राजनीति में दहाड़ने वाली विधायक कंचन तनवे अब शिक्षा के मैदान में भी कमाल दिखा रही हैं. 14 जून को जहां पूरा शहर उनका जन्मदिन मना रहा था, वहीं विधायक मैडम ने दिन की शुरुआत 2 घंटे की पढ़ाई से की और फिर बेटी द्वारा दही-शक्कर खिलाकर BSW फाइनल ईयर का एग्जाम देने रवाना हुईं.
विधायक कंचन तनवे ने कहा, “शिक्षा शेरनी का दूध है, जो इसे पिएगा वही दहाड़ेगा.” राजनीति में आने के बाद उन्होंने इस बात को अपनी जिंदगी का मंत्र बना लिया है. इसलिए अब वे राजनीति के साथ-साथ शिक्षा में भी निरंतर आगे बढ़ रही हैं.
बेटी बनी हौसला, मां को दही-शक्कर खिलाकर भेजा एग्जाम सेंटर
अपने एग्जाम से पहले बेटी निकिता ने मां को शुभकामना स्वरूप दही-शक्कर खिलाया. विधायक ने मंदिर में पूजा अर्चना कर परीक्षा देने का संकल्प लिया और सुबह 9:30 बजे छात्र की तरह सेंटर के लिए निकल गईं.
गरीबी और पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण कंचन तनवे ने 1997 में दसवीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी. लेकिन पति मुकेश तनवे के प्रोत्साहन से 2005 में फिर से 11वीं में एडमिशन लिया और 2009 में बारहवीं पास की. इसके बाद आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बनीं और 8 साल तक सेवा में लगी रहीं.
राजनीति में आईं, लेकिन शिक्षा की प्यास बनी रही
2023 में भाजपा ने उन्हें खंडवा विधानसभा से टिकट दिया. भारी मतों से जीतकर विधायक बनने के बाद उन्होंने सबसे पहला कदम उठाया ग्रेजुएशन में दाखिला. अब वो कहती हैं, “राजनीति के साथ-साथ पढ़ाई भी करूंगी, क्योंकि एक शिक्षित नेता ही जनता को न्याय दे सकता है.”