इंडिया हारा फिर मैदान पर मौजूद इस महिला के लिए क्यों दोनों टीमों ने ताली मारा?

इंडिया हारा फिर मैदान पर मौजूद इस महिला के लिए क्यों दोनों टीमों ने ताली मारा?


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हेडिंग्ले लीड्स में भारतीय टीम टेस्ट हार गई और इंग्लैंड ने पांचवे दिन के अंतिम सेशन में टेस्ट मैच जीता. पांच दिन तक जिस तरह से पिच खेली और सबके लिए बराबर मौके थे उसके लिए यॉर्कशायर की पहली महिला क्यूरेटर जैस्मि…और पढ़ें

महिला पिच क्यूरेटर जैस्मिन निकोल्स ने बनाई हेडिंग्ले की वो पिच जिस पर हार गई टीम इंडिया

लीड्स से राजीव की रिपोर्ट. आज के दौर में टेस्ट क्रिकेट का पांच दिन चलना, हर सेशन में गेंद और बैट के बीच में बराबरी का संघर्ष दिखना,और 15 सेशन के खेल के दोनों टीमों के पास जीतने के बराबर मौके बने हो तो एक ताली पिच क्यूरेटर के लिए बनती है और खास तौर पर मैदान और पिच तैयार करने वाली महिला हो तो वो डबल ताली की हकदार हैं. ये पिच क्यूरेटर है हेडिंग्ले की जैस्मिन निकोल्स.

यॉर्कशायर के हेडिंगले ग्राउंड में प्रवेश करते हैं, तो आप निश्चित रूप से मुख्य ग्राउंडसमेन रिचर्ड रॉबिंसन के तहत काम कर रही एक महिला ग्राउंड स्टाफ से मिलना चाहेंगे. वह हैं 28 वर्षीय जैस्मिन निकोल्स है, जो प्रमुख हेडिंगले ग्राउंड पर पिच की तैयारी में शामिल होने वाली पहली महिला है, जो दूसरों के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत है. एक समय पर लेस्टर से राष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा लेने की मन बनाने वाली जैस्मिन ने महिला स्टाफ बनने का मन बना लिया. मगर हेडिंग्ले मैदान के मुख्य ग्राउंडसमन की सलाह के बाद वो बतौर ग्राउंड स्टाफ के तौर पर जुडी.

15 सेशन में 1671 रन और गिरे 35 विकेट 

हेडिंग्ले टेस्ट में भारतीय टीम की हार और पिच  जिस तरह से पांचो दिन खेली उसकी चर्चा जमकर हो रही है.भारत ने पहली पारी में 471 और दूसरी पारी में 364 रन बनाए वहीं इंग्लैंड ने पहली पारी में 464 और दूसरी में 373 रन बनाए और मैच जीता. पिच में ना तो असमतल उछाल नजर आया और ना ही बल्लेबाजी के लिए मदद जिसके पास स्किल था वो बेहतर प्रदर्शन कर पाया. इसीलिए पिच क्यूरेटर  जैस्मिन की तारीफ हर कोई कर रहा है. जैस्मिन कोविड से पहले में इवेंट मैनेजमेंट से जुड़ी हुई थी जो क्रिकेट प्रतियोगिताओं के दौरान अपनी सेवाएँ दिया करते थे. कोरोना के बाद बड़े पैमाने पर इवेंट आयोजन पर कहीं हद तक रोक लगी और उस दौरान रिचर्ड की और से मुझे यॉर्कशायर काउंटी टीम के ग्राउंड्समन की टीम में शामिल होने का न्यौता दिया गया. इस काम से मैं बिल्कुल अंजान थी मगर छोटे क्लब और मैदानों के ग्राउंड का रखरखाव करनेवालों के संपर्क में आकर मैंने काम की बारिकियाँ जानने की कोशिश की और उनके प्रयासों का नतीजा आपके सामने है.

इंग्लैंड में जाना पहचाना नाम है जैस्मिन निकोल्स

जैस्मीन केवल यॉर्कशायर क्रिकेट स्टेडियम में ही नहीं बल्कि एजबेस्टन में खेले गए महिला एशेस मैच के लिए पिच की तैयारी करने वाली महिला ग्राउंड स्टाफ की टीम का भी हिस्सा भी रह चुकी है. जैस्मिन ने कहा की वहां काम करते हुए पाँच दिन के मुक़ाबलों के लिेए किस तरह पिच का निर्माण किया जाता है इसका पूरा ज्ञान प्राप्त हुआ. इंग्लैंड में जैस्मिन जैसी और कई महिला ग्राउंडसवुमन शामिल है. पर भारत में बैंग्लोर में केवल एक ही महिला इस क्षेत्र से जुड़ी हुई है. आज के मॉर्डन क्रिकेट युग में जैस्मिन जैसी महिलायें इस ग्लैमरस खेल से जुड़ने का अलग पर्याय दुनिया के सामने रखने का सफल प्रयास करती दिखाई दे रही है.

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