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- Number Of Infected Reduced On 19th Day, Number Of Active Patients Was 5314, Seven Deaths In Government Records
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जबलपुरएक घंटा पहले
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पीपीई किट में कोरोना की जांच करता हेल्थ कर्मी।
- कोरोना से 585 लोग हुए स्वस्थ्य, 16 अप्रैल को 575 लोगों के स्वस्थ्य होने का आंकड़ा किया था जारी
जबलपुर में शनिवार 17 अप्रैल को कुल 787 संक्रमित सामने आए। राहत की बात ये है कि ये संख्या शुक्रवार की तुलना में 11 कम है। 19 दिनों बाद ऐसा हुआ, जब संक्रमितों की संख्या कम आई। 30 मार्च से लगातार संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही थी। वहीं दो दिनों में 1160 लोग अस्पतालों से डिस्चार्ज हुए। अब जिले में कोरोना के एक्टिव केस बढ़कर 5314 हो चुकी है।
जानकारी के अनुसार शनिवार को 2875 सेम्पल की जांच में 787 नए संक्रमित मिले। कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 26 हजार 531 हो चुकी है। जबकि 585 लोगों के ठीक होने के बाद कुल स्वस्थ्य होने वालों की संख्या 21 हजार 802 हो चुकी है। सरकारी रिकॉर्ड में पिछले 24 घंटे में कोरोना से सात लोगों ने दम तोड़ा है। अब तक कुल मरने वालों की संख्या 325 हो गई। रिकवरी रेट भी घटकर 82.17 प्रतिशत हो गया है।
हकीकत से फिर खिलवाड़
प्रशासन की कोरोना बुलेटिन में एक बार फिर मौत के आंकड़ों को छुपाया गया। चौहानी और तिलवारा स्थित शमशान घाट में शनिवार को भी 64 संक्रमितों के शव जलाए गए। वहीं दो संक्रमित के शव दफनाए गए। जबकि सात के शव घरों में पड़े हैं। गढ़ा फाटक में एक व्यक्ति की मौत हो गई। वह परिवार में अकेला था। वहीं एक कौशल्या माय होम में और एक दिव्यांग बच्चे की गौर में कोरोना से मौत के बाद शव घर में पड़ा हुआ है।
तारीख | केस | स्वस्थ | एक्टिव केस | रिकवरी रेट | मौत |
01 अप्रैल | 185 | 138 | 1328 | 91.75 प्रतिशत | 02 |
02 अप्रैल | 205 | 122 | 1409 | 91.41 प्रतिशत | 02 |
03 अप्रैल | 224 | 193 | 1439 | 91.35 प्रतिशत | 01 |
04 अप्रैल | 236 | 155 | 1519 | 91.05 प्रतिशत | 01 |
05 अप्रैल | 257 | 168 | 1607 | 90.72 प्रतिशत | 01 |
06 अप्रैल | 269 | 148 | 1727 | 90.25 प्रतिशत | 01 |
07 अप्रैल | 298 | 182 | 1841 | 89.84 प्रतिशत | 02 |
08 अप्रैल | 326 | 151 | 2015 | 89.17 प्रतिशत | 01 |
09 अप्रैल | 369 | 165 | 2217 | 88.40 प्रतिशत | 02 |
10 अप्रैल | 402 | 179 | 2436 | 87.60 प्रतिशत | 04 |
11 अप्रैल | 469 | 245 | 2656 | 86.86 प्रतिशत | 04 |
12 अप्रैल | 552 | 252 | 2952 | 85.87 प्रतिशत | 04 |
13 अप्रैल | 602 | 306 | 3549 | 84.98 प्रतिशत | 05 |
14 अप्रैल | 653 | 298 | 3890 | 83.91 प्रतिशत | 06 |
15 अप्रैल | 724 | 305 | 4614 | 82.74 प्रतिशत | 08 |
16 अप्रैल | 798 | 575 | 5102 | 82.41 प्रतिशत | 07 |
17 अप्रैल | 787 | 585 | 5314 | 82.17 प्रतिशत | 07 |
कांग्रेस विधायक ने 10 लाख रुपए देने की घोषणा की
कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया ने शनिवार को कलेक्टर से मिलने पहुंचे। कोरोना संक्रमितों के इलाज को लेकर चर्चा की। उन्होंने अपने विधायक निधि से 10 लाख रुपए कोविड संक्रमितों के इलाज के लिए देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि समय इस संक्रमण से मिलकर लड़ने का है। हालांकि प्रशासन को अपनी हठधर्मिता छोड़कर शहरवासियों को हकीकत बतानी चाहिए।
ऑक्सीजन का तीसरा प्लांट भी शुरू
जबलपुर में ऑक्सीजन की किल्लत से दो दिन पहले दो निजी अस्पतालों में महिला सहित चार लोगों की मौत का मामला सामने आया था। अभी तक जिले में रिछाई में 2500 बॉटल ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता के दो प्लांट हैं। इसके अलावा 1000 बॉटल क्षमता का मेडिकल में प्लांट लगा है। अब निजी क्षेत्र का एक और प्लांट महाराजपुर बायपास के पास शुरू हो गया। इसी के लिए पाटन विधायक अजय विश्नोई ने सीएम से बात की थी।

शहर में एक और ऑक्सीजन प्लांट शुरू हो पाया।
लिक्विड आधारित इस प्लांट से एक दिन में 2000 बॉटल क्षमता का उत्पादन हो सकेगा। यहां एयर सेपरेशन यूनिट भी लगी है। 25 अप्रैल से वह भी शुरू हो जाएगा। 700 सिलेंडर की इसकी भी क्षमता है। इससे जबलपुर में 5400 सिलेंडर उत्पादन क्षमता हो जाएगी। इसमें 1400 के लगभग एयर सेपरेशन से ऑक्सीजन मिलेगा। वहीं 4000 सिलेंडर के लिए लिक्विड ऑक्सीजन की जरूरत होगी। रोज जिले को 27 टन ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है। शनिवार को विधायक अजय विश्नोई भी प्लांट का निरीक्षण करने पहुंचे थे।

नृसिंह पीठाधीश्वर जगतगुरु स्वामी डॉक्टर श्यामदेवाचार्य महाराज का ग्वारीघाट में हुआ अंतिम संस्कार।
महामंडलेश्वर स्वामी श्याम देवाचार्य महाराज पंचतत्व में विलीन
नृसिंह पीठाधीश्वर जगतगुरु स्वामी डॉक्टर श्यामदेवाचार्य महाराज की पार्थिव देह शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गया। ग्वारीघाट स्थित उनके आश्रम के पीछे मुखाग्नि महंत स्वामी नरसिंह दास ने दी। हरिद्वार कुंभ से आने के बाद वे संक्रमित हुए और शुक्रवार को उनका निधन हो गया था। रामानंदी परंपरा के अनुसार उनका अंतिम संस्कार मोक्ष संस्था के सहयोग से हुआ। सुरक्षा के लिए 48 पुलिस कर्मी लगाए गए थे, लेकिन अंतिम संस्कार में गिने-चुने लोग ही पहुंच पाए।