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खंडवा12 मिनट पहले
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- – खंडवा मेडिकल कॉलेज में अलग से होगी इलाज की व्यवस्था
इंदौर, भोपाल व ग्वालियर जैसे बड़े शहरों के बाद अब खंडवा में ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ गया है। शनिवार की रात सिंधी कॉलोनी निवासी 56 वर्षीय महिला ने दम तोड़ दिया। कुछ दिन पहले ही इंदौर से महिला को इलाज के लिए जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया था। इधर, एक मरीज इंदौर में भर्ती बताया जा रहा है। अस्पताल प्रशासन के अनुसार इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज में अलग से वार्ड तैयार होगा।
मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अनंत पंवार ने बताया ब्लैक फंगस रोग से खंडवा जिले में मौत का यह पहला मामला है। मरीज की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट 29 अप्रैल के आई थी। तब से ही वह इंदौर में इलाज करा रही थी। उसकी 12 मई को रिपीट कोरोना टेस्ट रिपोर्ट भी पॉजिटिव थी। महिला की दांई किडनी का 2015 में प्रत्यारोपण हुआ था। वह पिछले दस साल से हाईपो थायरॉयड और हाई शुगर के रोग से भी पीड़ित थी।
भास्कर एक्सप्लेनर; स्टेराइड के अधिक इस्तेमाल से आ रही परेशानी-एक्सपर्ट
डॉक्टर्स के अनुसार स्टेराइड व टॉसिलिजुमेब की वजह से भी शुगर लेवल पर बढ़ जाता है। इन दिनों कई मरीज बिना डॉक्टर से पूछे भी स्टेराइड ले रहे हैं। मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनील एम. जैन कहते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों से ऐसे केस ज्यादा सामने आ रहे हैं। अप्रशिक्षित डॉक्टर्स स्टेराइड दे देते हैं, लेकिन मॉनीटरिंग नहीं कर पाते, जिससे शुगर लेवल बढ़ रहा है। मरीज की आंख की रोशनी तक जा रही है। मरीज का शुगर लेवल 300 से 400 तक पहुंच रहा है। वे मरीज जिन्हें इसके पहले कभी शुगर नहीं थी, वे भी पीड़ित हो रहे हैं।
साइनस बोन डैमेज कर रहा
बढ़ा हुआ शुगर लेवल फंगस को निमंत्रण देता है। डायबिटिक मरीज, पोस्ट ऑर्गन ट्रांसप्लांट और एचआईवी पीड़ित मरीज रिस्क ग्रुप में माने जाते हैं। यह फंगस साइनस पर आक्रमण करता है। नाक के अंदर लाइन को डैमेज कर साइनस की बोन को डैमेज करता हुआ आंखों और फिर ब्रेन में प्रवेश करता है। कैरोटिन ऑर्टरी को डैमेज करता है।
ऐसे बचें, ब्लैक फंगस से
यह कम ऑक्सीजन में पनपता है। इसलिए नाक से सांस लें। शुगर लेवल मेंटेन रखें। एंटीसेप्टिक जैसे बीटाडीन का सॉल्यूशन बनाकर दो-तीन बूंद नाक में डालते रहें। यह अंदर फंगस के फैलाव को रोक देता है। अगर शुगर बढ़ रही है तो मॉनिटरिंग कर कंट्रोल करें।
ऐसे पहचानें, आंख में सूजन व तेज दर्द हो तो तुरंत सलाह लें
सामान्य रूप से साइनस में एयर रहती है, लेकिन फंगस से पस आ जाता है। म्यूकर फास्ट स्प्रेडिंग फंगस है। शरीर में साइनस के ऊपर ऑर्बिट होता है। उसके अंदर आई-बॉल होती है। म्यूकर फैलने के कारण मरीजों की आंख में सूजन, तेज दर्द होता है। आंखों के नीचे वाला हिस्सा जिसे चीक कहते हैं, उसमें दर्द शुरू होता है। इसे गंभीरता से लें। सेनसेशन, आंखों के मूवमेंट में भी फर्क पड़ता है।