Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
जबलपुर25 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
राहत की ऑक्सीजन लेकर बोकारो से 1 मई की रात फिर एक ट्रेन दो टैंकर लेकर पहुँची। ट्रेन में लदे टैंकरों को रेलवे के द्वारा भेड़ाघाट रेलवे स्टेशन में बनाए गए शेड़ों में रैम्प के माध्यम से उतारा गया और जबलपुर मेडिकल प्रशासन के अधिकारियों को सौंपा गया।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में खाली होने के बाद टैंकरों को उसी ट्रेन के माध्यम से वापस बोकारो भेजने की तैयारी रेल प्रशासन के द्वारा की गई। रेल प्रशासन के अनुसार मध्य प्रदेश के लिए तीसरी ऑक्सीजन एक्सप्रेस लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन से भरे 2 टैंकरों के साथ रो-रो सेवा 30 अप्रैल को देर रात्रि 1.35 बजे बोकारो से रवाना हुई और 1 मई को जबलपुर स्टेशन पर रात को 9.05 बजे तथा 9.30 बजे भेड़ाघाट (जबलपुर) पहुँची।
इस ऑक्सीजन एक्सप्रेस में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन से भरे 2 टैंकरों को अपलोड किया गया। इसमें 22.19 मीट्रिक टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन भरी है। ऑक्सीजन एक्सप्रेस का 2 टैंकर मेडिकल ऑक्सीजन भेड़ाघाट (जबलपुर) में अनलोड किया गया। ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने बोकारो से भेड़ाघाट (जबलपुर) तक के लिए 1016 किलोमीटर की दूरी तय की।
ट्रेन तीसरी बार आई भेड़ाघाट- मध्य प्रदेश के लिए पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस बोकारो से भेड़ाघाट (जबलपुर), मकरोनिया (सागर) और मण्डी दीप (भोपाल) के लिए 6 टैंकरों में 64 मीट्रिक टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन लेकर पहुँची थी। मध्य प्रदेश की दूसरी ऑक्सीजन एक्सप्रेस बोकारो से भेड़ाघाट (जबलपुर) और मकरोनिया (सागर) के लिए 4 टैंकरों में 47 मीट्रिक टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन लेकर पहुँची थी, जिससे राज्यों में कोविड-19 मरीजों के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी। पी-4
एक नजर में
- 28/29 अप्रैल की रात एक ऑक्सीजन टैंकर आया।
- 30 अप्रैल को दो ऑक्सीजन टैंकर आए।
- 01 मई को दो ऑक्सीजन टैंकर बोकारो से आए।
शहर में प्रतिदिन 4500 सिलेंडर की है डिमांड
बीते दिनों ऑक्सीजन की किल्लत के चलते मरीजों की मौत के बाद अब ऑक्सीजन की आपूर्ति डिमांड के मुताबिक हो रही है, यानी शहर को जितनी ऑक्सीजन की आवश्यकता है, उतनी ऑक्सीजन अस्पतालों तक पहुँचाई जा रही है। ऑक्सीजन प्लांट के नोडल इंचार्ज एसडीएम अनुराग तिवारी ने बताया कि प्रतिदिन 4400 से 4500 सिलेंडर्स की डिमांड शहर में है, जिसकी आपूर्ति की जा रही है। शहर में 86 मीट्रिक टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की भंडारण क्षमता है।
इनमें से जैनम, आदित्य और संजीवनी प्लांट की क्षमता 20-20 मीट्रिक टन की है। इसके साथ ही मेडिकल कॉलेज मंें 20 मीट्रिक टन और मिलिट्री हॉस्पिटल में 6 मीट्रिक टन स्टोर की जा सकती है। ऑक्सीजन एक्सप्रेस के माध्यम से जो ऑक्सीजन मिल रही है, उसे जहाँ जरूरत है, वहाँ स्टोर किया जा रहा है। शनिवार काे मिली ऑक्सीजन मेडिकल कॉलेज और जैनम प्लांट में भेजी जाएगी।