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- Kovid Ward Could Not Get MD Medicine Doctor, Most Patients Are Taking Treatment Through Home Isolation
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भिंड15 मिनट पहले
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कोविड वार्ड में उपचार लेता युवक।
- कोरोना के मरीजों के उपचार के लिए एमडी मेडिसन डॉक्टर की जगह एमडी सर्जन को एक्सपर्ट के तौर पर तैनात किया।
कोरोना पॉजिटिव मरीजों के उपचार को लेकर प्रदेश सरकार भले ही लाख दावे करती आ रही हो। सरकार का कहना है, कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए आईसीयू, दवा, ऑक्सीजन सब कुछ पर्याप्त मात्रा में है। जिला स्तर पर कोविड वार्ड स्थित हैं। मरीजों की स्थिति को भांपते हुए इन कोविड वार्ड में उपचार दिया जा रहा है। सरकार की इन व्यवस्थाओं की पोल तब खुलती है जब कोविड वार्ड में भर्ती मरीजों को एक्सपर्ट चिकित्सक और दवाएं नहीं मिलती। भिंड जिले का स्वास्थ्य विभाग, पिछले एक साल से कोरोना मरीजों के उपचार को लेकर एमडी मेडिसिन चिकित्सक आने का इंतजार कर रहा है। यहां कोविड वार्ड में भर्ती मरीजों का उपचार एक्सपर्ट के तौर एमडी सर्जन से कराया जा रहा है। वहीं, वैक्सीन भी आए दिन खत्म हो रही है। व्यवस्थाओं की यह खामियां को देखते हुए 80 फीसदी मरीज, होम आइसोलेट होते हैं या फिर ग्वालियर उपचार के लिए चले जाते हैं।
इसलिए होम आइसोलेट होते मरीज
भास्कर टीम जिले के कोविड वार्ड को देखने पहुंचा। जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या रविवार को 63 रही। इन मरीजों को 12 मरीजों कोरोना पॉजिटिव होकर कोविड वार्ड में भर्ती होने आए। कोविड वार्ड में भर्ती मरीजों में 7 मरीजों को लगातार ऑक्सीजन दी जा रही थी। इसके अलावा पांच ऐसे मरीज थे जो उपचार के लिए ग्वालियर रेफर किए गए। शेष 51 मरीज को दवा देकर और सुरक्षा के उपाय समझाते हुए होम आइसोलेट किया गया। घरों में आइसोलैट मरीज भी स्वास्थ्य बिगड़ने के बाद जिला चिकित्सालय के कोविड सेंटर में भर्ती न होकर ज्यादातर ग्वालियर पहुंचकर उपचार लेने में सहूलियत समझते हैं।

बुजुर्ग महिला उपचार के दौरान।
आयुष और एमबीबीएस चिकित्सकों ने संभाली कमान
कोविड वार्ड की कमान को जिले में तैनात आयुष चिकित्सक, एमबीबीएस और एक एमडी सर्जन ने संभाली है। इसके अलावा पैरामेडिकल स्टाफ भी तैनात किया गया है। एमडी मेडिसिन की कमी हालांकि लगातार खल रही है। एमडी सर्जन को भी दो बार ट्रेनिंग देकर उपचार हेतु दक्ष बनाया गया है। यहां मरीज के वेंटिलेटर पर आते ही तत्काल ग्वालियर रेफर किया जा रहा है। इसके पीछे कारण, मेडिसिन का चिकित्सक उपलब्ध नहीं होना है।
वार्ड में 4 वेंटिलेटर और 45 ऑक्सीजन पलंग
कोविड वार्ड में मरीजों के लिए चार वेंटिलेटर पलंग हैं। इसके अलावा 45 ऑक्सीजन पलंग हैं। आईसीयू वार्ड में 15 पलंगों का अब तक उपयोग नहीं किया गया।
एक साथ 120 मरीजों को उपचार देने में सक्षम
जिला स्वास्थ्य विभाग ने मुख्यालय पर कोविड वार्ड तैयार किया है। इसमें जिला चिकित्सालय का कोविड वार्ड ही अभी एक्टिव है। यह कोविड वार्ड में 45 मरीजों को एक साथ उपचार दिया जा सकता है। इसके अलावा 15 मरीजों को आईसीयू में रखकर उपचार दे सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग ने निराश्रित भवन में 60 बेड और तैयार किए हैं। यहां नया कोविड सेंटर बनाया जा रहा है जहां पर मरीजों को उपचार दिया जा सकता है।

कोविड वार्ड का आईसीयू वार्ड।
व्यवस्थाएं पूरी तरह सुदृढ़ हैं
सिविल सर्जन अनिल गोयल का कहना है कि कोरोना मरीजों की संख्या को देखते हुए तैयारी पूरी कर ली गई है। लगातार मरीजों का उपचार करके स्वास्थ्य बना रहे है। चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टाफ तैनात किया गया है। वहीं, एमडी मेडिसिन चिकित्सक के स्थान पर एमडी सर्जन को ट्रेनिंग दी गई है। कोविड वार्ड प्रभारी अवधेश सोनी का कहना है कि जो मरीज गंभीर रूप से प्रभावित होते हैं उन्हें भर्ती किया जाता है। अधिकांश लोग होम आइसोलेशन में रह रहे हैं। मरीज की हालत बिगड़ने पर उसे ग्वालियर रेफर भी किया जाता है।