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Bhopal UB CITY Project: भोपाल के UB CITY में 80 से ज्यादा परिवार अपने ‘ड्रीम होम’ के नाम पर ठगे गए. अधूरी इमारतें, मलबा, जानलेवा लिफ्ट और बिल्डर की लापरवाही ने उनके सपनों को तोड़कर रख दिया है.
UB CITY में 80 परिवारों ने खोई अपनी कमाई
हाइलाइट्स
- भोपाल के UB CITY में 80 परिवार ठगे गए.
- अधूरी इमारतें और जानलेवा लिफ्ट से परिवार परेशान.
- RERA में शिकायत दर्ज कराने की सोच रहे निवासी.
रिहायशी शोरूम में टूटी उम्मीदें
सुनील तिवारी, जो इस प्रोजेक्ट के एक भरोसेमंद निवासी हैं कहते हैं कि हमने बुकिंग के समय मॉडल ब्रॉशर में जो दिखाया था उसका आधा हिस्सा भी पूरा नहीं हुआ. और अब हमें अपनी महंगी पूंजी पर निजी मेंटेनेंस करने को मजबूर होना पड़ रहा है.” वे बताते हैं कि न तो ग्राम पंचायत ने, न कलेक्टर कार्यालय ने उनकी कोई सुनवाई की. “हमने RERA में शिकायत दर्ज कराने के बारे में भी सोचा है, अगर ज़रूरत पड़ी तो थाने तक जाएंगे.”
राहुल गुप्ता की बातों में यह झलकता है कि वे आरोपों को बेमतलब बताते हुए कहते हैं कि हमने कोई फर्जी दस्तावेज या कोई नकली समिति नहीं बनाई. शिकायत करने का हर किसी को अधिकार है.”
हालात यह हैं कि यह “ड्रीम होम” अब एक अधूरी और बेबसी की स्थिति बन गया है, जहां हर दीवार अनसुलझी कहानी सुना रही है. किसी को उम्मीद थी कि यह जगह बच्चों की हंसी से गूंजेगी, लेकिन अब वो हंसी कहीं खो सी गई है. डर के बल पर रहने को मजबूर ये परिवार अपने अपनों की भविष्य की चिंता में डूब गए हैं.
रहवासी कहते हैं कि जब तक बिल्डर और प्रशासन उनकी सुनवाई नहीं करते, तब तक वे रुकने वाले नहीं हैं. RERA शिकायत से लेकर पुलिस थाने तक, वे हर कानूनी भटकाव के विकल्प आजमाने को तैयार हैं. उनका कहना है कि जब हमने सपने देखे थे, तो पूरी ताउम्र मेहनत की थी उन्हें पूरा करने में. अब वे सिर्फ एक सुनवाई चाहते हैं, एक वादा जो पूरा हो.