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इंदौर7 मिनट पहलेलेखक: संजय गुप्ता
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कोरोना से लड़ाई में काम आने वाली दवाओं और उपकरण पर पूरा टैक्स वसूल किया जा रहा है।
- एक्ट में प्रावधान लोकहित में स्टेट GST में राहत दे सकती है सरकार, क्या फिल्म ही लोकहित?
- काेरोना काल में अब तक 350 करोड़ रुपए से अधिक की दवा एवं उपकरण खरीदे जा चुके, इन पर 12 फीसदी की दर से जीएसटी वसूला गया
जनहित के नाम पर सरकार फिल्मों को तो आसानी से टैक्स फ्री कर देती है, लेकिन कोरोना से लड़ाई में काम आने वाली दवाओं और उपकरण पर पूरा टैक्स वसूल किया जा रहा है। पिछले एक साल में वेंटिलेटर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, रेमडेसिविर, पीपीई किट आदि पर सरकार ने प्रदेशभर से करीब 42 करोड़ का जीएसटी वसूला है।
यहां तक कि पल्स ऑक्सीमीटर, भाप की मशीन आदि की भी 20 करोड़ से ज्यादा की खरीदी हुई है, इस पर भी लोगों ने ढाई करोड़ का टैक्स चुकाया है। जबकि प्रदेश में पिछले साल कोरोना का पहला मरीज मिलने के एक माह पहले फरवरी 2020 में ही सरकार ने थप्पड़ फिल्म को 9% स्टेट जीएसटी की छूट दी थी। इसमें दर्शक को टैक्स नहीं देना पड़ा, लेकिन थियेटर मालिक ने पूरा टैक्स जमा किया। बाद में उसे 9% का रिफंड मिल गया।
गुजरात में छूट, मप्र में राहत नहीं
गुजरात सरकार ने सरकारी व अनुबंधित अस्पतालों में कोविड की दवा, मशीन आदि दान करनेे पर जीएसटी में छूट दी है। यानी कोई गुजरात से बाहर से लाया और इन्हें दिया है तो वे सर्टिफिकेट रिफंड ले सकते हैं।
इस एक्ट से इस तरह से मिल सकती है टैक्स राहत
वरिष्ठ कर सलाहकार आरएस गोयल बताते हैं कि जीएसटी की धारा 11 में सरकार कोविड दवा, मशीन पर राहत दे सकती है। जैसा थप्पड़ फिल्म के लिए किया गया था। कारोबारी अस्पताल या मरीज द्वारा ली जा रही दवा, मशीन पर टैक्स नहीं लेगा, खुद पूरा टैक्स देगा। यह राशि बाद में उसे रिफंड हो जाएगी।
टैक्स कम करने से पहले ही इनकार कर चुकीं मंत्री
पहले भी कोविड दवाओं पर टैक्स कम या शून्य करने की मांग उठी थी, लेकिन केंद्रीय वित्तमंत्री ने प्रस्ताव खारिज कर दिया कि इससे इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं मिलेगा। सामग्री महंगी हो जाएगी। जानकारों का कहना है कि क्रेडिट का इश्यू आता है दर कम कर राहत दे सकते हैं, टैक्स रिफंड भी रास्ता हो सकता है।
- पीपीई किट- अब तक 50 करोड़ की करीब 10 लाख पीपीई किट खरीदी, ढाई करोड़ टैक्स लगा
- 100 करोड़ के करीब 5 लाख रेमडेसिविर बिके, 12% की दर से 12 करोड़ टैक्स
- 50 करोड़ की 10 हजार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर पर 6 करोड़ टैक्स