बरसात का टमाटर रहेगा लाल, बैंगन चमकदार, भिंडी मुलायन, न फसल सड़ेगी, न कीड़े पड़ेंगे, जानें खेती का ये तरीका

बरसात का टमाटर रहेगा लाल, बैंगन चमकदार, भिंडी मुलायन, न फसल सड़ेगी, न कीड़े पड़ेंगे, जानें खेती का ये तरीका


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Monsoon Farming Tips: बरसात में सब्जियों की खेती किसानों के लिए चुतौतीपूर्ण हो जाती है. क्योंकि, इसी समय कीड़े, बाढ़, जलभराव आदि का प्रकोप शुरू हो जाता है. ऐसे में किसान क्या करें? यहां जानें..

हाइलाइट्स

  • बरसात में सब्जियों की खेती के लिए ये तकनीक अपनाएं.
  • टमाटर के पौधों को स्टेकिंग तकनीक सड़ने से बचाएगी
  • बैंगन की फसल में नीम ऑयल का छिड़काव करें

Monsoon Farming Tips: मानसून की दस्तक के साथ ही खेतों में हरियाली की उम्मीद तो जागती है, लेकिन इसके साथ ही सब्ज़ियों की खेती करने वाले किसानों के लिए कई चुनौतियां भी सामने आ जाती हैं. कीड़ों का प्रकोप, जलभराव, पौधों की सड़न और उत्पादन में गिरावट जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं. लेकिन, अब किसान कुछ आधुनिक और वैज्ञानिक तकनीकों को अपनाकर इन परेशानियों से बच सकते हैं और अच्छा मुनाफा भी कमा सकते हैं.

ये तकनीक अपनाएं किसान
सोहावल विकासखंड की वरिष्ठ उद्यानिकी अधिकारी सुधा पटेल ने लोकल 18 को बताया कि बारिश के मौसम में सब्ज़ी की फसलों को बचाने के लिए सबसे ज़रूरी है खेत का सही चुनाव. खेत ऐसा हो जहां पानी का जमाव ना हो और जिसमें प्राकृतिक ढलान (स्लोप) हो, ताकि अतिरिक्त पानी बाहर निकल सके. उन्होंने सलाह दी कि किसान रेज्ड बेड तकनीक का उपयोग करें, जिसमें खेत में मेड़नुमा ऊंचाई पर पौधे लगाए जाते हैं और उनके दोनों ओर नालियां होती हैं. इससे पौधे जलभराव से सुरक्षित रहते हैं और मिट्टी में नमी बनी रहती है जो कम बारिश की स्थिति में भी फायदेमंद साबित होती है.

टमाटर की खेती में स्टेकिंग तकनीक से करें बचाव
अधिकारी ने विशेष रूप से टमाटर की खेती करने वाले किसानों को स्टेकिंग तकनीक अपनाने की सलाह दी. बरसात में टमाटर की पत्तियां और फल पानी के संपर्क में आने से सड़ जाते हैं, जिससे उत्पादन पर असर पड़ता है. इसके लिए बांस या लोहे की रॉड का इस्तेमाल करते हुए पौधों को ऊपर की तरफ बांधना चाहिए, ताकि वो जमीन से संपर्क में ना आएं. हवा ठीक से लगे. ऐसा करने से न सिर्फ पौधे स्वस्थ रहते हैं, बल्कि फल भी सड़ने से बचते हैं. किसानों को बेहतर रेट मिलता है.

बैंगन के कीट नियंत्रण के लिए जैविक उपाय
बारिश के मौसम में बैंगन की फसल में भी कीड़ों का हमला आम होता है विशेषकर फूल आने के समय. एक्सपर्ट ने सुझाव दिया कि इस अवस्था में जैविक कीटनाशक जैसे नीम ऑयल का छिड़काव करना चाहिए. प्रति लीटर पानी में 5 एमएल नीम ऑयल मिलाकर स्प्रे करने से फल को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों से बचाव होता है. क्योंकि अक्सर फल आने के समय ही कीड़े अंडे दे देते हैं, जो बाद में फल को खोखला कर देते हैं और बाज़ार में उसकी कीमत गिर जाती है.

बरसात में कारगर हैं ये तकनीक
विशेषज्ञ ने बताया की बरसात में सतना व मैहर में मिर्ची, बैंगन, धनिया, टमाटर, पालक आदि की खेती कर खूब मुनाफा कमाते हैं. वहीं, मानसून में यदि किसान सही तकनीक अपनाएं तो न सिर्फ वे अपनी फसल को बचा सकते हैं, बल्कि अधिक उत्पादन और बेहतर मुनाफा भी कमा सकते हैं. रेज्ड बेड और स्टेकिंग जैसी तकनीक बारिश के मौसम में सब्ज़ी की खेती करने वाले किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती हैं.

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