MP में वैक्सीनेशन के 100 दिन: भोपाल में केवल 1 हजार कोविशील्ड डोज बचे जबकि 95% को यही लग रही; वैक्सीनेशन सेंटर 300 से घटाकर 22 किए

MP में वैक्सीनेशन के 100 दिन: भोपाल में केवल 1 हजार कोविशील्ड डोज बचे जबकि 95% को यही लग रही; वैक्सीनेशन सेंटर 300 से घटाकर 22 किए


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  • 32% Of The Population Of 45+ Could Be Vaccinated; Vaccination Of 3 Crore 40 Lakh 18+ From May 1, Now 9.40 Crore Doses Are Needed

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भोपाल4 मिनट पहलेलेखक: राजेश शर्मा

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मध्यप्रदेश में वैक्सीनेशन को 100 दिन हो रहे हैं और इसकी रफ्तार धीमी पड़ गई है। सरकार के पास छह लाख ही डोज बचे हैं। रफ्तार धीमी पड़ने को राजधानी की हालत से समझ लीजिए। भोपाल में पहले 300 सेंटर्स पर वैक्सीनेशन होता था, अब केवल 22 रह गए हैं। वैक्सीन का स्टॉक भी जिले के पास केवल 18 हजार का रह गया है। सूत्रों का कहना है कि भोपाल में रविवार की स्थिति में सिर्फ 18 हजार वैक्सीन स्टॉक में थीं। इसमें से 1 हजार कोविशील्ड और 17 हजार कोवैक्सीन हैं। चूंकि अधिकांश सेंटर में कोवीशील्ड लगाई जा रही है। यही वजह है कि शहर में रविवार को मात्र 479 लोगों को वैक्सीन लगा।

प्रदेश में 100 दिनों में 16 जनवरी से 24 अप्रैल यानी 99 दिनों में 68 लाख 90 हजार 309 लोगों को वैक्सीन (पहला डोज) लग चुकी है। इसमें से 9 लाख 02 हजार 501 को दूसरा डोज लग पाया है। इस तरह कुल 77 लाख 92 हजार 810 डोज लग चुके हैं और सरकार के पास अब केवल 6 लाख डोज बचे हैं। चुनौती यह है कि 18 से 44 साल के बीच की 3 करोड़ 40 लाख 99 हजार 141 आबादी का 1 मई से वैक्सीन लगना शुरू होने जा रहा है।

इस तरह अब 45 साल से ज्यादा के शेष 1 करोड़ 29 लाख सहित अब 4 करोड़ 70 आबादी को वैक्सीन अभी बाकी है। ऐसे में अब 9 करोड़ 40 लाख डोज की जरूरत है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कोरोना की तीसरी और फिर आगे कोई लहर न आए, इसके लिए प्रदेश की 70% आबादी को वैक्सीन लगाना जरूरी है। लेकिन अभी तक 45 से ज्यादा उम्र की 32% आबादी को ही वैक्सीन लग पाई है।

हर दिन 5 लाख का टारगेट, 11 दिन में लग पाए 14.93 लाख डोज
सरकार ने अप्रैल के माह में हर दिन 5 लाख डोज लगाने का टारगेट तय किया था। लेकिन 13 से 23 अप्रैल के बीच 14 लाख 93 हजार 672 डोज ही लग पाए। सरकार की प्राथमिकता 60 साल से ज्यादा के वरिष्ठ नागरिकों का वैक्सीनेशन करना था। लेकिन सरकार के आंकड़े बताते हैं कि 13 से 23 अप्रैल के बीच 3 लाख 67 हजार 771 वरिष्ठ नागरिक और 45 से 60 साल तक के 8 लाख 53 हजार 526 लोगों को वैक्सीन लगा। यानी इस अवधि में 6.2% वरिष्ठ नागरिक व 45 से 60 साल तक के 7% लोगों का वैक्सीनेशन हो पाया।

सरकार ने बदला सिस्टम
मप्र सरकार ने वैक्सीनेशन को गति देने के लिए अप्रैल माह के शुरुआत में सिस्टम बदल दिया। पहले जिन जिलों में संक्रमण ज्यादा था, वहां वैक्सीन की सप्लाई ज्यादा की गई, लेकिन अब व्यवस्था को बदल दिया है। कलेक्टर की डिमांड पर वैक्सीन की मांग को पूरा किया जा रहा है। यही वजह है कि वैक्सीन के स्टॉक को लेकर राज्य स्तर पर अफसरों ने ज्यादा रुचि नहीं ली।

MP मे मुफ्त में लगेगी वैक्सीन
प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने 18 से अधिक उम्र के सभी लोगों को फ्री में वैक्सीन लगाने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन का पूरा खर्च राज्य सरकार खुद उठाएगी। मध्यप्रदेश में अब तक 5 लाख 11 हजार 990 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 4 लाख 14 हजार 235 लोग ठीक हो गए, जबकि 5 हजार 221 की मौत हो चुकी है। 82 हजार 534 मरीजों का अभी इलाज चल रहा है।

1 मई से वैक्सीन की आपूर्ति का रोडमैप
अब तक हेल्थ केयर वर्कर्स, फ्रंट लाइन वर्कर्स, 45 साल से अधिक उम्र के लोगों को और अन्य गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों को मुफ्त में वैक्सीन लगाई जा रही थी। एक मई से केंद्र सरकार ने 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को भी वैक्सीन लगवाने की मंजूरी मिल गई है। इसको लेकर सरकार ने वैक्सीन की आपूर्ति का रोडमैप प्रस्तावित किया है।

  • निर्माता कंपनी 50% वैक्सीन केंद्र सरकार और शेष 50% वैक्सीन राज्य सरकार व खुले बाजार में उपलब्ध कराए।
  • निर्माता कंपनी यह लिखित में दे कि 1 मई से पहले तय कीमत के साथ 50% वैक्सीन डोज राज्य व खुले बाजार में आपूर्ति करेगी।
  • मौजूदा व्यवस्था के मुताबिक हेल्थ वर्कर्स, फ्रंट लाइन वर्कर्स, 60 साल से ज्यादा और 45 से 60 साल तक के लोगों के लिए केंद्र सरकार आगे भी मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध कराए। जबकि 18 से 45 साल तक के लोगों के लिए वैक्सीन राज्य सरकार सीधे निर्माता कंपनियों से लेगी।
  • निजी अस्पताल को 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाने के दाम निजी अस्पतालों को पूर्व में ही बताने हाेंगे।

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