खंडवा. मध्य प्रदेश समेत उत्तर भारत में इस समय मानसून ने जोर पकड़ लिया है. बारिश शुरू होते ही सांप बिलों से निकलना शुरू कर देते हैं. इस मौसम में खेत, घरों के आसपास और बगीचों में छोटे-छोटे सांप अक्सर देखने को मिलते हैं. कई लोग इन नन्हे सांपों को देखकर सोचते हैं कि ये बच्चे हैं, तो ज्यादा नुकसान नहीं करेंगे लेकिन सच तो यह है कि ये नन्हे सांप उतने ही खतरनाक होते हैं, जितना कि बड़े बल्कि कुछ मामलों में तो इनका जहर वयस्क सांप से भी ज्यादा असरदार होता है. आज हम आपको बताएंगे उन पांच नन्हे सांपों के बारे में, जिनका जहर इतना खतरनाक है कि एक गलती आपको मौत के मुंह में ले जा सकती है.
रसेल वाइपर के बच्चे अक्सर खेतों, झाड़ियों और गीली जगहों पर पाए जाते हैं. इनका रंग हल्का भूरा होता है और पीठ पर गोल-गोल गहरे धब्बे होते हैं. दिखने में छोटे और मासूम लेकिन इनका जहर किसी से कम नहीं है. भारत में सर्पदंश से होने वाली मौतों की वजह में रसेल वाइपर का नंबर सबसे ऊपर है. इस सांप के काटते ही शरीर में दर्द, सूजन, खून बहना शुरू हो जाता है और जहर तेजी से रक्त प्रवाह में मिलकर कुछ घंटों में जान ले सकता है.
2. कॉमन करैत (Common Krait Snake)
कॉमन करैत के बच्चे पतले और काले-भूरे रंग के होते हैं, जिन पर सफेद धारियां होती हैं. यह सांप रात में ज्यादा सक्रिय रहते हैं, इसलिए अक्सर लोग सोते वक्त इसके काटने का शिकार होते हैं. हैरानी की बात यह है कि कॉमन करैत के जहर से तुरंत दर्द नहीं होता, जिससे व्यक्ति को पता ही नहीं चलता कि उसे सांप ने काटा है. इसका जहर तंत्रिका तंत्र पर हमला करता है, जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है और समय पर इलाज न मिलने पर जान जा सकती है.
सॉ-स्केल्ड वाइपर छोटा होता है और इसके शरीर पर छोटी-छोटी खुरदुरी धारियां होती हैं. इसके बच्चे देखने में प्यारे लग सकते हैं. इस सांप को ‘हिस्सिंग वाइपर’ भी कहा जाता है क्योंकि खतरा महसूस होने पर ये अपनी त्वचा रगड़कर एक डरावनी आवाज निकालते हैं. इसका जहर रक्त बनने की प्रक्रिया में गड़बड़ी कर देता है, जिससे अंदरूनी रक्तस्राव शुरू हो जाता है. समय पर इलाज न मिला, तो कुछ घंटों में मौत निश्चित है.
4. बैंडेड करैत (Banded Krait Snake)
बैंडेड करैत के बच्चे सुंदर, काले और पीले रंग के होते हैं, इसलिए अक्सर लोग इनसे आकर्षित हो जाते हैं, पर इस सांप से दूर रहना ही समझदारी है. बैंडेड करैत के जहर में मौजूद न्यूरोटॉक्सिन्स मांसपेशियों को पंगु बना सकता है, जिससे व्यक्ति सांस नहीं ले पाता. बिना एंटी-वेनम के इस सांप के काटने पर कुछ ही घंटों में मौत हो सकती है.
कोबरा के बच्चे भले ही कितने भी छोटे हों, उनके जहर में वही ताकत होती है, जो एक वयस्क कोबरा में होती है. इंडियन कोबरा के जहर से मस्तिष्क और नसें प्रभावित होती हैं, जिससे सांस लेने में दिक्कत, चक्कर, घबराहट और फिर बेहोशी छा सकती है. कुछ ही घंटे में इसका असर पूरा शरीर जाम कर सकता है और मौत हो सकती है.
सावधानी और इलाज जरूरी
बरसात के मौसम में घर के दरवाजे, खेत-खलिहानों और बगीचों में सतर्क रहें. अगर कभी सांप काट ले, तो घबराएं नहीं. जिस हिस्से पर काटा हो, उसे हिलाए-डुलाए बिना तुरंत अस्पताल पहुंचें और जल्द से जल्द एंटी-वेनम लगवाएं. याद रखें कि सांप छोटे हों या बड़े, दोनों ही खतरनाक हो सकते हैं. थोड़ी सतर्कता से हम अपनी और अपने परिवार की जान बचा सकते हैं. इस मौसम में सुरक्षित रहें, अपने घर और खेत के आसपास नियमित रूप से सफाई रखें ताकि सांपों को छिपने की जगह न मिले.