- Hindi News
- Local
- Mp
- Gwalior
- Women Feel Afraid Of Needles, They Are Afraid Of Being Injected And Men Are Killed In Statistics
Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
ग्वालियर18 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
अभी तक 3 लाख 75 हजार 935 लोग वैक्सीन लगवा चुके हैं। इनमें से महिलाएं 1,32,562 हैं, जबकि 1,72,092 पुरूष हैं। (फाइल फोटो)
- सबसे ज्यादा वैक्सीन 45 से 60 उम्र वाले समूह में लगाई गई है
इंजेक्शन फोबिया मतलब महिलाओं को सुई लगवाने का डर उनको वैक्सीनेशन में पुरुषों के मुकाबले काफी पीछे छोड़ गया है। महिलाओं को सुई का डर ही सताता रहा और वैक्सीनेशन में पुरुष आंकड़ों की बाजी मार ले गए। कहने का मतलब अभी तक हुए टीकाकरण में महिलाओं के मुकाबले पुरुषों ने ज्यादा वैक्सीन लगवाई है।
प्रदेश सहित ग्वालियर में टीकाकरण के 16 मई को चार महीने पूरे हो गए हैं। अभी तक 3 लाख 75 हजार 935 लोग वैक्सीन लगवा चुके हैं। इनमें से महिलाएं 1,32,562 हैं, जबकि 1,72,092 पुरुष हैं। सभी सेंटर की रिपोर्ट को देखें तो महिलाओं द्वारा वैक्सीन लगवाने से पहले आंखें बंद की, मन में भगवान को याद करना आदि जतन लगने वाली सुई से ध्यान हटाने के लिए किया।
कोविड संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए प्रदेश सहित ग्वालियर में 16 जनवरी 2021 से टीकाकरण शुरू हुआ था। पहले हेल्थ वर्कर फिर फ्रंटलाइन वर्कर और उसके बाद तीसरे चरण में सामान्य लोगों के लिए वैक्सीन के द्वार खोले गए थे। अभी तीसरा चरण चल रहा है। जिले में 3,75,935 लोगों को टीका लग चुका है। जिले में कोरोना का टीका लगाने में महिलाओं के मुकाबले पुरुष आगे हैं। इसमें स्वास्थ्यकर्मी फ्रंटलाइन वर्कर, गंभीर बीमारी से पीड़ित, 60 साल से ज्यादा उम्र और 18 से 44 वर्ष के बीच के युवा भी शामिल हैं। कुल टीकाकरण में से 3,04,692 को पहला डोज व 71,243 को दूसरा डोज लगाया जा चुका है। इसमें 1,72,092 पुरुषों ने कोरोना टीका लगाया है, जबकि 1,32,562 महिलाएं वैक्सीन ले चुकी हैं।
डर और झिझक के कारण महिलाएं रहीं पीछे
वैक्सीन को लेकर महिलाओं में शुरू से ही झिझक थी। महिलाओं को इंजेक्शन की सुई से डर लगता है। यह बात वैक्सीन लगवा चुकीं महिलाओं से ही सामने आई है। अभी तक जितनी महिलाओं ने वैक्सीन लगवाई है उसमें से 50 फीसदी महिलाओं ने टीका लगवाने से पहले आंखें बंद करना, मन ही मन में कुछ बोलना या भगवान का नाम लेना आदि हरकत की है। जो बताता है कि महिला को किस तरह इंजेक्शन फोबिया है। जब कोरोना का प्रकोप बढ़ा तो महिलाएं वैक्सीन लगवाने बाहर निकली। बीते 30 दिन में महिलाओं की संख्या पुरुषों के मुकाबले अचानक बढ़ गई।
45 से 59 साल उम्र वालों ने सबसे ज्यादा लगवाया टीका
आम लोगों के लिए टीकाकरण की शुरूआत में सबसे पहले 60 साल या इससे अधिक वालों को वैक्सीन लगी। इसके बाद 45 से 59 वर्ष के ऐसे लोग जो किसी गंभीर बीमारी जैसे हाई BP, डायबिटीज व अन्य हैं तो वह अपने मेडिकल ट्रीटमेंट के दस्तावेज लेकर टीका लगवा सकते हैं। इस उम्र के महिला और पुरुषों ने सबसे ज्यादा वैक्सीन लगवाई है। इसके बाद 60 से अधिक उम्र के लोग आते हैं। अलग-अलग एज ग्रुप में अभी तक इस तरह हुई वैक्सीन।
- 18 से 29 वर्ष के बीच 17,563 को टीके लगे
- 30 से 44 उम्र के बीच वाले 27,454 लोगों को टीका लगा
- 45 से 59 वर्ष के बीच 1,48,580 महिला-पुरुष षों ने टीका लगवाया
- 60 से अधिक वर्ष वाले 1,11,017 लोग टीका लगवा चुके हैं
84 फीसदी को लगी कोविशील्ड
चार महीने के वैक्सीनेशन में सबसे ज्यादा कोविशील्ड कंपनी की वैक्सीन ही लोगों को लगाई गई है। कुल वैक्सीन लगवा चुके लोगों में से 84 फीसदी को कोविशील्ड कंपनी की वैक्सीन लगाई गई है शेष 16 फीसदी को कोवैक्सीन लगाई है। आंकड़ों में बात करें तो जिले में कोवीशील्ड व कोवैक्सीन की सप्लाई की जा रही है। इसमें 3,16,811 लोगों को कोवीशील्ड व 59,124 को कोवैक्सीन का टीका लगाया जा चुका है।
इस तरह आए मामले सामने
केस-1
जयारोग्य अस्पताल के वैक्सीनेशन सेंटर पर एक महिला ने वैक्सीन लगवाने से पहले इतना नाटक किया कि वहां वैक्सीन लगा रहा स्टाफ भी परेशान हो गया। जैसे ही नर्स वैक्सीन लगाने के लिए आती, सुई देखकर महिला आंख बंद कर लेती और शोर मचाती। जब महिला के पति ने उसे बातों में लगाया तो पलक झपकते ही नर्स ने टीका लगा दिया। इस तरह के मामले आए दिन आते रहते हैं।
केस-2
- मुरार जिला अस्पताल में सुनीता तिवारी निवासी सीपी कॉलोनी वैक्सीन लगवाने पहुंची तो उनका BP हाई हो गया। चेक किया तो BP 140-160 आ रहा था। क्योंकि महिला को इंजेक्शन से डर लगता था। इस पर उन्हें वैक्सीन नहीं लगाई और बाद में आने के लिए कहा। बाहर आकर जब महिला के परिजन ने वापस चेक कराया तो BP सामान्य था। जिस पर फिर सेंटर पहुंचे तो ब्लड प्रेशर वापस बढ़ गया।
इसे इंजेक्शन फोबिया कहते हैं
मनोचिकित्सक मुकेश कुमार कहते हैं ऐसे मान लें कि यह एक तरह का डर है। यदि कोई महिला या पुरुष किसी चीज से डरते हैं तो उसके सामने आने पर BP बढ़ना, बड़बड़ाना आदि आम बात है। इसका यही इलाज है कि उस समय उस व्यक्ति का ध्यान वहां से हटा लिया जाए। अमतौर पर महिलाओं या बच्चों में इंजेक्शन को लेकर काफी डर रहता है।