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- Black Fungus Between Corona, Marriage Was Set 11 Days Later, Appeals To Hoarders, Spared The Injection Of Black Fungus
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जबलपुर3 मिनट पहले
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26 दिन से था कोरोना, आ गया ब्लैक फंगस की चपेट में।
चंद रुपयों की खातिर किसी की जान से मत खेलो। ब्लैक फंगस से बचाने वाले इंजेक्शन को कालाबाजारी से बख्श दो। मेरी हाथ जोड़कर आप सभी से अपील है कि किसी की जिंदगी से खेलकर तिजोरी मत भरो। जिंदगी में बहुत से मौके मिलेंगे, पैसे कमाने के। किसी की आंख या जबड़ा निकलवाने से बचा लो। ये मर्माहत अपील शहर के निजी अस्पताल में भर्ती 32 वर्षीय अर्पित उर्फ टिंकू राय की। सोशल मीडिया पर प्रदेश के 500 मरीजों की जिंदगी बचाने की अपील की है।
नरसिंहपुर जिले के सालीचौक (गाडरवारा) निवासी अर्पित की इसी 28 मई को शादी तय थी। हालांकि इसे फिलहाल टाल दी है। कोरोना संक्रमण के बीच ब्लैक फंगस से पीड़ित अर्पित ने दैनिक भास्कर से अपने दर्द सांझा किए। बताया कि उसकी गारमेंट की दुकान है। एक बाई डॉक्टर आनंद राय इंदौर में एमबीबीएस है। बीते 21 अप्रैल को बुखार होने पर जांच कराई। 19 प्रतिशत फेफड़ा संक्रमित था। दवा लेने के बाद 22 को जबलपुर में जबलपुर हॉस्पिटल में भर्ती हुआ। काेरोना संक्रमण के बीच में ही ब्लैक फंगस ने चपेट में ले लिया।
40 इंजेक्शन की जरूरत, बड़ी मुश्किल से मिल पा रहा
अर्पित ने सोशल मीडिया पर एक वीडियाे जारी कर ब्लैक फंगस से बचाने वाली इंजेक्शन उपलब्ध कराने की अपील की है। अर्पित ने इस वीडियो में प्रदेश के 500 लोगों की समस्या बन चुकी इंजेक्शन को उपलब्ध कराने की सरकार से मांग की है। 354 रुपए का एक इंजेक्शन है, जो ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीजों को 40 लगनी है। अर्पित के मुताबिक अभी तक उसे आठ इंजेक्शन लग चुका है। 50 एमएल का एक इंजेक्शन है और उसे 70 एमएल रोज लगानी पड़ रही है।
23 मई को अर्पित की शादी थी लेकिन वह विगत 26 दिन से कोरोना से जूझ रहा है ब्लैक फंगस की चपेट में है,मेरे अनुज को अपनी चिंता नही उन 500 मरीजों की चिंता है जो मप्र के विभिन्न अस्पतालों में दवा के अभाव में जीवन मौत से संघर्ष कर रहे हैं @jabalpurdm @CMMadhyaPradesh @VTankha @upmita pic.twitter.com/3b3gSpGiTc
— Office Of Dr Anand Rai (@anandrai177) May 16, 2021
मल्टी डिस्प्लीनरी सर्जरी होगी
जबलपुर हॉस्पिटल के डॉक्टर राजेश धीरावाणी के मुताबिक अर्पिल का ब्लैक फंगस उसके जबड़े और आंख तक फैल चुका है। दिमाग तक संक्रमण न फैले, इस कारण इंजेक्शन दिए जा रहे हैं। जैसे ही डायबीटिज कंट्रोल में होगा, उसका ऑपरेशन किया जाएगा। जबलपुर में मेडिकल सहित विभिन्न निजी अस्पतालों में 90 के लगभग ब्लैक फंगस के पीड़ित इलाजरत हैं। इसमें 29 मेडिकल कॉलेज में हैं।
मेडिकल काॅलेज में 15 बेड का स्पेशल वार्ड तैयार
मेडिकल कॉलेज के डीन डॉक्टर प्रदीप कसार ने बताया कि पिछले 10 दिनों से ब्लैक फंगस के मरीज आ रहे हैं। इसमें अधिकतर वर्तमान में कोरोनों से निगेटिव हो चुके हैं। इसके लिए 20 नंबर का वार्ड आरक्षित किया गया है। इसमें जरूरत के अनुसार 30 बिस्तर तक की व्यवस्था है। कोरोना पॉजिटिव वाले ब्लैक फंगस के मरीज वार्ड नंबर पांच नंबर और सस्पेक्टेड वालों को वार्ड नंबर 6 रखा है। दवा का इंतजाम कर लिया है। मेडिकल को विशेषज्ञ इलाज कर रहे हैं। यहां शहडोल व पन्ना से भी मरीज आ रहे हैं। वर्तमान में 29 मरीज सामने आ चुके हैं। 4 की मौत हो चुकी है।
लक्षण आते ही करा लें इलाज, तो ठीक हो जाएगी बीमारी
मेडिकल कॉलेज में नेत्र रोग विभाग के एचओडी डॉक्टर नवनीत सक्सेना के मुताबिक इस बीमारी के शुरूआती लक्षणों के आधार पर आसानी से इलाज संभव है। इसके लक्षणों में सिर दर्द, बुखार, नाक से ब्लैक डिस्चार्ज, आंख में सूजन, आंख लाल होना, कम दिखना या डबल दिखना इसके लक्षण हैं। इस तरह की परेशानी हो तो तुरंत मेडिकल काॅलेज के ओपीडी नंबर सात में दिखाएं।
शुगर 150 से 200 के अंदर रखें, सफाई करें
मेडिकल कॉलेज में ईएनटी विशेषज्ञ डॉक्टर कविता सचदेवा के मुताबिक ब्लैक फंगस से डरने की जरूरत नहीं है। इसका समय से पहचान कर इलाज कराने की जरूरत है। धूल से बचें। हाथ धो कर ही कुछ खाएं। शुगर 150 से 200 के बीच ही रखें। नाक से काले रंग का पानी आना, आंख की लाली, तालू में पपड़ी जम रही है तो तुरंत ईएनटी विभाग की ओपीडी में दिखाएं। ऐसे मरीज दो तीन दिन में ऑपरेशन से ठीक हो सकते हैं। यह बीमारी नाक व गाल तक है तो ठीक हो सकता है। दिमाग में फैलने पर ही जान जाने का खतरा रहता है।