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Siberian Birds in Ujjain: बाबा महाकाल की नगरी मे मोक्ष दायनी मां शिप्रा प्रभावित होती है. एक समय ऐसा था जब यहा साइबेरियन पक्षी हजारों किलोमीटर यात्रा कर अवंतिका नगरी पहुंचते थे.
हाइलाइट्स
- उज्जैन में साइबेरियन पक्षी हजारों किलोमीटर की यात्रा करते हैं.
- महाकाल मंदिर के आसपास पक्षी आज भी परिक्रमा करते हैं.
- साइबेरियन पक्षी 6000 किलोमीटर तक की यात्रा कर सकते हैं.
शुभम मरमट / उज्जैन. धार्मिक नगरी उज्जैन विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल के नाम से जानी जाती है. बहुत से लोग इसे धार्मिक नगरी नाम से भी जानते हैं. यहां पर एक वक्त था जब साइबेरियन पक्षियों की चहचहाहट से नगरी गूंज उठती थी. सुबह सूर्य उदय होते ही ये पक्षी निकल पड़ते थे तीर्थों की परिक्रमा लगाने और सूर्य अस्त होते ही लौट आते थे कल कल बहती क्षिप्रा नदी किनारे घने जंगलों में, सप्त सागर किनारे अपने अपने बसेरों में डेरा डालने. आज के समय मे बदलते वक्त में अब यह साइबेरियन पक्षी भी विलुप्त होते जा रहे हैं. कई ऐसे पक्षी हैं जिनका उज्जैन से गहरा संबंध रहा है.
पुराविद डॉ. रमण सोलंकी बताते हैं कि, महाकाल की नगरी मे कई ऐसे रहस्य हैं जो आज भी छुपे हुए हैं. कुछ समय पहले देखा जाता था. अवंतिका नगरी में विदेशी साइबेरियन पक्षियों का आना-जाना रहता है. इसका एक मुख्य कारण यहां बहने वाली कल कल मां क्षिप्रा नदी और सप्तसागरों का होना है. क्षिप्रा नदी 119 किलोमीटर का सफर तय करती है. यह चंबल नदी में जाकर मिलती है. चंबल नदी यमुना नदी में मिलती है और यमुना अपना विराट स्वरूप लेकर गंगा नदी में प्रवेश करती है. जब क्षिप्रा चंबल में चंबल यमुना में और यमुना गंगा में मिलती है तो यह सतरंगी दृश्य हो जाता है. ऐसे दृश्य विरले ही होते हैं. उज्जैन में सप्तसागरों का महत्व होने से ये पक्षी हजारों किलोमीटर दूरी तय कर हमारे देश के पक्षियों के साथ अभ्यारण करने चले आते थे.
आज भी करते हैं महाकाल को प्रणाम कई पक्षी
महाकाल मंदिर के आस पास कई ऐसे विलुप्त पक्षी हैं जो आज भी देखने को मिल जाते हैं. भगवान की आरती के समय यह मंदिर की परिक्रमा करते हुए नज़र आ जाते हैं. यह पक्षी शिखर नुमा आकार में उड़ते हैं. जब भी हम इन्हें ध्यान से देखेंगे तो यह अपने आप में एक शिखर नुमा आकर बनाते हैं और फिर परिक्रमा लगाते हैं. और अलग-अलग प्रजाति के यह पक्षी अपनी चहचहाहट से इस प्रकृति की खूबसूरती को और खूबसूरत बनाते हैं.
जानिए साइबेरियन पक्षियों की खासियत
पक्षी कई प्रकार के होते हैं लेकिन यह साइबेरियन पक्षी बहुत खास होते हैं क्योंकि यह कई किलोमीटर तक का सफर तय कर सकते हैं. एक बार में 6,000 किलोमीटर तक यह पहुंचते हैं. इनकी खासियत है कि यह अपने रंग आकार से पहचाने जाते हैं. साइबेरियन पक्षियों की स्मरण शक्ति इंसानों से भी बेहतर होती है. यह कभी भी अपना रास्ता नहीं भटकते. सही समय पर अपने तय स्थान पर पहुंचते हैं.