इंदौर एमवाय में मीडिया की NO एंट्री: बच्चों को चूहे कुतर रहे और कवरेज करने जा रहे मीडियाकर्मियों को धमका रहे गार्ड, मरीज के परिजन के साथ भी हो चुकी मारपीट

इंदौर एमवाय में मीडिया की NO एंट्री: बच्चों को चूहे कुतर रहे और कवरेज करने जा रहे मीडियाकर्मियों को धमका रहे गार्ड, मरीज के परिजन के साथ भी हो चुकी मारपीट


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इंदौरएक घंटा पहले

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मरीज के परिजन इतने डरे हुए है कि मीडिया से कहा हमारा चेहरा मत दिखाना।

बच्चों के पैर चूहों के कुतर जाने की खबरों के बीच इंदौर एमवाय अस्पताल फिर अपनी लापरवाहियों को लेकर चर्चा में है। यहां पहुंचे मीडियाकर्मियों के साथ सिक्युरिटी गार्ड ने न केवल अभद्रता की बल्कि धमकी भी दी गई। इसी दौरान कुछ मरीज के परिजन सामने आए और कहा कि गार्ड मारपीट भी कर चुके है।

मध्यप्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल महाराजा यशवंतराव (एमवाय) में बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां पहली मंजिल पर नर्सरी में भर्ती एक नवजात के पैर का अंगूठा और एड़ी चूहों ने कुतर दिया। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन में हड़कंप मच गया। भास्कर संवाददाता को बच्चों की नर्सरी में परिजन ने कहा यहां बहुत बड़े-बड़े चूहे हैं। इन्हें देखकर ही डर लगता है। इसी दौरान सिक्युरिटी गार्ड आ गए और अभद्रता करने लगे। यहां मौजूद मीडियाकर्मियो को गार्ड ने कवरेज से रोकते हुए धमकाया।

परिवार से कहा गया मीडिया से दूरी बनाने के लिए

घटना के बाद बच्चे के पिता किशन भाई मां अस्पताल पहुंचे। उन्होंने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि उनकी पत्नी को सातवें माह में ही डिलीवरी हो गई थी। बच्चा 19 दिन से एमवायएच में भर्ती है। पत्नी प्रियंका रविवार रात तीन बजे नर्सरी में बच्चे को दूध पिलाने गई तो बेटे के पैर व एड़ी से खून निकल रहा था। नर्सिंग स्टाफ चेंजिंग रूम में दरवाजा बंद कर सोया था। पत्नी ने उन्हें सूचना दी तो बच्चे के पैर की ड्रेसिंग की। सोमवार सुबह सात बजे पत्नी ने मुझे भी सूचना दी। दोपहर में पत्नी ने बताया कि बेटे को एक्सरे के लिए ले गए हैं। एक्सरे में बच्चे के पैर का अंगूठा नहीं दिख रहा है। सोमवार देर रात जब बच्चे की मां उसे दूध पिलाने गई थी। तब उसने देखा कि बच्चे का अंगूठा चूहे ने खा लिया था। एड़ी में भी कुछ चोट थी जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने लीपा-पोती करते हुए बच्चे की ड्रेसिंग कर उन्हें मीडिया से दूरी बनाने के लिए कह दिया था।
सख्त कार्रवाई की जाएगी
अस्पताल प्रबंधन ने तीन सदस्यीय कमेटी बना दी है। एमवाय अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर पीएस ठाकुर ने बताया कि मामला बहुत गम्भीर है। इसके लिए जो भी दोषी होगा उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मीडिया से अभद्रता पर प्रबंधन मौन
मीडिया से अभद्रता पर एमवाय अस्पताल प्रबंधन मौन है। घटना के बाद परिसर में कई मीडियाकर्मी पहुंचे थे, जिन्होंने प्रबंधन पर सीधे तौर पर गुंडागर्दी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसा क्या एमवाय अस्पताल के अंदर चलता है, जिस कारण से मीडिया को अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जाती है। मीडिया के साथ इस तरह की अभद्रता आम बात हो गई है। जिस सिक्युरिटी ऑफिसर ने मीडिया से अभद्रता की थी उसका नाम गोलू बताया जा रहा है और कई बार वह भर्ती मरीज के परिजनों से भी मारपीट कर चुका है। मीडियाकर्मियों का यह भी आरोप था कि सुरक्षा कार्ड यमराज की तरह गेट पर मुस्तैद रहते हैं। इस तरह की तानाशाही लंबे समय से चलती आ रही है लेकिन प्रबंधन अब तक मौन है।

MP के सबसे बड़े अस्पताल में बड़ी लापरवाही:नर्सरी में भर्ती नवजात के पैर का अंगूठा और एड़ी चूहों ने कुतरा, मां दूध पिलाने गई तो पता चला

एमवाय में सिक्युरिटी ऑफिसर जिसने मीडियकर्मियों को धमकाया।

एमवाय में सिक्युरिटी ऑफिसर जिसने मीडियकर्मियों को धमकाया।

एमवाय में पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं

  • 2017 में एमवाय की तीसरी मंजिल स्थित एनआईसीयू वार्ड में भीषण आग लगी थी। जिस समय आग लगी वार्ड में करीब 47 बच्चे एडमिट थे। आग लगते ही अस्पताल की लाइट बंद हो गई और पूरे वार्ड में धुआं भर गया था। जैसे-तैसे लोग बच्चों को लेकर बाहर निकले। आग छत पर लगे एसी में शार्ट सर्किट से लगी थी।
  • 2015 में एमवाय अस्पताल की पांचवीं मंजिल पर बने आईसीयू वार्ड में एक टीबी मरीज आग लगने से घायल हो गया था। ऑक्सीजन मास्क लगाते समय अचानक लाइन में आग लग गई। आग लगते ही नली के साथ धुआं मरीज के मुंह तक पहुंच गया और उसे सांस लेने में परेशानी होने लगी। यहां से गुजर रहे एक अटेंडर ने दौड़कर ऑक्सीजन सप्लाय को बंद कर मरीज को बचाया था।
  • सितम्बर 2020 में इंदौर में इतवारिया बाजार के रहने वाले 87 साल के नवीनचंद जैन को सांस लेने में तकलीफ होने पर 17 सितंबर को यूनिक अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। रविवार रात करीब 3 बजे उनकी मौत की सूचना दी गई। कहा गया कि कोरोना प्रोटोकॉल के मुताबिक उनका अंतिम संस्कार प्रशासन करेगा लेकिन जब परिजन शव लेने पहुंचे तो कथित तौर पर शव के आंख, नाक, कान को चूहों ने कुतर दिया था।



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