आलोट क्षेत्र में किसानों ने मानसून की औपचारिक शुरुआत से पहले ही खेती की तैयारियां शुरू कर दी हैं। पिछले दिनों हुई बारिश से खेतों में नमी बनी हुई है। मौसम विभाग के अनुसार 24 जून से क्षेत्र में मानसून की दस्तक होगी।
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मालवा क्षेत्र की मुख्य फसल सोयाबीन है। आलोट में इस बार भी सोयाबीन का रकबा अधिक रहेगा। किसान सोयाबीन के साथ मक्का की बोवाई भी कर रहे हैं।
इस बार मक्का भी बो रहे किसान
धतुरिया के किसान मोहन सिंह राठौर ने 4 बीघा में मक्का और 3 बीघा में सोयाबीन की बोवाई का निर्णय लिया है।
पिछले 3 वर्षों से सोयाबीन के दाम कम मिल रहे हैं। अधिक बारिश में फसल खराब हो जाती है। किसानों को फलन की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। रोग लगने से उपज कम हो रही है। सोयाबीन का भाव 4000 रुपए प्रति क्विंटल तक सीमित है।
किसान खेतों में मक्के की बुआई करा रहे हैं।
सोयाबीन की खेती में लागत अधिक
एक बीघा सोयाबीन की खेती में 10,000 रुपए से अधिक लागत आती है। 5 क्विंटल प्रति बीघा उपज मिलने पर किसानों को लाभ होता है। 3 क्विंटल से कम उपज होने पर नुकसान होता है।
किसानों को मक्के की फसल से उम्मीद
मक्का की खेती में किसानों को अच्छी कमाई की उम्मीद है। एक बीघा मक्के में बुवाई से कटाई तक 15,000 रुपए की लागत आती है। प्रति बीघा 15 क्विंटल से अधिक उपज मिलती है। मक्के का बाजार भाव 2,400 रुपए प्रति क्विंटल से अधिक है। मध्य प्रदेश सरकार मक्का की खेती पर 4,000 रुपए प्रति हेक्टेयर का अनुदान दे रही है।