ऐसे भी होते है अफसर: रीवा संभागायुक्त और कलेक्टर ने दिखायी मानवीय संवेदना, सड़क हादसे में घायल दो चालकों को तुरंत भेजवाया अस्पताल

ऐसे भी होते है अफसर: रीवा संभागायुक्त और कलेक्टर ने दिखायी मानवीय संवेदना, सड़क हादसे में घायल दो चालकों को तुरंत भेजवाया अस्पताल


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रीवा25 मिनट पहले

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कलेक्टर इलैयाराजा टी हाइवे में खड़े होकर पुलिस को निर्देश देते हुए।

  • सगरा थाना अंतर्गत हाइवे में हुआ था हादसा, 108 एंबुलेंस और पुलिस को प्रशासनिक अधिकारियों ने दी सूचना

किल कोरोना अभियान का जायजा लेने जा रहे दो आईएएस अफसरों की दरियादिली दिखाने का मामला सामने आया है। यहां रीवा-सिरमौर हाइवे से गुजर रहे अधिकारियों ने मानवीय संवेदना दिखाते हुए सड़क हादसे में घायल लोगों को देखकर रूक गए। तुरंत लग्जरी वाहन से उतरते हुए प्रशासनिक अधिकारियों ने घायलों से कारण जानते हुए पुलिस और 108 एंबुलेंस की सूचना दी।

जानकारी के बाद सगरा पुलिस मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू करते हुए आनन फानन में घायलों को संजय गांधी अस्पताल भेजवाया है। सड़क में आईएएस अफसरों का ये रूप देखकर जहां ग्रामीणों ने जमकर प्रशंसा की। वहीं ​पुलिस और चिकित्सका विभाग के अफसर भागते भागते मौके पर पहुंचने के लिए मजबूर हो गए।

मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार की शाम रीवा संभागायुक्त अनिल सुचारी और कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी किल कोरोना अभियान का जायजा लेने के लिए सिरमौर जा रहे थे। उन्हें सगरा गांव के पास दो वाहन दुर्घटनाग्रस्त दिखे। वहीं हादसे के ​शिकार ट्रक व हाइवा चालक रोड पर पड़े दिखायी दिये। पूछताछ में आईएएस अफसरों को लोगों ने बताया कि लगभग दस मिनट पहले अनाज से भरे ट्रक में पीछे से हाइवा द्वारा जोरदार टक्कर हुई थी। जिसमें हाइवा वाहन के दोनों चालक बुरी तरह घायल हो गये थे।

ऐसे में तुरंत आईएएस अधिकारी भी पीछे से मौके पर पहुंच गए। उन्होंने तुरंत सगरा पुलिस को फोन कर बुलवा। साथ ही कमिश्नर और कलेक्टर ने तत्काल पुलिस अधिकारियों और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए। हादसे की सूचना के बाद चिकित्सका विभाग के अधिकारियों ने आनन फानन में 108 एंबुलेंस को घटनास्थल पर भेजा। जहां से घायलों को हास्पिटल के लिए रवाना किया गया। तब कहीं जाकर दोनों संवेदनशील अधिकारी आगे के लिए रवाना हुए।

समय पर उपचार मिलने से बची दोनों युवकों की जान
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि हादसें में घायल दोनों चालक बुरी तरह जख्मी हो गए थे। ऐसे में दोनों घायलों को समय पर उपचार सहायता मिलने से ही जान बची है। अगर यही घायल घंटों बाद अस्पताल पहुंचते तो शायद इनको हम लोग न बचा पाते। वहीं घायल चालकों ने डियूटी डॉक्टर को बताया कि हम दोनों अधिकारियों की बदौलत समय पर अस्पताल पहुंचे है। अगर अधिकारी न आते तो हम दोनों वहीं पर मर गए होते। काश हर अधिकारी अपनी डियूटी करे तथा अपने कार्य के प्रति संवेदनसील रहे तो हादसे रूक सकते है।

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