ट नगर के यार्ड में रिपेयरिंग के लिए खड़ी बसों को बस मैकेनिक कार्य कर रहे थे। इस दौरान बिल्डिंग करते समय बस में अचानक चिंगारी उठी और आग धधकने लगी। देखते ही देखते कुछ ही मिनटों में आग ने बिकराल रूप धारण कर लिया। जैसे ही पुलिस और फायर ब्रिगेड को मैकेनिकों ने फोन किया तो सभी लोग भागकर मौके पर पहुंच गए। दमकल कर्मियों ने बड़ी ही सूझबूझ से आग बुझाना चालू किया और आधे घंटे के अंदर आग को कंट्रोल कर लिया गया है।

1 करोड़ की बसें 10 मिनट में खाक
मैकेनिकों का दावा है कि अचानक से आग ने ऐसा बिकराल रूप धारण किया कि एक करोड़ की 4 बसें 10 मिनट में खाक हो गई। आरोप है कि रीवा शहर में एक ही जगह फायर स्टेशन बनाया गया है। जो सिविल लाइन थाने के बगल में है। जबकि ट्रांसपोर्ट नगर के आसपास भी यदि फायर स्टेशन होता तो जल्दी दमकल वाहन पहुंचकर आग को काबू कर सकता था।

दोपहर में आग जल्द लेती है बिकराल रूप
पुलिस का मानना है कि यही आग अगर सुबह शाम या फिर रात में लगी होती तो इतना जल्दी बिकराल रूप नहीं लेती। दोपहर के समय गर्मी के दिनों में अक्सर तेज हवाएं भी चलती है। ऐसे में जल्द ही आग फैलती है। इसी लिए बसों को समय पर जलने से नहीं बचाया जा सका। उपर से बसों में लगा रैगजीन व कपड़ा आग फैलाने में मदद किया। ऐसे में तीन अन्य बसें भी चपेट में आ गई।

यार्ड में नहीं होता मानकों का पालन
जब प्रदेश में कोई आग से बड़ी घटना होती है तो नगर निगम का फायर विभाग दो चार दिन सक्रिय रहता है। फिर वे अपना मूल काम छोड़कर दूसरे कार्यों में व्यस्थ हो जाते है। ऐसे में इसी तरह के बड़े हादसे होते है। सूत्रों का दावा है कि शहर में ज्यादातर बसों के यार्ड में मानकों का पालन नहीं होता है। जबकि प्राथमिक तौर पर बस के अंदर और मैकेनिकों के पास आग बुझाने के उपकरण होने चाहिए, लेकिन यहां पर कोई मानकों पर नहीं उतरा।

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