वाइल्ड लाइफ बोर्ड की बैठक: डेढ़ घंटे तक सीएम का इंतजार; शामिल नहीं हुए तो पीएस ने स्थगित कर दी, नाराज सदस्य बाेले- CM व्यस्त थे तो क्यों बुलाई बैठक

वाइल्ड लाइफ बोर्ड की बैठक: डेढ़ घंटे तक सीएम का इंतजार; शामिल नहीं हुए तो पीएस ने स्थगित कर दी, नाराज सदस्य बाेले- CM व्यस्त थे तो क्यों बुलाई बैठक


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भोपाल3 मिनट पहले

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मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण के कोहराम से हालात खराब हैं। मुख्यमंत्री से लेकर प्रशासन तक हालातों से निपटने में दिन-रात लगे हैं, लेकिन वन विभाग के प्रमुख सचिव को इसकी कोई चिंता नहीं है। उन्होंने गुरुवार को वाइल्ड लाइफ बाेर्ड की बैठक बुला ली। यह बैठक वर्चुअली शाम 4 बजे शुरु होना था, लेकिन मुख्यमंत्री के कोरोना की बैठकों में व्यस्त होने के कारण इसे स्थगित कर दिया गया।

मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि वन विभाग के प्रमुख सचिव अशोक वर्णवाल ने वाइल्ड लाइफ बोर्ड की वर्चुअल बैठक बुला ली। बैठक का दिन जब तय हुआ था, तब प्रदेश में संक्रमण की रफ्तार ज्यादा नहीं थी, लेकिन हालातों को देखकर फिलहाल टाला जा सकता था, लेकिन वर्णवाल ने सभी सदस्यों को सूचना भेज दी कि बैठक तय समय पर होगी। जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शामिल हो रहे हैं। बता दें कि मुख्यमंत्री इस बोर्ड के अध्यक्ष हैं।

पता चला है कि शाम 4 बजे बैठक में शामिल होने के लिए सभी सदस्य वर्चुअली जुड़ गए, लेकिन बैठक शुरू होने के कुछ मिनट पहले ही वर्णवाल ने यह बताते हुए डेढ़ घंटे समय बढ़ा दिया कि मुख्यमंत्री फिलहाल व्यस्त हैं। इतना ही नहीं, वर्णवाल ने शाम 5:30 बजे फिर बैठक् शुरू कर दी। जबकि इस दौरान मुख्यमंत्री कोरोना की समीक्षा बैठक कर रहे थे। सभी सदस्यों के साथ वन मंत्री विजय शाह भी वर्चुअली जुड़ चुके थे। वर्णवाल ने बैठक का ऐजेंडा पढ़ना शुरू कर दिया था, लेकिन इस बीच उन्होंने यह कह कर बैठक स्थगित कर दी कि मुख्यमंत्री बैठक में नहीं आ रहे हैं।

सूत्रों का कहना है कि जैसे ही बैठक स्थगित हुई बोर्ड के सदस्य नाराज हो गए। उनका कहना था कि कोरोना संक्रमण के बीच यह बैठक आयोजित ही नहीं की जाना चाहिए थी। एक सदस्य का कहना था कि कोरोना बढ़ते संक्रमण से निपटने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की निरंतर बैठकों का सिलसिला था। इन व्यस्तता को देखते हुए बैठक स्थगित करने की सूचना सुबह 11 बजे दे दी जानी चाहिए थी फिर प्रमुख सचिव वन ने ऐनवक्त पर यह निर्णय क्यों किया गया?

बता दें कि बोर्ड के सदस्य अभिलाष खांडेकर के चार मुद्दे भी बैठक में शामिल थे। इसमें मध्यप्रदेश में तेंदुए के बढ़ते शिकार, बांधवगढ़ नेशनल पार्क में लगी आग की वजह, लगातार जंगली हाथियों को कंट्रोल करने के लिए एक्सपर्ट को नहीं बुलाया जाना प्रमुख था।
इन मुद्दों पर होना थी चर्चा
रातापानी अभायरण्य के बीच से भोपाल बैतूल फोरलेन सड़क निर्माण की अनुमति. यह सड़क रातापानी अभायरण्य से 13 किलोमीटर होकर गुजरेगी। वर्ष 2015 में सेंक्चुरी के अंदर निर्माण कार्य शुरू हो गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद सड़क के निर्माण कार्य को रोक दिया गया। 6 साल बाद यह प्रस्ताव फिर से राज्य वन प्राणी सलाहकार बोर्ड की बैठक में लाया गया है।

कटनी सिंगरौली डबल लाइन परियोजना के अंतर्गत संजय गांधी नेशनल पार्क की 72 हेक्टेयर वन भूमि प्रभावित होगी. 303 करोड़ की लागत वाली परियोजना को पूर्ण होने का निर्धारित समय वर्ष 2022 है। इसके अलावा तीन पेयजल परियोजना का प्रस्ताव भी बैठक में लाया गया था।

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