INDORE : कोरोना संक्रमण के मृतकों की अस्थियों को अब विसर्जन का इंतजार!

INDORE : कोरोना संक्रमण के मृतकों की अस्थियों को अब विसर्जन का इंतजार!


इंदौर के मुक्तिधाम में अस्थि अवशेषों का अंबार.

MP News : जीते जी जो इलाज, ऑक्सीजन या बेहतर स्वास्थ्य का इंतज़ार करते रहे, देह त्यागने के बाद उनकी अस्थियां अपनों का इंतज़ार कर रही हैं. मुक्तिधाम के संग्रहालय में इसी तरह कलश बढ़ते गए तो अतिरिक्त व्यवस्था करना पड़ सकती है.

इंदौर. एक तरफ, मध्यप्रदेश के इन्दौर ज़िले में कोविड 19 से हुई मौतों के ज़िला प्रशासन के आकड़ों और श्मशान के आंकड़ों में कोई तालमेल नहीं है, तो दूसरी तरफ एक और विडंबना यह देखने को मिल रही है कि श्मशान घाटों पर मृतकों के अस्थि कलशों की संख्या बढ़ती जा रही है. मुक्तिधामों में जिन लोगों का अंतिम संस्कार किया गया, उनमें से कइयों के परिजन अस्थियां लेने नहीं पहुंचे हैं इसलिए अस्थि कलशों का आंकड़ा सैकड़ों में हो चुका है. इन्दौर के पश्चिम क्षेत्र के सर्वसुविधायुक्त पंचकुइया मुक्तिधाम में इन दिनों मृतकों की अस्थियों का अंबार लगा हुआ है. थैलियों, कलशों और डिब्बों में सैकड़ों की संख्या में अस्थियां रखी हुई हैं, जिन्हें विसर्जन का इंतज़ार है. मुक्तिधाम में इन अस्थियों का ब्योरा देखने वाले कर्मचारी की मानें तो करीब 800 मृतकों की अस्थियां रखी हुई हैं. अब सवाल यह है कि क्यों इन अस्थियों का अंबार बढ़ता जा रहा है. ये भी पढ़ें : कार पर लिखा था ‘न्यायाधीश’, सब पर झाड़ता था रौब और निकला धोखेबाज़!

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इंदौर के मुक्तिधाम में अस्थि कलशों का संग्रह बढ़ता जा रहा है.

कोरोना के हालात हैं ज़िम्मेदार! मुक्तिधामों में बढ़ रही अस्थि कलशों की संख्या के पीछे साफ तौर पर महामारी के कारण बने हालात माने जा सकते हैं. इनमें से कुछ स्थितियों से इनकार नहीं किया जा सकता. * अव्वल तो मृतकों के परिजनों को बीमारी का डर है इसलिए वो कलश लेने नहीं आ रहे.
* लंबे रूट की यात्राएं फिलहाल रद्द हैं इसलिए इनका विसर्जन विधि विधान से अभी हो नहीं सकता. * अस्थि ग्रह की देखभाल करने वाले शिवनारायण भावसार की मानें तो कई बार लोग पारिवारिक विवादों के चक्कर में अस्थियां लेना भूल जाते हैं. * कर्मचारियों के मुताबिक जनता कर्फ्यू के हालात के चलते अस्थियां एकत्रित नहीं किए जा रहे. ये भी पढ़ें : इंदौर की स्वास्थ्य अधिकारी का ड्राइवर ही ब्लैक में बेच रहा था रेमडेसिविर, गिरफ्तार भावसार ने न्यूज़18 से बातचीत करते हुए यह भी बताया कि कुछ अस्थि कलश तो 10 से 15 सालों से भी अस्थि ग्रह में रखे हुए हैं, जिन्हें लेने कोई नहीं आया. 26 सालों से मुक्तिधाम में काम करने वाले भावसार के मुताबिक यहां अस्थियों को सालों साल रखा जाता है, ऐसा कोई तय नियम नहीं है कि कब तक रखा जाएगा.







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