मध्यप्रदेश क्राइम फाइल्स के पार्ट 1 में आपने पढ़ा कि भोपाल में बोरे में बंद एक युवती की लाश मिलती है। पुलिस उसकी जींस पैंट की तलाशी लेती है तो बस का टिकट मिलता है। टिकट पर लिखे नंबर पर बात करने पर पता चलता है कि लाश वसुंधरा बुंदेला की है जो नेशनल इंस्
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पुलिस को पता चलता है कि वसुंधरा पूर्व विधायक और कुख्यात बदमाश अशोक वीर विक्रम सिंह उर्फ भैया राजा की नातिन है। पुलिस जांच के दौरान भैया राजा के ड्राइवर भूपेंद्र को गिरफ्तार करती है। पूछताछ में वो वसुंधरा के शव को ठिकाने लगाने की बात कबूल कर लेता है।
वसुंधरा हत्याकांड मामले में आखिरकार पुलिस ने भैया राजा से पूछताछ शुरू कर दी। पुलिस के दो अधिकारियों ने पहले भोपाल में विधायक विश्राम गृह में पूछताछ की और फिर उन्हें पुलिस कंट्रोल रूम बुलाया गया, जहां देर रात तक पूछताछ की गई।
भोपाल पुलिस वसुंधरा के हत्यारों के बारे में पता लगाने में जुटी थी। सबूतों को इकट्ठा कर रही थी। इस बीच अशोक वीर विक्रम सिंह उर्फ भैया राजा की तबीयत खराब हुई और उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। भैया राजा की पत्नी आशारानी सिंह विधायक थीं। इस बीच बीमारी का बहाना बनाकर मिसरोद थाने की पुलिस उस प्राइवेट अस्पताल पहुंची, जहां भैया राजा भर्ती था। पुलिस टीम ने भैया राजा का ट्रीटमेंट कर रहे डॉक्टर से बात की। बीमारी के बारे में पूछा।
पुलिस टीम ने डॉक्टर से कहा कि बिना किसी ठोस कारण के इस तरह भर्ती करना ठीक नहीं है। साथ ही पुलिसिया अंदाज में इसके होने वाले नुकसान भी डॉक्टर को गिनाए। परिणामों के डर से डॉक्टर ने 20 दिसंबर 2009 को भैया राजा की तुरंत छुट्टी कर दी।
नौकरानी की आत्महत्या की फाइल भी खुली वसुंधरा की हत्या की जांच के बीच भोपाल पुलिस के अधिकारियों ने भैया राजा की फाइलों को खंगालना शुरू किया।

मामला बाहुबली नेता से जुड़ा था। तब खुदकुशी और अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज कर इसे रफा-दफा कर दिया गया। नौकरानी की आत्महत्या से जुड़ी फाइल को दोबारा खोलने पर पुलिस को पता चला कि वह पन्ना जिले के एक गांव की सरपंच रह चुकी थी। नौकरानी की मौत के बाद भैया राजा की पत्नी आशारानी सिंह जो उस समय जिला पंचायत की अध्यक्ष थीं, उन्होंने लिखित रूप से घोषणा की कि नौकरानी तिज्जो बाई का कोई निकट संबंधी नहीं है, इसलिए उसका शव उन्हें सौंपा जाए ताकि वो उसका अंतिम संस्कार कर सकें। तिज्जो बाई का शव भैया राजा के परिजनों को मिल गया। इसके बाद ड्राइवर भूपेंद्र से अंतिम संस्कार करने के लिए कहा गया।
पन्ना पहुंचने पर पता चली भैया राजा की करतूत मामले की जांच करते हुए भोपाल पुलिस की टीम पन्ना जिले में पहुंची। यहां पुलिस को नौकरानी के साथ भैया राजा द्वारा बलात्कार करने के बारे में पता चला। ये भी पता चला कि इसमें उनकी पत्नी आशारानी का पूरा सहयोग था।

आखिरकार निराशा में डूबी नौकरानी तिज्जो ने भोपाल में भैया राजा के घर में खुद को आग लगाकर अपनी जान दे दी थी।
नेपाल भाग गई विधायक पत्नी आशारानी भैया राजा और विधायक पत्नी आशारानी सिंह के खिलाफ नौकरानी की हत्या के मामले में केस दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू हुई। केस दर्ज होते ही विधायक आशारानी सिंह नेपाल भाग गई। मामले की जांच में पुलिस ने मृतक नौकरानी तिज्जो बाई के पति को ढूंढ निकाला। वो दिल्ली में मिला। उसके बयान दर्ज करने के लिए पुलिस भोपाल लेकर आई। बाद में तिज्जो का भाई भी पुलिस के सामने आया। उसने पुलिस को बताया कि तिज्जो को भैया राजा के कारिंदों ने जबरदस्ती अगवा किया था।
पुलिस ने जांच पूरी की और कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी।
सेशन कोर्ट ने आशारानी सिंह को भगोड़ा घोषित कर गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। तब तक वो नेपाल से लौट चुकी थी और एक मंत्री के फार्महाउस में रह रही थी।

विधानसभा से बाहर निकलते ही पुलिस ने पकड़ा आखिरकार आशारानी सिंह भोपाल की एक अदालत में आत्मसमर्पण करने पहुंची। उस समय तक केस डायरी कोर्ट में नहीं पहुंची थी और पुलिस को उसे पेश करने के लिए कहा गया। गिरफ्तारी के डर से आशारानी ने विधानसभा के अंदर शरण ली। जैसे ही पुलिस को इसकी जानकारी मिली, उन्होंने विधानसभा भवन को घेर लिया।
मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष को उनकी मौजूदगी की जानकारी दी गई। पुलिस अफसरों ने बताया कि आशारानी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट है और वे उसे नौकरानी की आत्महत्या के मामले में गिरफ्तार करना चाहते हैं। पुलिस को आशारानी के विधानसभा से बाहर निकलने तक का इंतजार करने के लिए कहा गया।

