ग्रामीण अलर्ट: गांवों में स्वैच्छिक लॉकडाउन, बाहरियों के प्रवेश पर लगाई रोक, रस्सी व खंभों से बंद किए रास्ते

ग्रामीण अलर्ट: गांवों में स्वैच्छिक लॉकडाउन, बाहरियों के प्रवेश पर लगाई रोक, रस्सी व खंभों से बंद किए रास्ते


Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप

होशंगाबादएक घंटा पहले

  • कॉपी लिंक
  • जिन गांवों में पहली लहर में मरीज मिला, वहां दूसरी लहर में ज्यादा सख्ती, एकजुट हाेकर कर रहे प्रयास

कोरोना की दूसरी लहर से बचने के लिए जिले के गांवों में लोग खुद अलर्ट हो गए हैं। गांवों में स्वैच्छिक लॉकडाउन लगाया जा रहा है। रस्सी-खंभों से रास्ते बंद किए जा रहे हैं और बाहरियों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। नर्मदा नदी के किनारे ग्राम डाेंगरवाड़ा में पिछले साल काेराेना के दाे मरीज मिले थे। जाे अब ठीक हाे चुके हैं। दूसरी लहर प्रवेश ना करे, इसलिए लॉकडाउन लगा लिया है। ग्राम पंचायत सचिव शिवराम कटारे ने बताया इस साल एक भी मरीज व संदिग्ध सामने नहीं आया है, न ही किसी की काेराेना से माैत हुई है। ग्रामीणाें की सर्तकता से यह संभव हुआ है। गांव में 2200 की आबादी है।

लाेग काेराेना से बचाव के लिए मास्क, निर्धारित दूरी, हाथ साफ करने के नियमाें का पालन कर रहे हैं। गांव के प्रवेश गेट पर एक रस्सी बंधी हुई थी। जिसमें पुस्टा टंगा हुआ था, इस पर लिखा हुआ था कि बाहरी लाेगाें का गांव में प्रवेश करना प्रतिबंधित है। ग्राम काेटवार दिनेश मेहरा व खाेजनपुर के काेटवार राकेश मेहरा गांव में आने वालाें से पूछताछ कर उन्हें अगले गांव के लिए रवाना कर देते हैं। ग्रामीण नर्मदा प्रसाद निमाेदा ने माता चाैक पर लाेग रहते हैं वह बिना मास्क यहां से निकलने वालाें काे राेकते हैं। बिहारी कीर ने बताया गांव में लाेग खेती व मजदूरी पर निर्भर हैं। सुबह से खेताें में व मजदूरी पर निकल जाते हैं। बाकी परिवार के सदस्य घर में रहते हैं। इससे स्थिति नियंत्रित हैं।

ये उन गांवों की कहानी जहां पहुंचा संक्रमण

चार दिनों में 3 वृद्ध और 1 युवक की मौत
बनखेड़ी के बाचावानी में चार ग्रामीणों की मौत हो चुकी है। पंचायत सचिव ने बताया किसी की भी कोरोना संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है। बीते चार दिनों में 3 वृद्ध और 1 युवक की मौत हो चुकी है। अस्पताल भरे होने के कारण लोग झोलाछाप डाॅक्टर से इलाज करा रहे हैं।

एक परिवार के छह लोग संक्रमित
सोहागपुर के लांघा बम्हौरी शहर से मात्र 4 किमी दूर है। करीब 1500 की आबादी वाले गांव में वर्तमान में कोरोना के 5 एक्टिव केस हैं। सभी काे स्वास्थ्य विभाग ने होम आइसोलेट किया है। आंगनबाड़ी के अनुसार एक सप्ताह पहले एक पूरा परिवार कोरोना संक्रमित हुआ था।

मोहगांव, बागरा तवा में हालात गंभीर
माखननगर के मोहगांव, बागरा तवा गांव में कोरोना संक्रमण से 6 लोगों की मौत हुई है, जबकि सरकारी रिपोर्ट के अनुसार दो की मौत कोरोना से हुई है। अधिकारियों ने एक दिन जाकर सभी दुकानदारों से बाजार बंद रखने की सख्त निर्देश दिए।

ग्रामीण क्षेत्रों में लोग खुद कर रहे कोरोना से सुरक्षा, बाहरी लोगोंं पर लगा रहे रोक

52 ग्राम पंचायत के 124 ग्रामों के लोगों ने खुद लिया जनता कर्फ्यू का फैसला
पिपरिया| जनपद के सभी ग्रामीण क्षेत्रों में बाहरी लोगों के आवागमन पर रोक लगा दी गई है। गांव में आने वाले रास्तों की नाकाबंदी कर ग्रामीण पहरा भी दे रहे हैं। एसडीएम नितिन टाले, तहसीलदार राजेश बोरासी, जनपद पंचायत सीईओ शिवानी मिश्रा की पहल पर यह हुआ है। अधिकारियों ने बताया कि 52 ग्रापं के 124 गांवों के लोगों ने खुद कर्फ्यू का फैसला लिया है।

ग्राम वासियों ने महामारी से बचने के लिए ग्राम की सीमाएं की सील
सिवनीमालवा| ग्राम पंचायत रेहड़ा में सर्व सहमति से गांव की सीमाओं को सील करके संपूर्ण लॉकडाउन कर दिया गया और बाहरी व्यक्तियों का आना जाना बंद कर दिया । ग्राम रेहड़ा के पवन जाट ने बताया कि कोरोना महामारी क्षेत्र में बहुत तेज़ी से फैल रही है, इसी के चलते गांव के बाहर आने जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। गांव वालों की जान की सुरक्षा की जा रही है।

सीमाओं पर लगाए बैरिकेट्स बाहरी लोगों के प्रवेश पर लगाई रोक
सोहागपुर| गुरुवार को ब्लॉक की सभी पंचायतों में ग्राम कोटवार द्वारा मुनादी कराकर लोगों से 30 अप्रैल तक घर से बाहर ना निकलने की अपील की गई। गांव की सीमाओं पर बैरिकेड्स लगाकर बाहर से आने जाने वाले लोगों के प्रवेश पर रोक लगाई जा रही है। सीईओ श्रीराम सोनी ने बताया कि अभियान चलाकर ब्लॉक की सभी पंचायतों में ग्राम कोटवार से मुनादी कराकर गांव के प्रमुख पहुंच मार्ग पर बाहरी लोगों का प्रवेश रोकने के लिए बैरिकेड्स लगाए जा रहे हैं।

इधर: 3 आयुष डाॅक्टर 10 स्टाफ नर्स की भर्ती हुई
स्वास्थ्य विभाग ने आईसीयू चालू करने के लिए 3 आयुष डाॅक्टराें की नियुक्ति की और 10 नर्सिंग स्टाॅफ की नियुक्ति कर अन्य स्टाॅफ की नियुक्ति नहीं की गई। जिसके कारण अब जिला अस्पताल और शहर में बनाए गए काेविड केयर सेंटराें में काम करने वालाें 1 डाॅक्टर, 1 नर्स, एक सपाेर्ट स्टाॅफ पूरा काम कर रहे हैं। सभी प्रकार की ड्यूटी कर रहे हैं। इससे नर्सिंग स्टाफ, डाॅक्टराें पर काम का लाेड बढ़ गया है।

^जिले में कोरोना संक्रमण पर प्रभावी रोकथाम के लिए आमजन की व्यापक सहभागिता बनी है। जनसहयोग से कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने में हम ज़रूर सफल होंगे
-धनंजय सिंह, कलेक्टर

खबरें और भी हैं…



Source link