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- Shivraj Singh Chouhan To PM Narendra Modi; Madhya Pradesh CM On Oxygen Supply And Remdesivir Injection Stock
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भोपाल11 मिनट पहले
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मुख्यमंत्री ने मंगलवार को मंत�
- भोपाल एम्स के खाली बेड कोरोना मरीजों के लिए रिजर्व होंगे
- कोविड केयर सेंटर के लिए समाजिक संगठनों से सहयोग लेगी सरकार
- सीएम की अपील- गांव वाले जरुरी ना हो तो शहरों में ना आएं
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को कोरोना के हालातों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की। मुख्यमंत्री ने कहा कि 12 अप्रैल प्रदेश में 267 टन ऑक्सीजन उपलब्ध रही है। जबकि 8 अप्रैल को 130 टन ऑक्सीजन की अपूर्ति हुई थी। यानी चार दिन में 137 टन ऑक्सीजन की मांग बढ़ गई। लेकिन आने वाले समय में इसकी मांग बढ़ सकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे लगातार केंद्र सरकार के संपर्क में हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, उद्योग मंत्री पीयूष गोयल व पेट्रोिलयम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से बात की है। ताकि ऑक्सीजन की उपलबधता बनी रहे।
इसी तरह प्रदेश में रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि 31 हजार इंजेक्शन अस्पतालों को भेजे जा चुके हैं। 16 अप्रैल तक 10 हजार डोज और मिल जाएंगे। इसकी मॉनिटरिंग राज्य स्तर पर की जा रहा है। सोमवार को रेमडेसिविर इंजेक्शन के 5 हजार डोज इंदौर भेजे जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर में एक्टिव केसों की संख्या में वृद्धि हुई है। सरकार का फोकस ऑक्सीजन, जीवन रक्षक दवा की उपलब्ध्ता के साथ ही अस्तपालों में बेड का इंतजाम पर है। इसको लेकर दिल्ली एम्स प्रबंधन से भोपाल एम्स में कोरोना मरीजों के लिए बेड की उपलब्धता पर चर्चा हुई है। इसके साथ ही कोविड केयर सेंटर चलाने में स्वयंसेवी संस्थाओं और सामाजिक संगठनों का भी सहयोग लिया जाएगा।
प्राइवेट अस्पतालों में 36 हजार बेड की व्यवस्था
सरकार ने दावा किया है कि 12 अप्रैल तक प्रदेश में सरकारी और प्रायवेट अस्पतालों में 36 हजार से अधिक बेड की व्यवस्था कर ली गई है। प्रदेश के 43 जिलों में कोविड केयर सेंटर में मरीजों का इलाज शुरु हो गया है। यहां अब तक 7 हजार 215 बेड्स का इंतजाम हो चुका है।
ग्रामीण शहरों में ना आएं
मुख्यमंत्री ने अपील की है कि गांव के लोग बहुत ज्यादा जरुरी ना हो तो शहरों में ना आएं। दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर में वायसर ने शहरी क्षेत्रों को अपनी चपेट में लिया है। मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से भी कहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में सतत निगरानी रखें। यहां यदि संक्रमित मिलता है तो उसे तत्काल आइसोलेट करें। यदि जरुरत पड़े तो उन्हें कोविड केयर सेंटर में रहने की व्यवस्था की जाए।