शुरू से थी भैया राजा की बेटी पर बुरी नजर वसुंधरा की मां भारती ने पुलिस को बातचीत के दौरान बताया कि भैया राजा की शुरू से ही मेरी बेटी पर बुरी नजर थी और उससे बचाने के लिए ही मैंने अपनी बेटी को भोपाल पढ़ने के लिए भेजा था। मुझे क्या पता था कि वह दुष्ट भोपाल में भी उसका पीछा नहीं छोड़ेगा।
वसुंधरा अपनी हत्या से पांच दिन पहले छतरपुर गई थी और भैया राजा की तस्वीर दिखाते हुए कहा था कि उसने उसके साथ कुछ गलत किया है, लेकिन वह इसके बारे में किसी को नहीं बता सकती। बेटी का गर्भपात भी कराया गया था।
अस्पताल से बाहर निकलते ही भैया राजा गिरफ्तार इधर, छुट्टी के बाद अस्पताल से बाहर आते ही पुलिस की टीम ने भैया राजा को वसुंधरा की मौत के 9 दिन बाद गिरफ्तार कर लिया और मिसरोद थाने ले आई। पति की गिरफ्तारी से नाराज विधायक आशारानी सिंह ने अपने समर्थकों के साथ डीजीपी आवास के बाहर धरना दे दिया। तब तक आशारानी की गिरफ्तारी नहीं हुई थी क्योंकि नौकरानी वाले केस में गिरफ्तारी बाद में हुई।

इसके बाद पुलिस टीम उसे लेकर वापस भोपाल लौट आई। वसुंधरा की हत्या में ड्राइवर के अलावा भैया राजा का भतीजा पंकज शुक्ला भी शामिल था।
पुलिस ने वसुंधरा की हत्या के मामले में भैया राजा, ड्राइवर हल्के उर्फ भूपेंद्र, पंकज शुक्ला के अलावा रोहणी शुक्ला उर्फ रम्मी, भैया राजा के नौकर छोटू अभिमन्यु सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया था। मिसरोद पुलिस ने तीन महीने में वसुंधरा हत्याकांड की जांच पूरी कर 18 मार्च 2010 को कोर्ट में चालान पेश किया। इसमें कुल 56 गवाहों की सूची अदालत में पेश की गई थी।

कोर्ट ने सुनाई उम्र कैद की सजा कोर्ट में भैया राजा ने कहा कि वसुंधरा बुंदेला हत्याकांड से उसका कोई वास्ता नहीं है। पुलिस ने साजिश के तहत झूठा फंसाया है। जबकि घटना वाले दिन वो भोपाल में नहीं था। कोर्ट में करीब 4 साल केस चला। आखिरकार वसुंधरा हत्याकांड में 30 मई 2013 को अपर सेशन जज संजीव कालगांवकर की अदालत ने भैया राजा के अलावा पंकज शुक्ला, अभिमन्यु और हल्के उर्फ भूपेंद्र को उम्रकैद की सजा सुनाई। आरोपी रामकिशन को भी दोषी माना। आरोपी रम्मी उर्फ रोहिणी शुक्ला को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।
इस मामले में एक अन्य नाबालिग आरोपी की सुनवाई जुवेनाइल कोर्ट में हुई। वसुंधरा के पिता के वकील ने सभी दोषियों के लिए फांसी की सजा की मांग की थी। कोर्ट ने सजा हत्या का आरोपी मानकर ही सुनाई।
कोर्ट ने आदेश में कहा कि देह शोषण का आरोप साबित नहीं हो पाया, लेकिन गर्भपात के प्रमाण बताते हैं कि इसी वजह से हत्या करवाई गई। हत्या करवाने का उद्देश्य भैया राजा के अलावा अन्य किसी का नहीं हो सकता।
वहीं इसी साल नवंबर 2013 में लंबी सुनवाई के बाद सेशन कोर्ट ने नौकरानी तिज्जो बाई की आत्महत्या के मामले में भी भैया राजा और आशारानी को 10 साल की सजा सुनाई।

कोर्ट ने भैया राजा को वसुंधरा की मौत का दोषी पाया।
एक साल बाद भैया राजा की मौत साल 2013 में कोर्ट ने भैया राजा को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। दिसंबर 2014 में तबीयत खराब होने पर उसे हमीदिया अस्पताल में भर्ती किया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। उसे पैरालिसिस का अटैक होने पर सेंट्रल जेल से हमीदिया अस्पताल में भर्ती किया गया था।
मध्यप्रदेश क्राइम फाइल्स सीरीज की इस कड़ी का पहला पार्ट भी पढे़ं…
युवती को सिर में गोली मारी, बोरे में भरकर फेंका

मध्यप्रदेश क्राइम फाइल्स में इस बार बात एक ऐसे जघन्य हत्याकांड की, जिसने प्रदेशभर में सनसनी फैला दी थी। एक युवती को सिर में गोली मारी गई, फिर उसका शव सुनसान जगह पर फेंक दिया गया। पुलिस की जांच में पता चला कि वो नेता वीर विक्रम सिंह उर्फ भैया राजा की नातिन वसुंधरा बुंदेला है। पढ़ें पूरी खबर…