इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) कोरोनाकाल में दूसरी बार और कुल 14वीं बार शुरू होने को तैयार है. आईपीएल के पिछले सीजन को हुए अभी 6 महीने ही हुए हैं, लेकिन नए सीजन के लिए हर कोई बेताब है. 9 अप्रैल से 30 मई तक दुनियाभर के क्रिकेटप्रेमी आशा और निराशा के गहरे सागर में गोते लगाएंगे. इन 60 मैचों में रोमांच भी होगा और सस्पेंस भी. नायक खलनायक बनेंगे और अंजान क्रिकेटर आसमान में नए सितारे बनकर उभरेंगे.
पिछली बार लीग यूएई में हुई. उम्मीद थी कि अगली बार जब टूर्नामेंट होगा तो कोरोना (Covid-19) विदा ले चुका होगा और टीमों को उनके होमग्राउंड में खेलने का मौका मिलेगा. आईपीएल के ऑक्शन में इसी उम्मीद के साथ खिलाड़ी भी खरीदे गए. खिलाड़ियों को खरीदते वक्त इस बात का खास ख्याल रखा जाता है कि होमग्राउंड और पिचों पर वह कैसा प्रदर्शन कर सकता है. यह अलग बात है कि कोरोना के कारण जो शेड्यूल बनाया गया है, उसमें कोई भी टीम अपने घरेलू मैदान पर नहीं खेलेगी. यानी घरेलू पिच का फायदा तो बिलकुल नहीं मिलेग. नए खिलाड़ियों की भूमिका भी सीमित हो सकती है. ऐसे में टीमों को नई स्ट्रेटजी के साथ उतरना पड़ सकता है.
इस बार हर टीम सिर्फ 3-3 मैदानों पर अपने ग्रुप मुकाबले खेलेंगी. ऐसा इसलिए किया गया है ताकि क्रिकेटरों को कम से कम यात्रा करना पड़े. बायो बबल (Bio Bubble) और अन्य सावधानियां भी रखी जा रही हैं. हालांकि, कोरोना वायरस को लेकर हम कम हिप्पोक्रेट नहीं हैं. चुनावी सभा में ज्यादा भीड़ नेता और पार्टी का शान बढ़ाती है और बिना मास्क के कार चलाने वाले व्यक्ति का चालान काट दिया जाता है.
भारत और इंग्लैंड के बीच अहमदाबाद में खेले गए कुछ मैचों में जब दर्शकों को स्टेडियम में प्रवेश दिया गया तो उनका प्रदर्शन बेहद खराब रहा. ज्यादातर दर्शक मास्क मैदान पर इस कोशिश में दिख रहे थे कि वे कम से कम एक बार कैमरे पर आ जाएं. जब दर्शकों का ऐसा प्रदर्शन हो तो फिर खाली स्टेडियम में ही मैच कराने उचित हैं.