Last Updated:
Soyabean Farming: बुंदेलखंड में अब सोयाबीन की खेती घाटे का सौदा नहीं बनेगी. क्योंकि, कृषि वैज्ञानिकों ने नई विधि इजात कर ली है. जानें सब
हाइलाइट्स
- सोयाबीन की खेती में नई तकनीक से 25-30% उपज बढ़ेगी
- सरकार कृषि उपकरणों पर 40-50% अनुदान दे रही है
- किसानों को ऑनलाइन पंजीयन के बाद लॉटरी से चयन होगा
Agri Tips: बुंदेलखंड में पिछले कुछ सालों से सोयाबीन की खेती घाटे का सौदा साबित हो रही है. कभी कम बारिश तो कभी ज्यादा बारिश की वजह से किसानों को नुकसान झेलना पड़ रहा है. लेकिन, अब कृषि वैज्ञानिकों ने एक नई तकनीक विकसित की है, जिससे फसल सुरक्षित रहेगी. उत्पादकता में भी 25 से 30% की वृद्धि होगी. इस पद्धति में बेड बनाकर फसल की बुवाई की जाती है. अगर ज्यादा पानी गिरता है तो वह नालियों के माध्यम से बाहर निकल जाता है. अगर पानी कम गिरता है तो बेड की नमी से फसल की पूर्ति होती रहती है.
उपरकणों पर सरकार दे रही अनुदान
आगे बताया, अच्छी बात ये कि सरकार भी इस तकनीक को प्रमोट कर रही है. इस तरह की तकनीक को अपनाने के लिए अलग-अलग कृषि उपकरणों की जरूरत पड़ती है. ऐसे उपकरणों पर प्रदेश सरकार किसानों को अनुदान दे रही है. तीन एकड़ से कम खेती वाले किसानों को 50% और 5 एकड़ से अधिक खेती वाले किसानों को 40% का अनुदान दिया जा रहा है. हालांकि, इसमें विभाग द्वारा हर जिले के लिए अलग-अलग टारगेट दिए जाते हैं.
अगर कोई इस मशीन को विभाग के माध्यम से खरीदना चाहता है, तो सबसे पहले कृषि विभाग की साइट पर उसे ऑनलाइन पंजीयन करना पड़ेगा. इसके बाद योजना में जाकर आवेदन करें, तो स्वीकृति होने के बाद लॉटरी सिस्टम से चयन किया जाएगा.