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- New Proposal For Awarding Contracts For 10 Months By Increasing License Fees By 10%; In The Last Meeting, The Home Minister Said 5% Growth Is Less, Businessmen Earn A Lot From Alcohol
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मध्यप्रदेश11 मिनट पहले
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प्रदेश में शराब के ठेकों के लिए कैबिनेट बैठक आज शुक्रवार को दोपहर बाद बुलाई गई है। इसमें लाइसेंस फीस 10% बढ़ाकर 10 माह के लिए ठेके देने का नया प्रस्ताव मंजूरी के लिए भेजा गया है। 11 मई को पिछली बैठक में लाइसेंस फीस 5% बढ़ाने का प्रस्ताव था, लेकिन गृह मंत्री ने यह तर्क देकर इसका विरोध किया था कि शराब से कारोबारी खूब कमाते हैं। इसलिए लाइसेंस फीस ज्यादा बढ़ाई जाना चाहिए। इस पर मुख्यमंत्री ने इस प्रस्ताव को टाल दिया था।
प्रदेश में शराब बिक्री के लिए नई नीति काे लेकर सरकार फिलहाल बैकफुट पर दिखाई दे रही है। मौजूदा वित्तीय वर्ष के शेष 10 महीनों के लिए लाइसेंस फीस 5% बढ़ाने के आबकारी विभाग के प्रस्ताव को शिवराज कैबिनेट ने फिलहाल डिफर (अगली या उसके बाद होने वाली बैठक तक के लिए) यानी टाल दिया है। बैठक में जब इस प्रस्ताव चर्चा शुरू हुई, तो गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि शराब से कारोबारी बहुत कमाई करते हैं।
वाणिज्यिक कर विभाग के एक अफसर ने बताया कि चूंकि प्रदेश में कोरोना महामारी के चलते शराब की दुकानें 10 अप्रैल से बंद हैं। अभी जल्दी खुलने की संभावना भी कम है। ऐसे में मौजूदा हालातों और कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए नई नीति लागू करने के बजाय वर्तमान लाइसेंस फीस में 5% की वृद्धि करने का प्रस्ताव स्वीकृति के लिए कैबिनेट में भेजा गया। जिसे टाल दिया गया था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 10% करने का प्रस्ताव कैबिनेट में भेजा गया है।
बड़े ठेकेदार तैयार नहीं
मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि 10% लाइसेंस फीस बढ़ाकर बड़े ठेकेदार तैयार नहीं है। उनका कहना है कि शादी-ब्याह का सीजन निकल चुका है। अब शेष 10 महीने के लिए 10% फीस बढ़ाना न्यायोचित नहीं है। बता दें कि प्रदेश में शराब की नई नीति 1 अप्रैल से लागू होना थी, लेकिन कोरोना महामारी के चलते वर्तमान ठेकेदारों को लाइसेंस फीस में 5% की वृद्धि कर इसे 31 मई तक के लिए लागू किया गया था।
पिछले साल हुआ 2500 करोड़ का नुकसान
पिछले साल कोरोना के चलते सरकार को शराब से करीब 2500 करोड़ का नुकसान हो चुका है। इसकी एक वजह यह भी है कि पिछले साल अप्रैल में टोटल लॉकडाउन के कारण शराब दुकानें बंद रही। इसके बाद मई में ठेकेदारों ने दुकानें खोलने से इंकार कर दिया था, क्योंकि टेंडर के समय तय दुकान खुलने का समय कम कर दिया गया था। इस पर जून माह में आबकारी विभाग ने शराब दुकानें खोली थी। इसमें सरकार को 2500 करोड़ राजस्व घाटा हुआ था।
5% वृद्धि से 450 करोड़ की आय
विभाग के सूत्रों ने बताया कि लाइसेंस फीस 5% बढ़ाई जाती है तो सरकार को करीब 450 करोड़ रुपए की आय बढ़ जाएगी। सरकार राजस्व बढ़ाने के लिए शराब की ऑन लाइन बिक्री को नया जरिया बनाने की तैयारी में है। इसका भी ठेकेदार विरोध कर रहे हैं।