दतिया जिले में सिंध नदी किनारे बसे गांवों की शांति अब अवैध रेत खनन से प्रभावित हो रही है। तिगरु के ग्रामीणों ने गोविंदनगर और राजीवनगर इलाके में चल रहे अवैध उत्खनन के खिलाफ कलेक्ट्रेट पहुंचकर डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और अधिकारियों की मिलीभगत का
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ग्रामीणों का कहना है कि नदी में पंडुब्बी (बोट मशीन) की मदद से लगातार रेत निकाली जा रही है। इससे एक ओर नदी का जलस्तर गिर रहा है, वहीं दूसरी ओर गांवों में पानी की किल्लत और पर्यावरणीय संकट बढ़ता जा रहा है।
अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप ज्ञापन में ग्रामीणों ने वन विभाग के अधिकारी शैलेन्द्र सिंह गुर्जर और लांच थाना प्रभारी मुरारीलाल शर्मा पर रेत माफिया को संरक्षण देने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि इन अधिकारियों की शह पर अवैध रेत खनन का काम खुलेआम हो रहा है।
ग्रामीणों ने डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
जंगल में पेड़ काटकर बन रहे रास्ते रेत ढोने के लिए वन क्षेत्र में रास्ते बनाए जा रहे हैं, जिसके लिए पेड़ों को उखाड़ा जा रहा है। इससे जंगल की हरियाली और जैवविविधता को नुकसान पहुंच रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि इससे न केवल पर्यावरण को खतरा है, बल्कि स्थानीय जीवन भी प्रभावित हो रहा है।
अवैध खनन पर रोक लगाने की मांग ग्रामीणों ने मांग की है कि इस अवैध रेत खनन को तत्काल रोका जाए और इसमें शामिल अधिकारियों एवं माफियाओं पर सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे।