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उज्जैन13 मिनट पहले
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- पहली लहर में जिस क्षेत्र में 65 से 70 प्रतिशत तक लोग संक्रमित हो चुके, अब वहां मरीज घटे और जहां पहले 20 प्रतिशत संक्रमित हुए अब वहां 70 प्रतिशत तक लोग संक्रमित
- 15 दिन तक इन क्षेत्रों में पाबंदियों में रहना होगा, केवल चिकित्सीय व आपातकालीन आवागमन ही हाे सकेगा
जिले में कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए प्रशासन ने 31 माइक्रो कंटेनमेंट घोषित किए है। इनमें संक्रमण की रोकथाम के लिए अलग से गाइडलाइन यानी पाबंदियां भी जारी की गई हैं। जिस पर गौर करे तो संबंधित क्षेत्रों में 15 दिनों तक आवागमन सीमित ही रहेगा, केवल चिकित्सकीय एवं आपातकालीन आवाजाही हो सकेगी।
प्रशासन द्वारा उठाए गए इस कदम की गंभीरता इस बात से भी नजर आती हैं कि इन माइक्रो कंटेनमेंट क्षेत्रों के लिए गठित की गई सर्विलेंस टीमों में राजस्व विभाग से डिप्टी कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार, पंचायत से सीईओ, पुलिस विभाग से सीएसपी, एसडीओपी सहित अन्य अधिकारी व नगर निगम से उपायुक्त तथा जोनल अधिकारी अादि तक को जिम्मेदारी सौंपी गई है। छह टीमों में ऐसे 25 अधिकारियों को शामिल किया है।
जिले में जहां से कोरोना संक्रमित व बीमारों की संख्या लगातार ज्यादा सामने आ रही है या उन क्षेत्रों से मौतें ज्यादा हो रही हैं उन्हें माइक्रो कंटेनमेंट घोषित किया गया है। प्रशासन इन क्षेत्रों को हॉट स्पाट व डेंजर जोन मानकर चल रहा है। लिहाजा इन क्षेत्रों में संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए उक्त कदम उठाया गया है।
यह माइक्रो कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित
उज्जैन शहर में- ऋषि नगर, सेठी नगर, बसंत विहार, विवेकानंद कॉलोनी, इंदिरा नगर, शास्त्री नगर, मक्सी रोड, विद्यापति नगर, देसाई नगर, लक्ष्मी नगर, अलकापुरी और अग्रसेन नगर शामिल है।
ग्रामीण क्षेत्र में- नजरपुर, पान बिहार, इटावा, बघेरा, करंज, माकड़ोन, हामूखेड़ी, लिंबादित, पचोला, सुमराखेड़ा, छड़ावद, तोबरीखेड़ा, गांगल्याखेड़ी, लक्ष्मीपुरा, रूनीजा रोड, बड़नगर की शिक्षक कॉलोनी, व्यास कॉलोनी, नयापुरा व नागेश्वर धाम काॅलोनी।
चिकित्सा व आपातकालीन आवाजाही ही हो सकेगी
- इन माइक्रो कंटेमनेंट क्षेत्र के विभिन्न घरों को एपिसेंटर घोषित किया गया है।
- इन क्षेत्रों में आवागमन सीमित रहेगा। चिकित्सा एवं आपातकालीन आवाजाही हो सकेगी। पुलिस निगरानी रखेंगी।
- निगम व जनपद के स्वास्थ अधिकारी इन क्षेत्रों को सैनिटाइज करवाएंगे।
- इन क्षेत्रों के घरों का सर्वे कर जानकारी एकत्रित की जाएगी।
- इन क्षेत्र के एक्टिव पाइंट पर स्वास्थ कर्मचारियों द्वारा सतत स्क्रीनिंग की जाएगी।
- इस दौरान बुखार, खांसी, गले में दर्द व सांस लेने में तकलीफ आदि लक्षण वाले केस सामने आने आरआरटी टीम को सूचना दी जाएगी।
