सेना की सुरक्षा में सेंध मामला: कबाड़ियों ने चुराए थे टैंक भेदी बमों के उपकरण, ASP ने किया बड़ा खुलासा

सेना की सुरक्षा में सेंध मामला: कबाड़ियों ने चुराए थे टैंक भेदी बमों के उपकरण, ASP ने किया बड़ा खुलासा


जबलपुर में सेना की एलपीआर में हुई चोरी का खुलासा हो गया है. (File)

सेना की सुरक्षा में सेंध मामला: सेना के लॉन्ग प्रूफ रेंज (LPR) से 3 टैंक भेदी बमों के उपकरण ‘टंगस्टन पेनिट्रेटर’ चोरी हो गए थे. एडिशनल एसपी ने इस चोरी पर बड़ा खुलासा किया है. कबाड़ियों की गैंग ने इस घटना को अंजाम दिया था.


  • Last Updated:
    April 10, 2021, 12:28 PM IST

जबलपुर. सबसे सुरक्षित कहे जाने वाले सेना के लॉन्ग प्रूफ रेंज (LPR) से 3 टैंक भेदी बमों के उपकरण ‘टंगस्टन पेनिट्रेटर’ चोरी होने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. इस सनसनीखेज मामले की जांच कर रहे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजय अग्रवाल ने बताय कि LPR के लैब में रखे इन तीनों बमों के उपकरणों को चोरी करने के पीछे कबाड़ियों के एक गिरोह का हाथ है. पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.

पुलिस ने बताया कि चोरी करने वाले शख्स ने 3 टैंक भेदी बमों के उपकरणों से टंगस्टन पेनिट्रेटर नाम का उपकरण निकाल लिया था. हैरानी वाली बात ये है कि चोर ने बारूद को बम से बाहर निकालकर टंगस्टन पेनिट्रेटर को निकाला, जो किसी जानकार व्यक्ति का ही काम हो सकता है. हैरत की बात यह भी है कि जिस LPR रेंज में सेना का कड़ा पहरा रहता है वहां से बमों के उपकरणों का चोरी चला जाना कई सवाल खड़े कर रहा था.

इंटरनल इंक्वायरी में कई लोग थे जांच के घेरे में

जानकारी के मुताबिक इस मामले में सेना द्वारा इंटरनल इंक्वायरी भी शुरू की गई थी. इस दौरान तमाम लोग जांच के घेरे में थे. बता दें, यह वही LPR रेंज है, जहां देश की सबसे ताकतवर तोप सारंग और धनुष की टेस्टिंग की जाती है. 125 MM बैरल से लेकर 155 MM बैरल तक कि उच्च तकनीक वाली तोपों का परीक्षण यहीं होता है. चोर रेंज क्षेत्र के प्रयोगशाला में 19 फरवरी की रात में घुसा और तीन तोप गोले के खोल चुरा ले गया.एक खोल की कीमत 2 लाख रुपए

सूत्रों के मुताबिक एक खोल की कीमत 2 लाख रुपए बताई जा रही है. 24 फरवरी की रात में LPR के सूबेदार शंकर सिंह की शिकायत पर अज्ञात के खिलाफ धारा 457, 380 आईपीसी का केस दर्ज किया गया था. LPR की प्रयोगशाला से जिस तरह चोरों ने खिड़की की ग्रिल तोड़कर तोप के तीन खोल चोरी किए, उससे हड़कंप मच गया था. रक्षा मंत्रालय ने भी मामले को गंभीरता से लिया था और विभागीय जांच के आदेश दिए गए थे. बहरहाल, एलपीआर प्रबंधन इस पर कुछ भी बोलने से बच रहा है.









Source link