विशेष न्यायालय ने गांजा तस्करी के आरोप में कई दिन तक जेल में रहे दो आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। मामला ग्वालियर रेलवे स्टेशन का है, जहां 14 नवंबर 2021 को रात्रि गश्त के समय निरीक्षक संजय कुमार आर्या व उनकी टीम ने राजस्थान निवासी बजरं
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जब मामला विशेष न्यायालय (एनडीपीएस) पहुंचा, तो पता चला कि गांजे के सैंपल 15 नवंबर 2021 से लेकर 23 नवंबर 2021 तक संदिग्ध अवस्था में रहे। नारकोटिक्स ब्यूरो कोर्ट को ये बता ही नहीं पाया कि उक्त 9 दिन की अवधि में सैंपल को किसकी अभिरक्षा में रखा गया। यही नहीं, धारा 52-ए की कार्रवाई में 3 साल की देरी के संबंध में भी जांच एजेंसी संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई। इसके आधार पर कोर्ट ने पूरी कार्रवाई को संदिग्ध मानते हुए आरोपियों को बरी किया।
इस मामले में आरपीएफ ने 14 नवंबर 2021को बजरंगलाल शर्मा (40) और पांचूराम सैनी (56) दोनों निवासी जयपुर को रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 2 से गिरफ्तार किया। कोर्ट में दी गई गवाही में तत्कालीन अवर श्रेणी लिपिक प्रदीप कुमार ने बताया कि उसे 16 नवंबर 2021 को अधीक्षक बीएस कुमार ने दो सैंपल और सीलबंद लिफाफा दिल्ली में जमा करने का निर्देश दिया था।
तत्कालीन मालखाना प्रभारी रजनीश शर्मा ने बताया कि आरपीएफ में पदस्थ उपनिरीक्षक आरएस राजावत ने उन्हें दो सीलबंद पैकेट 24 नवंबर को दिए। इसी आधार पर कोर्ट ने माना कि 9 दिन तक सैंपल किस अभिरक्षा में रखे गए, ये स्पष्ट ही नहीं है।