- Hindi News
- Local
- Bihar
- Bihar Board Matric Exam Result 2021 Expert Comment; BSEB 10th Result 2021 Latest News Updates
Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
पटना19 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
शिक्षक अभिषेक, डॉ आजाद चंद्रशेखर प्रसाद चौरसिया, संजीव कुमार।
CBSE और ICSE बोर्ड के अभी एग्जाम भी नहीं हुए, लेकिन बिहार बोर्ड ने रिजल्ट भी जारी कर दिया है, वह भी जबर्दस्त पास प्रतिशत के साथ। कोरोना काल में एक दिन भी क्लास नहीं हुई, इसके बावजूद बिहार बोर्ड के बच्चों की इतनी बड़ी सफलता पर एक्सपर्ट ने दैनिक भास्कर को मैट्रिक रिजल्ट का पूरा गणित समझाया। सफलता के मैकेनिज्म पर विस्तार से बात की। जानिए यहां विशेषज्ञों ने क्या कहा।
बिहार बोर्ड का फैसला छात्रहित में
शिक्षक अभिषेक कुमार के मुताबिक सारा श्रेय मेधावी बच्चों को जाता है। उन्होंने बच्चों के स्वाध्याय को सफलता का आधार बताया। कहा-कोरोना के बावजूद रिजल्ट में इसबार मामूली गिरावट ही दर्ज हुई है। बिहार बोर्ड ने अन्य बोर्डों की तुलना में आगे बढ़कर फैसला लिया। CBSE और ICSE बोर्ड अपनी होने वाली मैट्रिक परीक्षा के लिए सिलेबस में 30 प्रतिशत कटौती करेगा, इससे अलग हटकर बिहार बोर्ड ने ऑब्जेक्टिव को ही दोगुना कर दिया। यह प्रयोग इसबार काफी सफल रहा है। पहले ऑब्जेक्टिव और लघु उत्तरीय प्रश्नों के विकल्प डेढ़ गुना होते थे, इसबार दोगुना कर दिया गया। हर चैप्टर से ज्यादा विकल्प होने के कारण छात्रों को परीक्षा में काफी आसानी हुई।
लॉकडाउन में स्वाध्याय से मिली सफलता
मिलर हाईस्कूल पटना के प्रिंसिपल डॉ आजाद चंद्रशेखर प्रसाद चौरसिया का कहना है कि मैट्रिक परीक्षा में बच्चों के स्वाध्याय के कारण इतनी बड़ी सफलता मिली है। लॉकडाउन में बच्चों ने घर पर रहकर काफी मेहनत की है। बीच-बीच में इंटरनेट के माध्यम से शिक्षकों ने भी मार्गदर्शन दिया, जिसके कारण परीक्षा अच्छी गई। स्टेट टॉपर के रूप में छात्रा की सफलता पर डॉ आजाद ने कहा कि बच्चियां लड़कों की तुलना में पढ़ाई के मामले में काफी सेंसेटिव होती हैं। घर पर रहकर लॉकडाउन में उनहोंने कड़ी मेहनत की, जिसका परिणाम आज सबके सामने है।
कोरोना काल में यह सकारात्मक परिणाम
शिक्षक संजीव कुमार ने बताया कि कोरोना काल में यह परिणाम काफी सकारात्मक है। लॉकडाउन में घर पर की गई कड़ी मेहनत और सरकार के उन्नयन कार्यक्रम से बच्चों को बड़ा सपोर्ट मिला है। उन्होंने कहा कि यह सही है कि इसबार दोगुना ऑब्जेक्टिव प्रश्नों के विकल्प के कारण बच्चों को परीक्षा में परेशानी नहीं हुई, लेकिन इसका दूरगामी परिणाम उत्साहवर्धक नहीं होगा। इसबार का रिजल्ट भले ही पिक्चर के रूप में बढ़िया दिख रहा है, लेकिन किसी प्रश्न को जस्टिफाई करने के लिए बच्चे कैपेबल मोड में नहीं होंगे।