मानसून के लिए तैयार नहीं शहर: जिन नालों की सफाई की वहीं फंसी पॉलीथिन, सीवरेज का काम करने वालों ने सड़कों काे खोदकर छोड़ा

मानसून के लिए तैयार नहीं शहर: जिन नालों की सफाई की वहीं फंसी पॉलीथिन, सीवरेज का काम करने वालों ने सड़कों काे खोदकर छोड़ा


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उज्जैन4 मिनट पहले

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एमआर-5 के बड़े नाले में कचरा रोकने के लिए जाली लगाई लेकिन अब उसी में पॉलीथिन जम रही है

  • तीन काम जो बारिश से पहले नहीं किए तो रहवासियों की परेशानी बढ़ेगी

प्री-मानसून गतिविधियां शुरू हो गई हैं लेकिन शहर मानसून के लिए तैयार नहीं है। कोरोना के बीच नगर निगम के पास वक्त भी है और संसाधन भी। ऐसे में उनका उपयोग कर शहर को तैयार किया जा सकता है। भास्कर टीम ने शहर में घूमकर ऐसे तीन प्रमुख काम खोजे जो नगर निगम को कराना है। यह काम समय पर नहीं किए गए ताे रहवासियों की परेशानी बढ़ेगी।

निगम अफसरों का दावा है कि मानसून की तैयारियों के सिलसिले में जो भी काम जरूरी हैं, उन्हें करने की शुरुआत हो गई है। उम्मीद है कि वे बारिश के पहले पूरे कर लिए जाएंगे हालांकि इसकी गुंजाइश बहुत कम लगती है कि यह सभी काम बारिश से पहले पूरे कर लिए जाएं।

नए शहर की तुलना में पुराने शहर में जलजमाव की स्थिति ज्यादा बनती है। इसके अलावा बारिश में सड़कें उखड़ने की शिकायतें भी रहवासी करते हैं। नालों की सफाई पूरी करने का दावा किया जा रहा है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है।
हर साल 27 नाले-नालियों की सफाई कराई जाती है
एमआर-5 में शहर का सबसे बड़ा कच्चा नाला है। नगर निगम हर साल प्री-मानसून गतिविधियों के तहत जेसीबी और पोकलेन से शहर के 27 बड़े-छोटे नालों की सफाई करवाता है। इसकी शुरुआत इसी नाले से होती है। इस बार भी ऐसा ही हुआ लेकिन नाले में अब भी बड़ी मात्रा में पॉलीथिन जमा है। रहवासियों का कहना है कि तेज बारिश में नाले का पानी घरों के अंदर घुस जाता है।

मिशन मोड पर करवाएंगे नालों की सफाई ताकि बारिश में जलभराव न हो -सिंघल
बारिश को देखते हुए नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग का अमला नियमित रूप से नाले, नालियों का सफाई कार्य करवाया रहा है। निगम आयुक्त क्षितिज सिंघल ने बताया फिर भी कुछ ऐसे बड़े नाले हैं जिन्हें पोकलेन एवं जेसीबी के माध्यम से ही साफ किया जा सकता है।

साथ ही ऐसे प्रमुख नालों को भी चिह्नित किया जा रहा है जिनका बहाव बारिश में अत्यधिक हो जाता है। ऐसे नालों की सफाई मिशन मोड पर करवाई जाएगी ताकि बारिश के दौरान निचले क्षेत्रों में जलभराव की समस्या ना होने पाए।

जलभराव की समस्या से निपटने के लिए अब यह करेंगे 1 स्वास्थ्य विभाग, भवन अनुज्ञा विभाग और शिल्पज्ञ विभाग तीनों मिलकर एक साथ ऐसे क्षेत्रों का निरीक्षण करेेंगे। जहां जलभराव की समस्या होती है, वहां पहले काम शुरू करेंगे।

2 ऐसे क्षेत्र जहां बारिश के दौरान पानी का बहाव ज्यादा रहता है, वहां पर स्क्रीनिंग जाली लगवाई जाएगी, जिससे कचरा आगे ना जाने पाए उसे वहीं नियमित रूप से साफ किया जा सके।

3 वार्डों में नाले-नालियों पर ऐसे अतिक्रमण हैं जिनके कारण सफाई नहीं हो पाती है। पानी एक ही जगह एकत्रित हो जाता है, ऐसे अतिक्रमण को चिह्नित करते हुए हटवाने की कार्रवाई की जाएगी।

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