Satna News: धान की खेती में परंपरागत तरीकों से रोपाई करना अब बीते जमाने की बात होती जा रही है. एक एकड़ खेत में धान की रोपाई के लिए जहां पहले कम से कम 20 मजदूरों की जरूरत होती थी, वहीं अब पैडी ट्रांसप्लांटर मशीन से यह काम केवल तीन लोग मिलकर कर सकते हैं. कृषि क्षेत्र में मशीनों के बढ़ते उपयोग ने न केवल समय और मेहनत की बचत की है, बल्कि इससे उत्पादन में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है.
तीन कैटेगरी में उपलब्ध है मशीन
कृषि अभियांत्रिकी विभाग सतना में वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी प्रकाश चंद्र निगम ने बताया, पैडी ट्रांसप्लांटर मशीन मुख्य रूप से तीन कैटेगरी में उपलब्ध है. इसमें चार कतार, छह से आठ कतार और आठ से अधिक कतार वाली मशीन है. इन तीनों के लिए सरकार द्वारा अलग-अलग अनुदान तय किए गए हैं.
चार कतार वाली मशीन की कीमत लगभग 3 लाख रुपये होती है. इसे हाथ से पीछे पकड़कर चलाना पड़ता है. इस पर छोटे किसान, महिला और एससी-एसटी वर्ग के किसानों को 1.70 लाख रुपये और अन्य किसानों को 1.36 लाख रुपये का अनुदान मिलता है. छह कतार वाली मशीन अधिक आधुनिक और कुशल होती है. इसकी कीमत 12 से 17 लाख रुपये के बीच ब्रांड के अनुसार होती है. इसमें एससी-एसटी, महिला और छोटे किसानों को 6 लाख रुपये तथा सामान्य वर्ग के किसानों को 4.80 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जा रहा है.
ऐसे करें आवेदन, जानें जरूरी दस्तावेज
अनुदान के लिए किसानों को ई-कृषि अनुदान पोर्टल के माध्यम से आवेदन करना होगा. इसके लिए जरूरी दस्तावेज़ों में आधार कार्ड, बी-1, बैंक पासबुक की फोटोकॉपी, दो पासपोर्ट साइज फोटो और जाति प्रमाणपत्र (एससी एसटी) चाहिए, आवेदन के समय एक धरोहर राशि की डिमांड ड्राफ्ट भी जमा करनी होती है जो 5000 या 10000 रुपये तक हो सकती है और हर साल बदलती रहती है. यह राशि मशीन खरीदने के बाद वापस कर दी जाती है.
जहां छह कतार वाली मशीन एक घंटे में एक एकड़ रोपाई कर लेती है, वहीं आठ घंटे में यह लगभग 10 एकड़ खेत की रोपाई कर सकती है. वहीं छोटी मशीन एक दिन में 5 एकड़ तक का कार्य करने में सक्षम है. सतना और मैहर को मिलाकर अब तक 35 मशीनें अनुदान पर वितरित की जा चुकी हैं, जिससे किसानों को सीधा लाभ मिला है. यह मशीन न केवल समय की बचत करती है, बल्कि खेती को आर्थिक रूप से भी मजबूत बना रही है.