बेकाबू कोरोना: पॉजिटिव के संपर्क में आने वाले ऐसे मरीज जिनमें लक्षण हैं उनका ले रहे सैंपल

बेकाबू कोरोना: पॉजिटिव के संपर्क में आने वाले ऐसे मरीज जिनमें लक्षण हैं उनका ले रहे सैंपल


Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप

रतलाम20 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
  • हम कोरोना पीक के आसपास ही, नौ दिन के इस लॉकडाउन का असर दिखेगा, केस होंगे कम, सहयोग जरूरी

आपका घर में रहना ही बेहतर है… क्योंकि, हमारे शहर के हालात ऐसे हैं कि 10 दिन में 1072 पॉजिटिव सामने आ चुके हैं, 21 लोगों की मौत हो गई है जो कि अब तक का सबसे भयावह आंकड़ा है। इधर, हमारे जिले में दोबारा कान्टेक्ट ट्रेसिंग शुरू कर दी है। पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आने वाले हाई रिस्क लोगों का पता कर रहे हैं। उनकी सैंपलिंग हो रही है। इधर, डॉक्टरों का कहना है अभी हम इस लहर के पीक के आसपास ही हैं, यदि लॉकडाउन का पालन होता है तो कोरोना की चेन ब्रेक होगी और इससे केस कम हो जाएंगे। लॉकडाउन के पहले दिन रतलाम आने वाले लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग हुई। संदिग्धों को जांच के लिए मेडिकल कॉलेज भेजने की व्यवस्था थी। एसपी गौरव तिवारी ने बताया पहले दिन कोई संदिग्ध नहीं मिला है। शरीर का सामान्य तापमान मिलने पर लोगों को जाने दिया। शनिवार से 6 अंतर राज्यीय, 9 अंतर जिला तथा शहर में प्रवेश के मार्गों पर स्थापित 7 नाकों पर चेकिंग की है। जिले के 18 थानों में 131 फिक्स पाइंट बनाए हैं। चेकिंग के लिए जिला बल के 400 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई है।40 मोबाइल वैन गश्त कर रही हैं। नाकों पर चेकिंग के लिए पटवारी, शिक्षक, पेरामेडिकल स्टाफ, कोटवार की भी सहयोग कर रहे हैं।

मेडिकल कॉलेज : रेमडेसिविर के लिए हुआ हंगामा, आइसोलेशन वार्ड तक में बढ़ गए मरीज

मेडिकल कॉलेज पूरी तरह फुल हो चुका है। तीन दिन से आईसीयू में मरीजों के लिए जगह नहीं है। आईसीयू और हाई डिपेंडेंसी यूनिट में 118 बेड पर मरीज का इलाज हो रहा है। जो कि क्षमता से बहुत ज्यादा है। इधर, शनिवार को रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं मिलने पर मरीजों के परिजन ने कॉलेज में विरोध किया। उनका कहना था कि उनके परिजन पॉजिटिव वार्ड में भर्ती है, लेकिन इंजेक्शन नहीं दिया जा रहा। एसपी गौरव तिवारी, प्रभारी डीन डॉ. जितेंद्र गुप्ता ने जरूरतमंद लोगों को पहले इंजेक्शन देने की बात को समझाया। वहीं, एक मरीज की मौत के बाद भी परिजन आक्रोशित हुए।

मेडिकल कॉलेज में 19 जनवरी को शहर में 80 एक्टिव केस ही बचेे थे। कॉलेज के आइसोलेशन में 6 मरीज ही भर्ती थे, उनमें 3 पॉजिटिव थे, वहीं 16 मरीज भर्ती थे, उनमें से 6 पॉजिटिव थे। सिर्फ 82 दिन में हालात बदल गए है… (वार्ड की तस्वीर हमें भर्ती मरीज प्रवीण वर्मा ने दी।)

काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग… 30 काॅन्टेक्ट तलाशना है, हमारे यहां सिर्फ हाई रिस्क पर नजर

दो दिन पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है कि एक संक्रमित के 30 काॅन्टेक्ट ट्रेस करना चाहिए। जिन राज्यों में चुस्ती से काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग हो रही है, वहां अच्छी सफलता मिल रही है। हमारे यहां काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग शुरू हो गई है, अभी सिर्फ हाई रिस्क वालों पर फोकस है जो कि 5 या 10 ही होते हैं। अक्टूबर में काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग बंद हो गई थी, 15 दिन में असर भी दिखा था, इस महीने सितंबर के मुकाबले 295% कम पॉजिटिव सामने आए थे। जबकि 47% ज्यादा लोगों के सैंपल लिए थे। अब पुलिस, रेवेन्यु, स्वास्थ्य और पटवारी की टीम कान्टेक्ट ट्रेसिंग करेगी, लक्षण दिखने पर सैंपल लिया जाएगा।

इस लहर का पीक क्या है… डॉक्टरों का नजरिया

हम पीक के आसपास ही हैं

^कोरोना अपने पीक के आसपास है। आंकड़ा एक बार स्टेबल हो जाएगा… इसके बाद कमी होने की उम्मीद हैं। लॉकडाउन का असर हमें निश्चित तौर पर देखने काे मिलेगा। शुरुआत में भीड़ थी, लापरवाही की है, परिणाम सामने आ रहा है। लोग घरों में रहेंगे, सोशल डिस्टेंसिंग रहेगी। वायरस की चेन टूटेगी। डॉ. आनंद चंदेलकर, सीएस

लॉकडाउन का असर दिखेगा

​​​​​​​^कोरोना मरीजों के आंकड़े स्टेबल होनेे के बाद पीक कह सकते हैं। लॉकडाउन का असर दिखेगा। हम मरीज कम होने की उम्मीद कर सकते है। घरों में रहे। कुछ दिनों पहले तक लोग बेपरवाह हो गए थे, अब इसका परिणाम दिख रहा है। कुछ दिन बाद मरीज कम होने की उम्मीद कर सकते हैं।
डॉ. जितेंद्र गुप्ता, प्रभारी डीन​​​​​​​

एक साल पहले : 11 अप्रैल 2020 को रतलाम पहुंचा संक्रमण, जूता व्यापारी हुए थे पॉजिटिव

एक साल पहले 11 अप्रैल 2020 को रतलाम में कोरोना संक्रमण की दस्तक हुई थी। मोचीपुरा निवासी जूता व्यापारी की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली थी। लॉकडाउन में मोचीपुरा क्षेत्र के 3 किमी एरिये के लोग कंटेनमेंट में कैद हो गए थे। ​​​​​​​

आज – वक्त के साथ में कोरोना बढ़ा है। अब तक का सबसे बुरा दौर है। शहर में 6 हजार से ज्यादा पॉजिटिव हो चुके हैं। 908 एक्टिव केस है। एक घर का ही कंटेनमेंट हैं।

​​​​​​​

खबरें और भी हैं…



Source link