मुंबई, चेन्नई, राजस्थान ने हार से शुरुआत की तो दिल्ली, कोलकाता, पंजाब ने जीत से. कल रात दो किंग्स की टक्कर में सुपरकिंग्स भारी पड़े. यह अब तक का सबसे एकतरफा मुकाबला रहा. पंजाब ने एक मैच में सबसे ज्यादा 221 में तो एक मैच में सबसे कम 106 रन बनाए. यानी टीम ने दो ही मैच में अर्श से फर्श को देख लिया. गनीमत रही कि सुपरकिंग्स को जीत मिली. धोनी के फैंस के लिए यह राहत वाली बात है.
बल्लेबाजी से नीतीश राणा, सूर्यकुमार यादव, मनीष पांडे ने निरंतरता दिखाई है तो गेंदबाजी में हैदराबाद के राशिद खान का कोई जवाब नहीं है. हर्षल पटेल ओर आंद्रे रसेल ने 5-5 विकेट लिए तो राहुल और दीपक चाहर ने चार-चार विकेट झटके. केकेआर के खिलाफ राहुल चाहर को खेलना मुश्किल हो रहा था. 8 कप्तनों में 6 भारतीय हैं. इनमें से तीन ऋषभ पंत, संजू सैमसन और केएल राहुल अपने से सीनियर खिलाड़ियों को गाइड कर रहे हैं. संजू और राहुल ने अच्छी शुरुआत की, लेकिन दूसरे मैच में फ्लॉप रहे. तीनों खिलाड़ियों को कप्तानी का ककहरा सीखना हाेगा. पंत ने राजस्थान के खिलाफ महत्वपूर्ण मैच में अश्विन को सिर्फ 3 ओवर दिए. कोच रिकी पॉन्टिंग ने भी इसकी आलोचना की थी.
विराट काेहली को किस्मत का साथ मिल रहा है. रोहित और धोनी का जलबा देखना बाकी है. डेविड वाॅर्नर असरदार दिख रहे. हालांकि रिद्धिमान साहा को लेकर सवाल भी उठ रहे हैं. विलियम्सन का इंतजार किया जा रह है, जो तैयार हो रहे हैं. बेन स्टोक्स के बाहर होने से राजस्थान रॉयल्स को परेशानी हो सकती है. विदेशी खिलाड़ियों की बात की जाए तो सिर्फ मैक्सवेल ही फॉर्म में दिख रहे हैं. 8 में से 7 मैच में भारतीय खिलाड़ी प्लेयर ऑफ द मैच रहे. टीमें जीतकर पहले गेंदबाजी कर रही हैं. मुंबई में तो यह समझा जा सकता है लेकिन चेन्नई में लक्ष्य का पीछा करना समझ से परे है.
जैसे-जैसे वक्त बीतेगा, चुनौती कड़ी होती जाएगी. एक हार टीम की मेहनत को बेकार कर देगी. आने वाले मुकाबले में शतरंज की बिसात बिछेगी. शह और मात के खेल मेें बाजी कौन मारेगा, यह देखना होगा.