मप्र के इंदौर में अपनी बच्ची को बचाने अस्पतालों के चक्कर लगाती रही मां.
Emotional Story: यहां एक मां अस्पताल-अस्पताल भटकती रही. उसकी महज 14 दिन की बच्ची कोरोना पॉजिटिव है. इंदौर के सारे अस्पताल करीब-करीब फुल हैं. जैसे-तैसे बच्ची के लिए मदद मिल सकी.
जानकारी के मुताबिक, रश्मि विजय नगर में रहती हैं. उन्हें 14 दिन पहले ही मां बनने की खुशी हासिल हुई है. लेकिन कोरोना ने इस नवजात को भी हीं छोड़ा. इसके बाद रश्मि इंदौर के करीब 10 अस्पतालों में नवजात को भर्ती कराने गई, लेकिन हर जगह से निराशा ही हाथ लगी. ये मां बार-बार अस्पतालों से बच्ची को बचाने गुहार लगाती रही. इस बीच रश्मि ने सामाजिक कार्यकर्ता यश पाराशर को फोन लगाकर मदद मांगी. जनप्रतिनिधि, अधिकारी सहित कई लोग मदद के लिए आगे आए और बच्ची को निजी अस्पताल में भर्ती किया जा सका.
शहर में कम नहीं हो रही रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी
इंदौर में रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remedicivir Injection) की कालाबाजारी (Black Marketing) कम नहीं हो रही है. नया मामला शैल्बी अस्पताल में इंजेक्शन चोरी होने का है. अस्पताल प्रबंधन ने फार्मेसी कर्मचारी के खिलाफ चोरी की रिपोर्ट दर्ज करवाई है. उस पर 133 इंजेक्शन चुराने का आरोप है. पुलिस ने मंगलवार देर रात उसको हिरासत में भी ले लिया है. गिरोह में शामिल चार अन्य कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध है.अस्पताल के फार्मेसी विभाग में काम करता है आरोपी
तुकोगंज थाना प्रभारी कमलेश शर्मा के मुताबिक अचलपुरा जिला भिंड निवासी अनूपपुर जनकसिंह चौहान की शिकायत पर आरोपित भूपेंद्र शैलीवाल के खिलाफ चोरी का मुकदमा दर्ज किया है. अनूप ने पुलिस को बताया कि आरोपित अस्पताल के फार्मेसी विभाग में नौकरी करता है. उसने साथियों के साथ मिलकर 133 रेमडेसिविर इंजेक्शन चोरी कर बाजार में खपा दिए. चोरी इंजेक्शन की कीमत एक लाख 76 हजार 582 रुपये बताई गई है. थाना प्रभारी के मुताबिक गड़बड़ी में भूपेंद्र के साथ चार अन्य भी शामिल हो सकते हैं, जो फार्मेसी विभाग में ही नौकरी करते है. पुलिस वहां से रिकार्ड, फुटेज और ड्यूटी चार्ट मांग कर जांच कर रही है.