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- While The Meeting Was Going On, The Message Did Not Come From The Mother; Finished The Meeting And Performed The Last Rites Of The Mother And Gathered To Do The Work.
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मंदसौर11 मिनट पहले
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कोरोना में अफसरों की मनमानी के कई किस्से आम हुए। लेकिन कई किस्से ऐसे भी है जो अफसरों के सम्मान में आमजन को नतमस्तक कर देते है। ऐसे ही एक मामला हाल ही में मंदसौर का सामने आया है। यहां पदस्थ कलेक्टर मनोज पुष्प जब मीटिंग में थे तो मैसेज आया कि मां नहीं रही। मीटिंग पूरी कर घर गए और मां का अंतिम संस्कार कर फिर से काम में जुट गए। शोक संवेदना व्यक्त करने वालों को तो मना कर ही दिया। अपनी बेटी तक को आने से मना कर दिया। इस पूरे मामले में बड़ी नम्रता से वह कह रहे है, सब पूरी जी-जान लगाकर काम कर रहे हैं। मैं मां के गम में डूबकर 13 दिन घर कैसे बैठ सकता था।

मंदसौर कलेक्टर मनोज पुष्प जब मंत्री हरदीप सिंह डंग के साथ सर्किट हाउस में बैठक कर रहे थे तब मां को वेंटिलेटर पर लेने की सूचना मिली। इस बैठक के बाद उज्जैन संभागायुक्त संदीप यादव के साथ वीसी में बैठे थे कि फोन पर पत्नी विनीता का मैसेज था मम्मी नहीं रहीं। मां की मौत की सूचना मिलने के बाद भी वो बैठक पूरी होने तक बैठे रहे। बाद में बंगले पर पहुंचे, मां स्नेह प्रभा को बेड से उतारा, अर्थी सजाई, अपने गार्ड, प्यून आदि के साथ शव वाहन से श्मशान पहुंचे। अंतिम विदाई देकर लौटे कि फिर से वायरलेस और मोबाइल पर अस्पतालों में ऑक्सीजन खत्म होने को है जैसे मैसेज चल पड़े।
राजस्थान के सीमावर्ती जिलों, रतलाम आदि से ऑक्सीजन जुटाने में लग गए। जहां से भी व्यवस्था हुई पहले उन मरीजों तक पहुंचाए जिनके सिलेंडर खत्म होने को थे। जब महामारी से आमजन की जान पर बन आई हो तब मां के निधन पश्चात यह संभव नहीं कि कलेक्टर तीन या तेरह दिन के शोक में डूबा रहे। मां छह महीने से बीमार थीं, तबीयत अचानक बिगड़ने पर जिला अस्पताल कोविड मरीजों के लिए आरक्षित होने से निजी अस्पताल में दाखिल किया। डॉक्टरों ने घर ले जाने की सलाह दे दी, दूसरे दिन तो चल बसीं।
कलेक्टर मनोज पुष्प ने कहा मां तो चली गई, हम शोक मनाने बैठ जाते तो जिले की स्थिति बिगड़ सकती थी। दोपहर 3.30 के करीब अंतिम संस्कार कर लौटा फिर ऑक्सीजन के इंतजाम, विभागीय बैठक में जुट गया। बंगले पर भी सूचना चस्पा कर दी थी कि कोई शोक व्यक्त करने ना आए, फोन पर भी मैसेज ही करें। मैंने तो महाराष्ट्र में होस्टल में रह रही बेटी वदानिया से लेकर सतना, रीवा से आने वाले रिश्तेदारों को भी मना कर दिया था।