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- Disorganization At The Community Health Center, People Coming Here For Investigation Are Forced To Stand In The Sun, More Than 45 Percent Of The Positive Reports Are Coming
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भोपाल9 घंटे पहलेलेखक: आनंद पवार
कोलार सामुदायिक केन्द्र पर जांच के लिए धूप में लाइन लगाकर खड़े लोग।
राजधानी के कोलार और शाहपुरा क्षेत्र में बढ़ते संक्रमण के चलते 19 अप्रैल तक लॉकडाउन लगा दिया है। शनिवार को पहले दिन कोलार के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर अव्यवस्था देखने को मिली। यहां फीवर क्लीनिक पर जांच कराने पहुंचे लोग धूप में खड़े थे। यहां रोजाना 250 से 300 लोगों की जांच में 45 प्रतिशत से अधिक की रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है। यानी जांच में हर दूसरा आदमी पाॅजिटिव निकल रहा है।
कोलार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर जांच कराने पहुंचे लोग धूप में खड़े रहने को मजबूर।
फीवर क्लीनिक पर पर्चा बनाने और उसके बाद डॉक्टरों को दिखाने के लिए दो-अलग अलग लाइन लगी थी। दोनों ही लाइन में बड़े, बुजुर्ग, महिला और बच्चे लाइन धूप में खड़े थे। यहां टेंट का कोई इंतजाम नहीं था। कुछ लोग धूप से बचने के लिए छतरी लेकर आए थे। कुछ की तबीयत खराब थी, तो नीचे जमीन पर ही बैठ गए। कुछ लोग छाय की तलाश में इधर-उधर पेड़ की छाया में चल गए। यहां सुबह 11.30 बजे तक 101 से अधिक लोगों ने रजिस्ट्रेशन करा लिया था। इसमें से 70 से अधिक लोगों की रैपिड एंटीजन जांच की गई। इसमें 40 के करीब लोग पॉजिटिव आए। वहीं, कुछ लोगों में लक्षण थे, लेकिन उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई।
ऐसे लोगों की आरटीपीसीआर का सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिया गया। फीवर क्लीनिक की प्रभारी डॉ. रश्मि ने बताया कि यहां पर रोजाना 250 से 300 लोगों की जांच की जाती है। इसमें 45 प्रतिशत से अधिक लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है।
मरीजों का बढ़ रहा दबाव
फीवर क्लीनिक पर मरीजों की जांच करने वाले चार कर्मचारी संक्रमित हो गए है। इससे स्टाफ भी कम हो गया है। जबकि क्लीनिक पर मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ाेतरी हो रही है। इस वजह से लोगों की जांच और इलाज मिलने में भी समय लग रहा है। ऐसे में कई लोग बिना जांच के ही वापस भी लौट रहे है। डिस्पेंसरी पर पॉजिटिव आने वाले लोगों को दवा देकर घर भेज दिया गया। उनको रिपोर्ट सोमवार को देने का आश्वासन दिया गया।
यहां पर इलाज के दोरान सोशल डिस्टेसिंग का भी पालन नहीं हो रहा है।
सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी डॉ. अरविंद टण्डन ने बताया कि मरीजों की सुविधा के लिए कार्रवाई की जा रही है। नगर निगम के अधिकारियों से बात हो गई है। जल्द ही टेंट की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी।
40 प्रतिशत मामले कोलार से
राजधानी में कोलार और शाहपुरा को प्रदेश का सबसे बड़ा कंटेनमेंट जोन बनाया गया है। राजधानी के कुल मामले में 40 प्रतिशत मामले कोलार और उसके आसपास के इलाके से ही आ रहे है। इसमें करीब 2.50 लाख की आबादी रहती है। 19 अप्रैल तक क्षेत्र से ना तो कोई अंदर आ सकेगा और ना ही कोई बाहर जा सकेगा। पुलिस ने इलाके को चारा तरफ से बेरिकेडिंग कर बंद कर दिया है। सिर्फ आवश्यक सेवाओं और ड्यूटी करने वालों को ही आवाजाही की छूट रहेगी।