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- Oxygen Plants Will Be Set Up In 37 Districts; In October Last Year, Tendering Was Issued For Setting Up In 9 Districts, In Six Months No One Was Engaged.
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भोपाल9 मिनट पहले
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कोरोना महामारी के दौरान सबसे बड़ा संकट ऑक्सीजन उपलब्धता का है। सरकार अन्य राज्यों के प्लांटों से अस्पतालों की मांग को पूरा कर रही है। अब सरकार ने फैसला किया है कि 37 जिलों में ऑक्सीजन निर्माण के प्लांट लगेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अफसरों को निर्देश दिए हैं कि तीन माह में यह काम पूरा कर लें। उन्होंने पीआईयू स्थल का जल्दी से जल्दी चयन करें।
इससे पहले कोरोना की पहली लहर के दौरान सरकार ने प्रदेश के 9 जिलों में मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए टेंडर जारी किए थे, लेकिन लहर कमजोर होते ही सरकारी तंत्र ने इस तरफ ध्यान देना बंद ही कर दिया था। जबकि कोरोना से लड़ने मध्य प्रदेश आत्म निर्भर बनने की दिशा में बढ़ाया गया कदम था।
यही वजह है कि सरकार ने बाबई (होशंगाबाद) में लग रहे प्लांट के लिए 40% निवेश सहायता (7 साल के लिए) देने का ऐलान करने के बाद कई कंपनियों ने रुचि दिखाई थी। उस समय कॉरपोरेशन के एक अधिकारी ने कहा था कि कंपनी का चयन हो गया तो अगले साल जनवरी-फरवरी तक ऑक्सीजन का उत्पादन शुरू हो जाएगा। इससे सामान्य हालातों में इन जिला अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत पूरी हो जाएगी। जमीनी हकीकत यह है कि अभी तक इस प्लांट का निर्माण ही पूरा नहीं हो पाया।
उस समय मप्र पब्लिक हेल्थ सप्लाई कॉरपोरेशन ने कंपनी के चयन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी। यहां तक कि कारपोरेशन ने टेंडर में यह भी कहा था कि तैयार ऑक्सीजन की शुद्धता का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन के मापदंड के अनुसार 93% से कम नहीं होना चाहिए। किन्हीं विशेष कारणों से इसमें 3% तक की कमी स्वीकार की जा सकती है।
उस सयम सरकार ने ऑक्सीजन प्लांट लगाने का निर्णय इसलिए लिया था, क्योंकि महाराष्ट्र सरकार ने नागुपर स्थित आइनाक्स कंपनी के प्लांट से मप्र को तरल ऑक्सीजन देने से मना कर दिया था, जिससे चिंता बढ़ गई थी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से बातचीत के बाद महाराष्ट्र सरकार ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए तैयार हुई थी। अब कोरोना की दूसरी लहर में भी महाराष्ट्र सरकार ने ऑक्सीजन की सप्लाई मप्र में करने के लिए यह कहते हुए हाथ खड़े कर दिए कि उनके राज्य में जरुरत है।
कमलनाथ ने कहा- आग लगने के बाद कुआं खोदने की सिर्फ बातें
पूरा एक वर्ष मिला था शिवराज सरकार को कोरोना से लड़ने की तैयारियों के लिये।
8 माह पूर्व की गयी घोषणा के बाद भी होशंगाबाद के बाबई के ऑक्सिजन प्लांट की अभी तक बाउंड्री वॉल तक नहीं बन पायी और आज 37 जिलो में ऑक्सिजन प्लांट की घोषणा ?— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) April 18, 2021
हमेशा की तरह अभी भी घोषणा की ही राजनीति जनता को गुमराह करने के लिये ?
ज़रूरत आज है ऑक्सिजन की , एक तरफ़ ऑक्सिजन की कमी से प्रदेश में रोज़ लोगों की जाने जा रही है , यदि यह सब पहले कर लिया जाता तो आज बड़ी संख्या में लोगों की जान बचायी जा सकती थी , प्रदेश की आज यह स्थिति नहीं होती ?— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) April 18, 2021
सरकार को अपनी नाकामी स्वीकार करना चाहिये।
मै पहले दिन से ही कह रहा हूँ कि आग लगने के बाद ये अभी कुआँ खोदने की तैयारी नहीं सिर्फ़ बात कर रहे है ?— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) April 18, 2021
37 जिलों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की घोषणा पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि सरकार आग लगने के बाद कुआं खोदने की तैयारी नहीं, सिर्फ बात कर रही है। यदि यहआठ महीने पहले कर लिया जाता तो कई लोगों की जान बच जाती।