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- Panwar Police Station Reached Midnight SP, Injured Police Station In charge And Two Constables Were Referred To Prayagraj
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रीवा2 मिनट पहले
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रात में पनवार थाना पहुंचे एसपी
- पनवार थाना क्षेत्र के नष्टिगंवा में रविवार की रात 9 बजे दुकान बंद कराने गई थी पुलिस
- जनपद सदस्य के पुत्र ने दो दर्जन आरोपियों के साथ मिलकर लाठी डंडे से किया था हमला
कोरोना कर्फ्यू में रविवार की रात 9 बजे दुकान बंद कराने गई पुलिस टीम पर हमले के बाद एसपी राकेश सिंह देर रात 12 बजे पनवार थाना पहुंचे है। वे घायल थाना प्रभारी विजय प्रताप सिंह परिहार और आरक्षक अमित सिंह व जुगुल किशोर से जवा अस्पताल में मिलने के बाद बेहतर इलाज के लिए प्रयागराज अस्पताल रेफर कराया है। चिकित्सकों का कहना है कि भीड़ जानवरों की तरह पुलिस टीम पर टूट पड़ी थी। ऐसे में पुलिस अधिकारी और आरक्षकों के सिर में मेजर चोंटे आई है।
जिसके इलाज के लिए प्रयागराज भेजा गया है। आशा है कि पुलिस अधिकारी जल्द स्वस्थ्य होकर घर लौटेंगे। इधर पुलिस टीम पर हुए हमले के बाद रात में ही एसपी ने घटनास्थल का निरीक्षण किया है। इस दौरान एसडीओपी डभौरा डीपी सिंह सहित आसपास के आधा दर्जन थाना का पुलिस बल नष्टिगंवा गांव में तैनात किया गया है। साथ ही हमलावरों की गिरफ्तारी के रात में ही प्रयास शुरू कर दिए गए थे।
ये है मामला
मिली जानकारी के मुताबिक नष्टिगंवा गांव निवासी जनपद सदस्य धनेन्द्र सिंह का बेटा पीयूष सिंह लॉकडाउन में भी रात 9 बजे तक दुकान खाेले था। यहां गांव के कई असामाजिक तत्व एकत्र होकर 144 धारा का उल्लंघन कर रहे थे। कुछ लोगों ने इसकी सूचना पनवार पुलिस को दी। जहां पर थाना प्रभारी विजय सिंह परिहार और आरक्षक अमित सिंह व जुगुल किशोर के साथ गांव पर पहुंचे। जहां पर कोरोना कर्फ्यू का उल्लंघन कर रहे बिना मास्क के दिखे पीयूष सिंह को पुलिस अपने साथ थाने लेकर चल दी। ऐसे में आरोपी भड़क गए और पुलिस वाहन के आगे पत्थर रखकर घेर लिया। जब तक थाना प्रभारी कुछ समझ पाते तब तक आरोपी पुलिस पर लाठी डंडे व हथियार के साथ टूट पड़े। जख्मी हालत में थाने पहुंचे थाना प्रभारी और दो आरक्षकों को अन्य साथियों ने जवा अस्पताल में भर्ती कराया है।
गलती स्वीकार करने पर आरोपी को छोड़ने जा रही थी पुलिस
पुलिस ने बताया कि आरोपी पीयूष सिंह को पुलिस वाहन में बैठा लिया गया। साथ ही उसे थाने लेकर जा रहे थे। तब दुकानदार ने वादा किया कि अब दोबारा गलती नहीं करूंगा। और न ही लॉकडाउन में दुकान खोलूंगा। ऐसे में पुलिस टीम आरोपी को गांव वापस छोड़ने जा रही थी। इसी बीच उसके घर के सदस्य एकत्र हो गए। और देखते ही देखते पुलिस टीम पर हमला बोल दिया।
पुलिस वाहन भी क्षतिग्रस्त
आरोपियों ने न इस दौरान पुलिस पर हमला किया बल्कि पुलिस वाहन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया है। वाहन में पत्थर के हमले से ग्लास टूट गया है। साथ ही पूरी गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई है। आरोपियों का उत्पाद गांव में घंटों चलता रहा। जब पनवार थाने का और पुलिस बल पहुंचा तो आरोपी धीरे धीरे गांव से फरार हो गए।
एसपी को सूचना देने के बाद मामला दर्ज
पुलिस टीम पर हुए हमले के मामले में दो दर्जन से ज्यादा आरोपी बनाए गए है। साथ ही एसपी ने घटनास्थल पर पहुंचकर साक्ष्य जुटाएं है। वहीं घायल पुलिस जवानों के बयान के आधार पर कुछ आरोपियों को नामजद मुकदमा दायर किया गया है। साथ ही रात में ही गिरफ्तारी के प्रयास शुरू कर दिए गए थे। नष्टिगंवा पुलिस छाबनी में तब्दील है।