कोरोना का खौफ: गर्भवती महिलाओं की न सोनाग्राफी हो रही, न निजी डॉक्टर कर रहे जांच

कोरोना का खौफ: गर्भवती महिलाओं की न सोनाग्राफी हो रही, न निजी डॉक्टर कर रहे जांच


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हाेशंगाबाद39 मिनट पहले

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  • शहर में जांच के लिए परेशान हो रही गर्भवती महिलाएं

नन्हे मेहमानों पर भी दुनिया में आने से पहले कोरोना के डर का साया पड़ गया है। काेराेना के खाैफ से निजी डॉक्टर और सोनोग्राफी सेंटर संचालक गर्भवती महिलाओं की जांच नहीं कर रहे हैं। गर्भवती महिलाओं और उनके परिजनों के मन में आने वाले बच्चे को लेकर भारी चिंता है। शहर के कई निजी चिकित्सालय जिनमें प्रसव हाेता था उनकाे कोरोना अस्पताल घोषित कर दिया गया है। ऐसे में वहां इलाज कराने वाली गर्भवतियाें को रुटीन जांच के लिए भी संकट है। मजबूरी में जिला अस्पताल ही विकल्प है। वहां भी कोविड मरीज होने के कारण गर्भवती स्वयं और नवजात के लिए खतरा महसूस कर रही हैं।

जांच के लिए भटकती रहीं ये महिलाएं

1. हाेशंगाबाद वार्ड 7 निवासी एक गर्भवती 7 माह से निजी अस्पताल में चेकअप करा रही थीं। काेराेना के लक्षण के कारण उसे निजी अस्पताल में इलाज करने से मना कर दिया। अन्य निजी अस्पताल में इलाज नहीं मिलने और सरकारी अस्पताल में काेराेना के कारण इलाज कराने से परिजन डर रहे हैं। आखिर दंपती काे इलाज के लिए भाेपाल जाना पड़ा।

2. बुदनी के जहानपुर की महिला गुरुवार काे साेनाग्राफी करवाने के लिए हाेशंगाबाद में सुबह से शाम तक सभी निजी अस्पताल और साेनाेग्राफी सेंटराें पर भटकती रही। साेनाेग्राफी नहीं हुई। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं काे काेराेना के इस काल में इलाज का संकट खड़ा हाे गया। महिला का परिवार बिना जांच के ही वापस लाैट गया। ऐसे ही कई लाेग परेशान हाे रहे हैं।

जिला अस्पताल ही सहारा: काेविड पाॅजिटिव गर्भवतियाें के लिए 1 लेबर रूम, 10 बेड
शहर में गर्भवती महिलाओं की जांच व प्रसव के लिए उन्हें भर्ती नहीं किया जा रहा है। वहीं जिला अस्पताल में काेविड पाॅजिटिव गर्भवती महिलाओं के लिए अलग से व्यवस्था की गई है। जिला अस्पताल प्रबंधन ने काेविड पाॅजिटिव महिलाओं के लिए मेटरनिटी विभाग में बनी पुरानी एनआरसी में 1 लेबर रूम और 10 बेड की व्यवस्था की गई। जिला अस्पताल प्रबंधन काेविड पाॅजिटिव महिलाओं काे भर्ती कर उनका ख्याल भी प्राेटाेकाॅल के तहत कर रहा है। गुरुवार काे एक महीला का प्रसव हुआ है। अभी तीन महिलाएं और भर्ती हैं जिनका प्रसव हाेना है। यह तीनाें महिलाएं भी पाॅजिटिव हैं।

डाॅक्टर बाेले- भीड़ बढ़ने के कारण जांच की बंद
दोनों महिलाओं की हर्णे डायग्नोस्टिक, मालवी हॉस्पिटल और रेवा नर्सिंग होम में जांच नहीं हो पाई। डॉ. धनंजय हर्णे ने बताया कोरोना में भीड़ जमा नहीं हो इस कारण सोनोग्राफी जांच बंद कर रखी है। मालवी हॉस्पिटल के संचालक श्रवण मालवीय और रेवा नर्सिंग होम के डॉ. आरके श्रीवास्तव से इस संबंध में बात नहीं हो पाई।

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