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जबलपुर20 मिनट पहले
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जबलपुर हाईकोर्ट में सरकारी व निजी अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों के इलाज में हो रही लापरवाही पर सुनवाई जारी है।
- सरकारी में अव्यवस्था व निजी अस्पतालों में लूट को लेकर लिखा था पत्र
प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में हो रही लापरवाही को मप्र हाई कोर्ट ने संज्ञान में लिया है। राज्य सभा सांसद विवेक तन्खा ने चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की गुहार लगाई थी। चीफ जस्टिस ने इस पत्र को जनहित याचिका के तौर पर लेते हुए गुरुवार सुबह 11 बजे से सुनवाई शुरू कर दी है। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस अतुल श्रीधरन की डिवीजन बैंच में इसकी सुनवाई जारी है।
राज्यसभा सांसद विवेक कृष्ण तन्खा ने पत्र के माध्यम से सरकारी अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों के इलाज में हो रही अव्यवस्था, निजी अस्पतालों में मरीजों से अनाप-शनाप बिल वसूली, ऑक्सीजन की कमी, रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत सहित कई बिंदुओं पर बात रखी थी। वहीं सृजन एक आशा संस्था ने इसी मामले में जनहित याचिका लगाई थी। सुनवाई के दौरान खुद सांसद विवेक तन्खा और वरिष्ठ अधिवक्ता शशांक शेखर पक्ष रख रहे हैं। वहीं शासन की ओर से शासकीय महाधिवक्ता सुनवाई में शामिल हुए हैं।
सांसद के पत्र को भी जनहित याचिका के तौर पर हाईकोर्ट ने लिया
सांसद विवेक तन्खा के पत्र को हाई कोर्ट ने जनहित याचिका के तौर पर लेते हुए सृजन एक आशा संस्था की जनहित याचिका के साथ संयुक्त रूप से सुनवाई शुरू कर दी है। सांसद तन्खा की पत्र याचिका में कहा गया है कि प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं पूरी तरह ध्वस्त हो गई हैं। सरकारी अस्पतालों में इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है। एक-एक बेड के लिए मारामारी मची हुई है। निजी अस्पतालों में इंश्योरेंस और सीजीएचएस सुविधा वाले मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। उनसे एडवांस में नकद भुगतान के लिए कहा जा रहा है। लंच के बाद इस मामले में फिर सुनवाई शुरू होगी।