- होम कोरोंटाइन का पालन करवाया जाएगा। माइक्रो कंटेनमेंट एरिया की समयावधि 15 दिन की रहेगी।
पहली लहर ने पुराने शहर को संक्रमित किया था, दूसरी ने फ्रीगंज क्षेत्र
कोरोना की पहली लहर मार्च-2020 से दिसंबर तक पुराने शहर के मोहल्लों और बस्तियों में 65 से 70 प्रतिशत तक लोग संक्रमित हो चुके थे, अब वहां दूसरी लहर में मरीज घटे हैं। जनवरी-2021 से अब तक यहां पर 20 प्रतिशत तक लोग संक्रमित हो रहे हैं। यहां के लोगों में इम्युनिटी डेवलप हो चुकी है, इस वजह से उनमें संक्रमण का असर कम हो रहा है। जबकि पहली लहर में फ्रीगंज में 20 से 25 प्रतिशत तक लोग संक्रमित हुए थे, अब दूसरी लहर में यहां पर 65 से 70 प्रतिशत तक संक्रमित हाे रहे हैं।
दूसरी लहर में वायरस ज्यादा तेजी से फैल रहा है, जिसमें घर में एक सदस्य के संक्रमित होने के बाद परिवार के अन्य सदस्य भी पॉजिटिव आ रहे हैं। पुराने शहर की घनी आबादी वाले क्षेत्र मालीपुरा, जानसापुरा, कोट मोहल्ला, कमरी मार्ग, बहादुरगंज आदि में पहली लहर में लोग संक्रमित हुए थे। ऐसे मरीज इलाज के बाद स्वस्थ्य हुए, उनमें इम्युनिटी डेवलप हो गई। अब यहां पहले की तुलना में 20 से 25 प्रतिशत मरीज ही संक्रमित पाए जा रहे हैं।
दूसरी लहर में फ्रीगंज और आसपास की पॉश कॉलोनियों में संक्रमण का असर बढ़ता जा रहा है। ऋषिनगर, महानंदा नगर सहित देवास रोड व इंदौर रोड की कॉलोनियों में 65 से 70 प्रतिशत तक लोग संक्रमित हो रहे हैं। पहले लक्षण सामने आने के बाद जो लोग कोविड टेस्ट या सीटी स्कैन करवा रहे हैं, वे 7 से 10 दिन में स्वस्थ्य हो रहे हैं। लक्षण के बावजूद घर पर ही इलाज करवा रहे लोगों के सामने बाद में मुश्किल खड़ी हाे रही हैं। ऐसे करीब 15 प्रतिशत मरीज पाए जा रहे हैं जो अति गंभीर स्थिति में होने पर कोविड हॉस्पिटल पहुंच रहे हैं।
तेजी से फैल रहा संक्रमण, पहले लक्षण में ही कोविड टेस्ट जरूरी
कोविड-19 के नोडल अधिकारी डॉ. एचपी सोनानिया का कहना है कि 80 प्रतिशत तक इन्फेक्टेड होने के बाद मरीज हॉस्पिटल आ रहे हैं, जो कि अति गंभीर की श्रेणी में है। दूसरी लहर में वायरस ज्यादा एक्टिव है और तेजी से फैल रहा है। एक मरीज के पॉजिटिव पाए जाने पर घर के अन्य सदस्य भी संक्रमित हो रहे हैं, ऐसे में भले ही लक्षण नहीं भी हो लेकिन परिवार के अन्य सदस्यों को भी होम आइसोलेट होना चाहिए तथा उन्हें प्रोटोकाल का पूरा करने की जरूरत है। कोविड टेस्ट भी करवा सकते हैं। कोविड विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि कुल आबादी के 70 प्रतिशत तक लोगों के संक्रमित होने के बाद इम्युनिटी डेवलप होगी। उसके बाद संक्रमण का ज्यादा असर नहीं होगा।
इम्युनिटी डेवलप हो चुकी है
^जिन क्षेत्रों में पहली लहर में ज्यादा मरीज संक्रमित पाए जा चुके हैं, अब वहां दूसरी लहर में मरीज घटे हैं। यहां के लोगों में इम्युनिटी डेवलप हो चुकी है। दूसरी लहर में उन क्षेत्रों में ज्यादा पॉजिटिव पाए जा रहे हैं, जहां पहली लहर में 20 से 25 प्रतिशत तक ही लोग संक्रमित हुए थे।
डॉ. रोनक एलची, नोडल अधिकारी, आरआर टीम