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रीवा3 घंटे पहले
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- सतना की अपेक्षा रीवा में कई प्रकार की ढ़ील, कई जगह कड़ाई से पालन तो कई जगह रहा मिला जुला असर
देश प्रदेश में बढ़ रहे कोरोना के कहर को देखते हुए प्रदेश सरकार के निर्देश पर रीवा जिले के शहरी क्षेत्रों में 60 घंटे का लॉकडाउन किया गया है। ये लॉकडाउन शुक्रवार की शाम 6 बजे से सोमवार की सुबह 5 बजे तक जारी रहेगा। इस दौरान सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं चालू रहेंगी। जैसे अस्पताल, मेडिकल स्टोर, दूध, फल, सब्जी छूट रहेगी। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में कृषकों को कटाई, गहाई सहित अनाज लाने ले जाने की इजाजत है। ऐसे में शहरी जनता 60 घंटे के लॉकडाउन को एक सप्ताह का समझते हुए दोपहर के बाद बाजारों में टूट पड़ी है। मानो शहर के मुख्य मार्गों से लेकर बाजार में दीवाली होली जैसी भीड़ देखी गई। शहर की मुख्य सड़कों में जगह जगह जाम दिखा। कई लोग बोरियों में भर भरकर सब्जी खरीदते दिखे तो कई लोग एक माह तक का राशन खरीद लिया है।
एसपी ने निकाला फ्लैग मार्च
60 घंटे के डॉकडाउन होने से पहले रीवा पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार सिंह ने शहर के सभी थाना प्रभारियों व सीएसपी की बैठक ली। इसके बाद सभी को 60 घंटे का टास्क दिया गया। शुक्रवार की शात 6 बजते ही एक दर्जन पुलिस गाड़ियों का काफिला शहर की मुख्य सड़कों से गुजरा। जहां संबंधित थाना प्रभारी ने एनांउसमेंट करते हुए दुकानदारों से दुकान बंद करने की अपील की। मुख्य बाजारों में पुलिस ने कड़ाई से पेश आते हुए क्रमश: दुकानें बंद कराई।
मिटाई दुकानदारों ने कम किए भाव
दो दिन के लॉकडाउन की घोषणा से शहर के कई होटलों में दुध से बनने वाले पेय पदार्थ और मिठाईयों के भाव गिराकर ग्राहकों को बेंचे। व्यापारियों का कहना था कि दो दिन लगातार दुकान बंद रहेगी। ऐसे में दूध से बनने वाले मिठाईयां ज्यादातर खराब हो जाएंगी। ऐसे में भाव गिराकर लागत वसूल की गई।
सड़कों में नहीं था पैर रखने का स्थान
बता दें कि 60 घंटे के लॉकडाउन की घोषणा से शुक्रवार की दोपहर से ही लोग अपने अपने घर जाने के लिए बेताब रहे। कर्मचारी से लेकर प्राइवेट वर्कस दोपहर के बाद ही कार्यालय छोड़ दिए। पूरे रीवा शहर की सड़कों में भगदड़ की स्थिति रही। सड़कों में जगह जगह जाम के साथ पैर रखने के लिए स्थान तक नहीं मिला।
6 बजते ही गिर गए दुकानों के शटर
ज्यादातर दुकान संचालक प्रशासन के एनाउंसमेंट से पहले ही अपनी अपनी दुकानों से शटर गिराकर अपने अपने घर चले गए। दुकानदारों को जिला प्रशासन का डर था कि कहीं पुलिस सख्ती में आई और दुकान खुली पाई गई तो कही जुर्माना न लगा दें। ऐसे में जागरूक दुकानदार 6 बजे के पहले ही अपने घर की ओर चले गए।