पिता के हाथ से फिसल गया मोबाइल, फोन उठाने गई बेटी और…

पिता के हाथ से फिसल गया मोबाइल, फोन उठाने गई बेटी और…


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Guna News: गुना में एक पिता की गरीबी ने उसकी 18 साल की बेटी पूनम की जान ले ली. ट्रक से सफर करते वक्त बेटी गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गई. इस हादसे में उसकी मौत हो गई.

गुना में दर्दनाक हादसा.

हाइलाइट्स

  • मध्य प्रदेश के गुना में दर्दनाक हादसा
  • ट्रक से गिरकर बच्ची की मौत
  • गरीब परिवार के पास अंतिम संस्कार के लिए नहीं थे पैसे

संदीप दीक्षित

गुना. गुना स्थित नेशनल हाइवे पर रुठियाई के नजदीक से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. यहां एक पिता की बेबसी और गरीबी ने उसकी 18 साल बेटी की जान ले ली। यह दुखद हादसा मंगलवार-बुधवार की दरमियानी लगभग 3 बजे सामने आई है, जिसने एक परिवार के सपनों को हमेशा के लिए तोड़ दिया और सिस्टम की घोर लापरवाही को भी उजागर किया. जानकारी के मुताबिक विदिशा जिले के हमीदपुर गांव के रहने वाले दारा सिंह लोधी बीते कई सालों से इंदौर की गणेश धाम कॉलोनी में रहकर एक प्राइवेट कंपनी में काम कर रहे थे.

महज 18 हजार रुपये की मामूली सैलरी में अपनी पत्नी प्रीति लोधी और 4 बच्चों पूनम, मधु, अनुराधा, विराट का किसी तरह गुजारा कर रहे थे. लेकिन हाल ही में दारा सिंह की नौकरी छूट गई, जिससे परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा.

12वीं में पढ़ती थी बेटी
आर्थिक तंगी इतनी बढ़ गई कि उन्हें इंदौर छोड़कर अशोकनगर स्थित ससुराल में शिफ्ट होने का फैसला लेना पड़ा. अशोकनगर में किराए के मकान का एडवांस देने के बाद दारा सिंह के पास बस का किराया तो दूर, सफर के लिए भी पैसे नहीं बचे थे. मजबूरी में परिवार ने अपने सामान के साथ एक ट्रक के पीछे बैठकर सफर करने का जोखिम भरा फैसला किया. उन्हें नहीं पता था कि यह फैसला उनकी 18 साल की बेटी पूनम की जिंदगी पर भारी पड़ेगा. गुना जिले में नेशनल हाईवे-46 रुठियाई के पास जैसे ही ट्रक एक तेज ब्रेकर पर पहुंचा, दारा सिंह के हाथ से उनका मोबाइल गिर गया. पीछे बैठी उनकी बेटी पूनम, जो कि 12वीं की साइंस की छात्रा थी, मोबाइल उठाने के लिए झुकी.

ट्रक के अचानक उछलने से वह असंतुलित होकर नीचे गिर गई. पूनम के सिर में गंभीर चोट लगी और वह वहीं तड़पने लगी. परिवार ने तुरंत 108 एम्बुलेंस को फोन किया, लेकिन दुखद रूप से एम्बुलेंस एक घंटे तक नहीं पहुंची. अस्पताल पहुंचने से पहले ही पूनम ने दम तोड़ दिया. मां की चीखें, बहनों की रुलाई और पिता की खामोशी का वह मंजर हर आंख को नम कर गया. सबसे दुखद बात यह है कि अब इस गरीब परिवार के पास अपनी बेटी के अंतिम संस्कार के लिए भी पैसे नहीं हैं. पिता दारा सिंह ने बताया कि हमारे पास गुना से विदिशा शव ले जाने तक के पैसे नहीं हैं. कुछ रिश्तेदारों को फोन किया है उम्मीद है वो आएंगे, ताकि बेटी का अंतिम संस्कार किसी तरह हो सके.

Preeti George

Preeti George is lead content writer at hindi.news18.com having experience of more than 5 years in digital media. After completing her masters from Kushabhau Thakre Journalism university, she worked in various …और पढ़ें

Preeti George is lead content writer at hindi.news18.com having experience of more than 5 years in digital media. After completing her masters from Kushabhau Thakre Journalism university, she worked in various … और पढ़ें

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