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भोपालएक मिनट पहले
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घरों में रहकर पढ़ी गई नमाज।
महामारी के इस दौर ने दुनिया को परेशानियों में डाल रखा है। तेरा हर बंदा परेशानियों और मुश्किलों में मुब्तिला (व्यस्त) है। ऐ मौला, हम तेरे इम्तेहान के लायक नहीं हैं। हमारी और परीक्षा न ले। इस महामारी से हमारे शहर, सूबे, मुल्क को निजात अता फरमा। सारी दुनिया से इसका काला साया हटा ले। कुछ इस तरह की दुआएं ईद पर मुस्लिम धर्मावलंबियों ने की। ईदुल फितर के त्यौहार पर शहर में खुशियां मौजूद थीं लेकिन उनमें रंगत दिखाई नहीं दे रही थी। मस्जिदों के बंद दरवाजे, शहर की सूनी सड़कें, बच्चों की किलकारियों से खाली माहौल। मुस्लिम धर्मावलंबियों ने घरों में नमाज अदा की, खैर की दुआएं मांगी और बिना गले मिले, बिना मुसाफा (हाथ मिलाना) किए दूर से एक दूसरे को मुबारकबाद दी।

मस्जिदों में इस तरह लगा दी गई सूचना।
ईदगाह समेत बड़ी मस्जिदों में सन्नाटा
आम तौर पर अल सुबह ईदगाह की तरफ बढ़ने वाला हुजूम इस बार दिखाई नहीं दिया। जामा मस्जिद, ताजुल मस्जिद, मोती मस्जिद जैसे बड़ी इबादतगाह भी मुस्लिम धर्मावलंबियों से खाली दिखाई दिए। कोविड गाइडलाइन के मुताबिक शहर की सभी मस्जिदों में सीमित संख्या में नमाज पढ़ने की इजाजत दी गई थी। जिसके चलते यहां मस्जिद के इमाम मुअज्जिन और कमेटी के चुनिंदा पदाधिकारियों ने नमाज अदा कर रस्म अदायगी कर ली।
शहर काजी ने की अपील
शहर काजी सैयद मुश्ताक अली नदवी, मस्जिद कमेटी सचिव यासिर अराफात, ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड अध्यक्ष काजी सैयद अनस अली नदवी, ऑल इंडिया त्योहार कमेटी के अध्यक्ष डॉ ओसाफ शाहमिरी खुर्रम ने प्रदेश भर की जनता को ईद की मुबारकबाद दी। उन्होंने सभी से अभी महामारी से बचाव, इसके लिए एहतियात, गाइडलाइन के पालन की अपील की। उन्होंने कहा कि पहले जिंदगी को सुरक्षित कर लिया जाए, उत्सव, पर्व और त्योहार मनाने के बहुत मौके आते रहेंगे। उलेमाओं ने कहा कि अपनी सुरक्षा से हम अपने समाज के दूसरों दूसरे लोगों के लिए हिफाजत के इंतजाम कर सकते हैं।
चौकसी सख्त, हालात पर पुलिस की नजर
ईद की नमाज के लिए मस्जिदों में लोगों के हुजूम लगने के हालात रोकने के लिए पुलिस ने अल सुबह से ही मोर्चा सम्हाल लिया था। पुराने शहर की कमोबेश सभी मस्जिदों पर सुबह फजिर की नमाज से पहले ही पुलिस ने लोगों को रोकना टोकना शुरू कर दिया था।
अपने साथ समाज को भी नुकसान पहुंचाएगी आपकी गलती : डीआईजी
रस्म के मुताबिक लोग नमाज से फारिग होकर कब्रस्तान पहुंचने लगे। बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी देखकर डीआईजी इरशाद वली ने खुद मोर्चा सम्हाल रखा था। वे बड़ा बाग कब्रिस्तान में उद्घोषणा कर रहे थे, हालात बेहद खराब हैं, आप बच्चों और बुजुर्गों के साथ कब्रस्तान पहुंचकर खुद का नुकसान तो कर ही रहे हैं। साथ ही समाज के भी दुश्मन बन रहे हैं। उन्होंने खुद मौजूद रहकर कब्रस्तान से लोगों को बाहर निकलवाया।
ऐसा था शहर का नजारा
– ईदगाह जाने वाले रास्ते सूने पड़े थे। नमाज के बाद मंच से मुबारकबाद देते मुख्यमंत्री, सियासी लोग, बुद्धिजीवी और शहर के रसूखदार इस बार नदारद थे।
– ईदगाह के बाद जामा मस्जिद, ताजुल मसजिद और मोती मस्जिद में ईद की नमाज अदा की जाती है। इन मस्जिदों की तरफ भी लोगों के कदम नहीं बढ़े।
– गले लगकर ईद मुबारक कहने और हाथ मिलाकर बधाइयां देने का सिलसिला भी विलुप्त था, लोग मिले, मिले तो दूर से ही सलाम दुआ हुई।
– सोशल मीडिया पर चांद दिखाई देने की मुबारकबाद से लेकर ईद की शुभकामनाओं के संदेश गुरुवार शाम से ही लहराने लगे थे।
– आम दिनों में मोहल्लों में लग जाने वाले छोटे मेले, झूले, ईद बाजार दिखाई नहीं दिए।
– अपनों को मुबारकबाद देने के लिए घरों से निकल पड़ने वाले लोग भी घरों में रहकर फोन पर ही सलाम, दुआ, मुबारकबाद कहते रहे।
– अल सुबह से पुराने शहर में बैरिकेडिंग टाइट कर दी गई थी। हर आने जाने वाले से पूछताछ करके ही आगे जाने दिया जा रहा था। बिना वजह सड़कों पर निकलने वाले लोगों को पुलिस ने वापस लौटा दिया।
रिपोर्ट: खान आशु