मानसून में निखरी सतपुड़ा की रानी, बारिश भी फंस गई पहाड़-जंगलों के बीच, पचमढ़ी बना चेरापूंजी

मानसून में निखरी सतपुड़ा की रानी, बारिश भी फंस गई पहाड़-जंगलों के बीच, पचमढ़ी बना चेरापूंजी


शैलेंद्र कौरव
नर्मदापुरम.
मानसून ने जैसे ही मध्यप्रदेश में दस्तक दी, ‘सतपुड़ा की रानी’ पचमढ़ी की खूबसूरती निखर उठी. हर तरफ हरियाली की चादर, झरनों की कलकल और बादलों की ओट में छिपे पहाड़—यह नज़ारा किसी स्वर्ग से कम नहीं लग रहा. बीते कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश ने यहां का मौसम और भी सुहाना बना दिया है. पचमढ़ी में अब न केवल पर्यटक, बल्कि इंद्रदेव भी ठहर गए हैं. बारिश के ऐसे दृश्य सामने आ रहे हैं कि लोग इसे ‘एमपी की चेरापूंजी’ कहने लगे हैं. मौसम विभाग ने अगले 5 दिनों तक येलो अलर्ट जारी किया है. हालांकि बारिश ने खूबसूरती तो बढ़ा दी है, लेकिन साथ ही पहाड़ी इलाकों में सतर्कता भी जरूरी हो गई है. सतपुड़ा की गोद में बसा यह हिल स्टेशन इन दिनों बारिश और रोमांच का नया चेहरा बना हुआ है.

पचमढ़ी अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है और मानसून में यह सौंदर्य अपने चरम पर होता है. बारिश के कारण बी-फॉल, अप्सरा विहार सहित कई प्रमुख झरनों में पानी का प्रवाह बढ़ गया है, जिससे उनकी छटा और भी निखर गई है. पर्यटक इन झरनों के पास जाकर ठंडे पानी का लुत्फ उठा रहे हैं और खूबसूरत नज़ारों को अपने कैमरों में कैद कर रहे हैं. स्थानीय गाइड पर्यटकों को इन स्थलों के महत्व और इतिहास के बारे में विस्तृत जानकारी दे रहे हैं, जिससे उनका अनुभव और भी समृद्ध हो रहा है.

पचमढ़ी की हरियाली, धुंध से ढकी पहाड़ियां और बहते झरने
जुलाई के महीने में, विशेष रूप से सप्ताहांत पर, पचमढ़ी में पर्यटकों की भीड़ उमड़ पड़ती है. शनिवार और रविवार की छुट्टियों का लाभ उठाने के लिए बड़ी संख्या में परिवार पचमढ़ी पहुँच रहे हैं. मॉनसून के इस खुशनुमा मौसम में पचमढ़ी की हरियाली, धुंध से ढकी पहाड़ियां और बहते झरने शहरी जीवन की भागदौड़ से दूर एक शांत और तरोताजा कर देने वाला अनुभव प्रदान करते हैं. बच्चे हो या बड़े, सभी रेनी सीजन का भरपूर मज़ा ले रहे हैं, प्रकृति की गोद में सुकून के पल बिता रहे हैं.

अगले 5 दिनों तक लगातार बारिश होने का पूर्वानुमान
नर्मदापुरम जिले में मानसून का दौर लगातार जारी है. मौसम विभाग के अनुसार, जिले में अगले 5 दिनों तक लगातार बारिश होने का पूर्वानुमान है, जिससे पर्यटकों की आमद और बढ़ने की उम्मीद है. जिले में अब तक 999.9 मिलीमीटर बारिश दर्ज की जा चुकी है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में दर्ज की गई 708.7 मिलीमीटर बारिश से काफी अधिक है. हालांकि, पचमढ़ी में आज तक 1.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है, जो यह दर्शाता है कि अधिकांश बारिश आसपास के मैदानी इलाकों में हुई है, लेकिन पचमढ़ी को भी इसका पूरा लाभ मिल रहा है, जिससे यहां का मौसम खुशनुमा बना हुआ है.

जोखिम भरे स्‍थानों पर ना जाएं पर्यटक 
वन विभाग और स्थानीय प्रशासन पर्यटकों से अपील कर रहा है कि वे झरनों और जोखिम भरे स्थानों पर सावधानी बरतें. मानसून में भूस्खलन का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए सुरक्षित रास्तों का ही उपयोग करने की सलाह दी जा रही है. इसके बावजूद, पचमढ़ी का आकर्षण पर्यटकों को अपनी ओर खींच रहा है, जो इस खूबसूरत हिल स्टेशन के प्राकृतिक जादू का अनुभव करना चाहते हैं. मानसून के सक्रिय होने से पचमढ़ी में पर्यटन को भी नई गति मिली है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ हो रहा है.

अगले 7 दिनों तक ऐसा रहेगा मौसम, विभाग ने बताया पूर्वानुमान 
मध्यप्रदेश में जुलाई के पहले सप्ताह (1–5 जुलाई) के दौरान मानसून जारी रहेगा, साथ ही मौसम विभाग की चेतावनी भी बनी रहेगी. इंदौर, भोपाल, उज्जैन क्षेत्रों में 30 जून को येलो–ऑरेंज अलर्ट जारी है, तो कई जिलों में 1 और 2 जुलाई को ‘बहुत भारी बारिश’ की संभावना जताई गई है. जैसे इलाकों में 1 और 2 जुलाई की सुबह–दोपहर में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है, जिससे फ्लैश फ्लड और जलजमाव की आशंका बनी हुई है. 3 से 5 जुलाई तक भी बारिश की गतिविधि जारी रहेगी, हालांकि औसतन 27–30 °C तापमान और 70–80 % नमी से सुखद मौसम का अनुभव होगा. इस दौरान पहाड़ी और नदी-नाले वाले इलाकों में सड़क एवं ढलान क्षेत्रों पर विशेष सावधानी बरतें.



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