Last Updated:
हेडिंग्ले टेस्ट में भी हमने देखा कि पिच पर घास थी लेकिन मैच के पहले दिन में घास कम हो गई. कल एजबेस्टन की पिच पर थोड़ी घास थी. एक दिन बाद, यह कम हो गई. अगर कल तक यह पूरी तरह खत्म हो जाए तो कोई आश्चर्य नहीं होगा….और पढ़ें
ऐजबेस्टन की पिच की मिली पहली झलक, कहीं बदल ना जाए मैच से पहला इसका रंग ?
बर्मिंघम से राजीव की रिपोर्ट. घूंघट की आड़ से पिछले कई दिनों से दूल्हन का चेहरा देखने की कोशिश कर रहे थे फाइनली फटा पोस्टर और निकल कर सामने आ गई दूल्हन यानि वो पिच जिस पर सीरीज की दूसरा टेस्ट मैच खेला जाएगा. लीड्स की लड़ाई जिस पिच पर भारतीय टीम हारी उसके बारे में बोला तो बहुत गया पर सही मायनों में देखा जाए तो इंग्लैंड ऐसी ही पिच पर खेलना चाहता है जो सपाट और सीधी चले पर सवाल बड़ा ये है कि ऐजबेस्टन में 22 गज की पट्टी क्या गुल खिलाती है.
बॉलर लोग बजाओ ताली, पिच पर दिखी हरियाली
ऐजबेस्टन में तेज गेंदबाज
1986 में चेतन शर्मा ने इस मैदान पर 10 विकेट हासिल किए थे हलांकि वो टेस्ट मैच ड्रा रहा. इसके अलावा ईशांत शर्मा और कपिल देव को भी यहां पर सफलता मिली है पर क्या बदले हुए पिच के मिजाज ने गेंदबाजों के लिए कुछ छोड़ा है ये हमेशा से बर्मिंघम में बड़ा सवाल रहा है. हलांकि ऐजबेस्टन का ट्रेडिशन यहीं कहता है कि शुरुआती मदद तेज गेंदबाजों को: एजबेस्टन की पिच शुरुआत में तेज गेंदबाजों के लिए मददगार साबित होगी. ड्यूक्स गेंद हवा में स्विंग और सीम ले सकती है, जिससे बल्लेबाजों को शुरुआती ओवरों में परेशानी हो सकती है. खासकर अगर आसमान में बादल छाए रहते हैं, तो तेज गेंदबाजों को और भी फायदा मिलेगा. टॉप ऑर्डर के बल्लेबाजों के लिए तेज गेंदबाजों के सीम मूवमेंट को संभालना मुश्किल हो सकता है, जिससे शुरुआती विकेट जल्दी गिरने की संभावना हमेशा बनी रहती है.