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Mann ki Baat 123rd Episode: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात प्रोग्राम में बालाघाट की सुकमा दीदी का जिक्र किया, आइए जानते हैं इनके बारे में.
हाइलाइट्स
- पीएम मोदी ने मन की बात में सुमा उइके की सराहना की.
- सुमा उइके ने स्व-सहायता समूह बनाकर आत्मनिर्भरता हासिल की.
- प्रधानमंत्री मुद्रा लोन से सुमा ने थर्मल थेरेपी सेंटर शुरू किया.
बालाघाट को देशभर में यूं तो नक्सल प्रभावित होने के लिए जाना जाता रहा है. लेकिन समय के साथ बालाघाट अपनी पहचान बदल रहा है. खास तौर से बालाघाट की महिलाएं समय के साथ उन्नति कर रही हैं. दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कटंगी ब्लॉक के भजियापार की सुमा उइके का जिक्र किया है. अब वह आत्मनिर्भर हो रही है. जानिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्या कहा…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 123वें एपिसोड का आज (29 जून) प्रसारण हुआ. इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने बालाघाट जिले के कटंगी के भजियापार गांव की रहने वाली सूमा उईके की सफलता की कहानी सुनाई.
कटंगी विकासखंड के अंतर्गत आने वाली सुमा अपने घर-गृहस्थी का काम करने के साथ-साथ आत्मनिर्भर बनी. उन्हें आजीविका मिशन के कर्मियों ने स्व-सहायता समूह के बारे में जानकारी दी. सूमा ने अपने आस-पास के परिवारों की महिलाओं को जुटाकर आदिवासी आजीविका विकास स्व-सहायता समूह बनाया जिसमें वह अध्यक्ष भी बनीं. समूह संचालन के साथ बचत जमा करने पर उन्हें राशि की बचत करने का एक रास्ता नजर आया.
आजीविका मिशन के ग्राम नोडल ने बैठक में समूह से जुड़ी महिलाओं को मिलने वाले फायदे के बारे में बताया. सूमा उईके ने आर-सेटी (RSEETI ) से ऑर्गेनिक मशरूम उत्पादन और CTC में पशुपालन की ट्रेनिंग ली.
प्रधानमंत्री मुद्रा लोन के जरिए बदली किस्मत
भजियापार की रहने वाली सुमा उईके 2014 में एक स्व सहायता समूह से जुड़ी थी. इसके बाद वह साल 2017 में वह आजीविका मिशन से जूड़ी. तब से उन्हें आत्मनिर्भर बनने की चाहत हुई. इसके लिए वह कई जगह ट्रेनिंग के लिए गईं. और थर्मल थेरेपी की स्किल्स सीखी. आजीविका मिशन के अधिकारियों ने उन्हें प्रधानमंत्री मुद्रा लोन के बारे में बताया और उन्होंने लोन के लिए अप्लाई कर दिया. लोन मिलते ही उन्होंने कटंगी शहर में अपना आजीविका थर्मल थेरेपी सेंटर शुरू किया, जिससे वह आत्मनिर्भर बनीं.
सुमा न सिर्फ आत्मनिर्भर बनी, बल्कि दूसरों को भी रोजगार दिया
सुमा बताती हैं कि लोन लेने के बाद थर्मल थेरेपी सेंटर शुरू किया. समय के साथ उनका यह व्यवसाय तेजी पकड़ने लगा. ऐसे में उनकी आय में वृद्धि होने लगी और दूसरे कुछ लोगों को भी रोजगार दिया. अब वह इस मुकाम पर पहुंचकर गर्व महसूस करती है. वह कहती हैं कि जीवन में कुछ करने की ठान लो तो सब कुछ मुमकिन, बशर्ते करने की चाहत होनी चाहिए.